फौजी – एम पी सिंह : Moral Stories in Hindi

मॉ, मैं जब भी घर आता हूँ, तुम मेरी शादी की ही बात करती हो, अब मैं छुट्टी लेकर घर नहीं आऊँगा, ये कहना था हवलदार करतार सिंह का। बेटा, हर मॉ की चाहत होती हैं, बहू पोते का मुंह देखे, तेरे साथ के सभी लड़के 2-3 बच्चों के बाप बन गए हैं, क्या तू मुझे ये सुख नहीँ देना चाहता? क्या मैं ऐसे ही मर जाऊँगी?

ये कहते कहते मॉ की आँख भर आईं। मॉ, एक फौजी की जिंदगी का कोई भरोसा नहीं। न जाने कब किसी आतंकी, नक्सली की गोली कहीं से आकर अपना काम कर जाये और पीछे छोड़ जाये किसी की बेटी को विधवा। फिर मॉ, तुम उसको संभालोगी या अपने आपको? पिताजी भी करगिल की लड़ाई में गए थे, फिर कभी लौटकर नही आये।

मुझे तो उनका चेहरा भी ठीक से याद नहीं है, पर क्या तुम उन्हें कभी भूल पाई हो? चुपकर, मॉ गुस्से में बोली, ऐसी अशुभ बाते नहीं करते, भगवान इतना निर्दयी नही है की सारे दुःख हमारी ही झोली में डाल दें, आगे सब अच्छा ही होगा। मॉ का दिल रखने के लिए करतार ने सोचने के लिए थोड़ा वक़्त मांगा। कुछ दिन बाद करतार वापिस बॉर्डर पर चला गया।

वहाँ उसकी मुलाकात अतुल से हुई, जो काफी मिलनसार था औऱ कुछ ही दिन पहले पोस्टिंग पर आया था। हालांकि, वो उम्र में काफी छोटा था, परंतु जल्दी ही दोंनो में काफी घनिष्ठता हो गई। बातो बातो में पता चला कि वो भी राजस्थान का ही रहने वाला है और उसकी शादी पक्की हो गई हैं, अगले महीने उसकी सगाई ओर 6 महीने बाद शादी है।

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अतुल ने सबको अभी से ही शादी का न्योता दे दिया और कहा कि जरूर आना है। करतार बोला, सबको एकसाथ छुट्टी नही मिलेगी, ओर पता नहीं 6 महीने बाद बॉर्डर के क्या हालात होते हैं, इसलिए मैं सगाई पर भले ही  1 दिन के लिए ही सही, पर चलूँगा, ओर शादी पर नहीँ भी आया तो चलेगा। करतार की बात से उसके साथी सहमत हो गए।

अतुल सगाई से 5-6 दिन पहले ही चला गया ऒर करतार ओर उसका दोस्त एक दिन पहले चले गए। कार्यक्रम में काफी चहल पहल थी, सब लोग मौज मस्ती कर रहे थे, पर करतार की नज़र एक सीधी सादी लड़की पर पड़ी जो हर महमान की आवभगत में लगी हुई थी और चेहरे पर हल्की हल्की मुस्कान थी। 

सगाई के बाद करतार ओर उसका दोस्त रात की गाड़ी से वापस आ गए। कुछ दिन बाद अतुल भी आ गया और फिर बातो ही बातों में करतार ने अतुल से पूछा कि सगाई के समय,

हल्की हरी साड़ी में एक लड़की थी जो सबको अटेंड कर रही थी, सारा काम भी खुद कर रही थीं ऒर चेहरे पर कोई शिकन भी नही थी, वो कोन थीं? अतुल बोला, अरे वो, वो तो राधा हैं, मेरी बडी बहन, बहुत ही समझदार ओर सहनशील है। वो बचपन से ही मेरा बहुत ख्याल रखती हैं।

 अरे करतार, तूने बताया नही कि अब तक तूने शादी क्यो नहीँ की? क्या बताऊँ, करतार बोला, मॉ को अकेला देखता हूँ, तो सोचकर भी डर लगता हैं, कहीं मैं भी पिताजी की तरह शहीद हो गया, तो बीबी का क्या होगा? पर अब सोचता हूँ कि किसी फौजी की विधवा से शादी करके, उसके जीवन मे खुशियां भर दू। उसके बाद अगर शहीद भी हो गया तो बीवी को ज्यादा दुःख नही होगा। अतुल बोला, जब तेरा मन पक्का हो जाये तक बता देना, बाकी इंतजाम मैं कर दूँगा।

अतुल शादी करके वापस आ गया और फिर एक दिन बात चली तो अतुल ने करतार से पूछा, शादी के बारे मे क्या सोचा ? करतार बोला, फैसला कर लिया है, फौजी की विधवा से ही शादी करनी है। तब अतुल बोला, मैंने तुझे अपनी बडी बहन के बारे में बताया था न, उसकी भी शादी एक फौजी से हुई थी। पर मॉ डरती थीं फौजी से रिश्ता  करने से, पर पिताजी ने ठान लिया था कि दामाद फौजी ही होगा। 3 साल पहले एक आतंकी हमले में उसका पति मारा गया, 

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ओर नतीजा सामने है। होनी को कोई नही टाल सकता। मेरी शादी के बाद, अब राधा का भी कही रिश्ता करना है, बड़ी मुश्किल से शादी के लिये राज़ी हुई हैं। तुम अगर राधा से शादी के लिये तैयार हो, तो मुझे ख़ुशी होगी। करतार बोला, तूमने तो मेरे दिल की बात कह दी। मैं अपने आप को खुश किस्मत समझूंगा, पर एक बार राधा की मंजूरी जरूर ले लेना। अतुल ने अपने घर वालो से बात करके सब की सहमति लेली। फिर करतार ने मॉ को फोन किया और बोला मॉ, मैंने तेरे लिए बहु पसंद कर ली है, बस जात पात की बात मत करना, जब बोलोगे शादी कर लूंगा। मॉ ने झट से रजामंदी दे दी और जल्दी ही करतार ओर राधा की शादी हो गई।

करतार की माँ को बहु के रूप मे बेटी मिल गई और दोनो एक दुसरे का सहारा बन गए। करतार मॉ की चिंता से बेफिक्र होकर बॉर्डर पर डयूटी निभा रहा है।

देश सेवा के लिए फ़ौज में भर्ती होना जरूरी नहीं है, फौजी की विधवा को सहारा देकर नई जिंदगी देना भी देश सेवा से कम नहीं है।

लेखक

एम पी सिंह

( Mohindra Singh)

स्वरचित, मौलिक, अप्राकृतिक

19 May 25

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