एक खुशी उसके लिए जो आपको खुश रखती है – अंजु अनंत

जब से मयूरी मेरी ज़िंदगी मे आई है उसने मेरी जिंदगी सवार दी। मेरी जरूरत मेरी पसंद-नापसंद का ख्याल कितने अच्छे से रखती है वो… माँ के बाद एक वही है जिसने मेरा इतना ख्याल रखा। बचपन में मेरी माँ मेरे एग्जाम टाइम में रात-रात भर मेरे साथ जगती थी

बीच-बीच मे पानी और गरम दूध ला कर देती थी। आज मयूरी भी उसी तरह मेरे बिजनेस के कामों में मेरी मदद करती है, मैं अगर रात भर जग कर काम करता हू तो उसकी भी रात भर की ड्यूटी लग जाती है मुझे कॉफी बना कर देने की। माँ के उस एहसान को तो मैंने मयूरी जैसी आज्ञाकारी बहू ला कर उतार दिया जो दिन रात उनकी सेवा में लगी रहती है। लेकिन मैं मयूरी का ये एहसान कैसे उतारू…???

“चलो मयूरी आज बाहर घूम कर आते है, कोई अच्छी सी फ़िल्म भी देख लेंगे और खाना भी बाहर खा लेंगे” मैंने मयूरी को खुश करने के अंदाज से कहा। “अरे नही बच्चों के एग्जाम्स शुरू होने वाले है उनको पढ़ाई में मेरी मदद चाहिए होगी, और माँजी की तबियत भी सही नही है वो अकेले कैसे घर सम्भाल पाएंगी। अगर आपको कुछ अलग खाने का मन है तो बता दो मैं बना दूँगी बाहर पैसा बर्बाद करने से क्या फायदा”

मयूरी के इस जवाब के आगे मैं कुछ कह ना सका। मैं उस इंसान को कैसे खुश करू जो सबको खुश करने में लगी रहती है। मैंने मयूरी का हाथ पकड़ कर उसे अपने पास बैठा कर कहा-“मयूरी तुमने मेरे लिए इतना कुछ किया है मैं भी तुम्हारे लिए कुछ करना चाहता हूँ,

लेकिन तुम हो कि हर बात पे मना कर देती हो।” मेरी बात सुन के मयूरी ने कहा-“आपने भी तो मेरे लिए कितना कुछ किया है, इतना प्यारा परिवार दिया है, माँ जैसी सासूमाँ दिया है, प्यारे-प्यारे दो बच्चे दिए है। किसी चीज की कमी नही रखी आपने मेरे लिए तो इतना सब ही बहुत है।

” उसकी बात सुन के थोड़ा सोच कर मैंने कहा-“मैडम जी मानो ना मानो पर तुम समय से पहले ही बुड्ढी हो रही हो ना घूमने फिरने का शौक है, ना कपड़ो का ना गहनों का। अरे कितनी लडकिया घूमने फिरने और फ़िल्म देखने की शौकीन रहती है।

” मेरा हाथ छुड़ाते मयूरी ने हँसते हुए जवाब दिया “श्रीमान जी मैं आपकी बीवी हु गर्लफ्रैंड नही जो इन सब चीजों से मुझे खुश करने की कोशिस कर रहे हो” कहते हुए मयूरी घर के काम निपटाने चली गई।

मैं उसके जाने के बाद सोचता रहा कि या तो मैं भाग्यशाली हूं या ये बेवकूफ। बेवकूफ शब्द सोचते ही मुझे हँसी आ गई। सारी कोशिस बेकार गई। मैडम जी को किसी भी चीज का शौक नही है। लेकिन मुझे उसके लिए कुछ करना था जिससे उसे खुशी मिले,

वैसे उसने कभी उदास होने का दिखावा नही किया था पर उसके चेहरे पर जो खुशी रहती थी वो दुसरो को खुश देख कर आती थी। अब मुझे लगा कि ये मेरे अकेले के बस की बात नही है इसमें किसी की मदद तो लेना ही पड़ेगा। इस काम के लिए मैंने अपने बच्चों की मदद लेने की सोची,

पहले तो वो यही सोचेंगे कि आज पापा को क्या हो गया, पुरानी फिल्में देख-देख के कही उनके अंदर भी हीरो का भूत तो नही जाग गया। खैर छुपते-छुपते मैं उनके कमरे में गया। छुपते-छुपते इस लिए क्योंकि मुझे मयूरी ने देख लिया तो कहेगी कि मैं बच्चो को पढ़ाई में डिस्टर्ब कर दूँगा।




बच्चें अपने कमरे में बैठ कर पढ़ रहे थे, मुझे देख कर चौक गए क्योंकि मैं कम ही जाता हूं उनके कमरे में। सृष्टि ने कहा-“पापा कुछ काम था क्या” मैंने कहा हां बेटा एक काम है जिसमे मुझे तुम दोनों की मदद चाहिए। इतने में मेरा बेटा शुभ भी मेरे पास आ कर बैठ गया।

मैंने दोनो को पूरी बात बताई की तुम्हारी मम्मी हम सबके लिए कितना कुछ करती है हमे भी उनके लिए कुछ करना चाहिए ना। दोनों बच्चे मेरी बात सुन कर बहुत खुश हुए। एक से बढ़ कर एक आईडिया सोचने लगे। मैंने कहा तुम लोग आराम से सोचों और मुझे बताना

पर इस बारे में तुम्हारी मम्मी को कुछ नही पता चलना चाहिए। दोनो ने डन कहा और मैं वापस अपने कमरे में आ गया। रात में खाना खाने के बाद मयूरी कमरे में आराम से सो रही थी। मैं चुपके से बच्चों के कमरे में गया, तीनों मिल कर “मम्मी खुश करो अभियान” पर काम करने लगे।

सच कहूँ आज बच्चों से जुड़ कर मुझे इतना अच्छा लग रहा था कि मेरे खुशी की कोई सीमा नही थी। हमेशा अपने काम मे व्यस्त होने के कारण कभी ये खुशी नही ले पाया। मुझसे ज्यादा खुश बच्चे लग रहे थे। अपने पापा के प्लान में साथ देने पर उनको कितनी खुशी मिल रही थी

ये उनके चेहरे से पता चल रहा था। हम तीनों ने आखिर वो तरकीब निकाल ही ली। कल सुबह से उस प्लान पर काम करना था। मैंने दोनों बच्चो को गुड़ नाईट कहा और वापस अपने कमरे में आ गया।

सुबह मयूरी नहा कर नाश्ते की तैयारी करने गई लेकिन

ये क्या नाश्ता तो बना रखा है। सृष्टि ने आ कर कहा-“मम्मी आज से नाश्ता मैं ही बनाऊँगी आप हमेशा चाहते थे ना कि मैं भी घर के काम सीखू इसलिए मैंने शुरुवात आज से ही कर दी अब जल्दी से सब चख के बताओ कि कैसे बना है” शुभ ने कहा

-“हाँ मम्मी इसके आज के नाश्ते से इसका फ्यूचर तय हो जाएगा कि ये ससुराल में गाली खाएगी या नही” मम्मी ने प्यार से डांटते हुए शुभ से कहा-“चुप रहो मेरी रानी बिटिया के खाने में कोई कमी हो ही नही सकती लेकिन बेटा तुम अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो ये सब काम के लिए मैं हू ना।

” मैंने कहा-“अरे हमारे बच्चे बहुत होशियार है वो हर चीज में अव्वल रहेंगे।” सब ने मिल कर नाश्ता किया। माँ को भी अच्छा लग रहा था कि उनकी गुड़िया घर के काम-धाम सीखने में रुचि ले रही है।  शुभ ने कहा-“मम्मी मैं भी कल से कंप्यूटर क्लास जॉइन कर रहा हूं, अब मोबाइल का ज्यादा यूज़ करना बंद अब पूरा ध्यान अपने कैरियर पर दूँगा।

” आज मयूरी के आश्चर्य का ठिकाना नही था। बेटी के बाद बेटे में भी हुए सुधार को देख कर उसे कितनी खुशी मिल रही थी। सृष्टि ने घर के कामों में मयूरी की पूरी-पूरी मदद की।

डोरबेल बजी मयूरी ने दरवाजा खोला सामने खड़े अपने मम्मी-पापा को देख कर वो फूली नही समाई। “अरे पापा मम्मी आप लोग अचानक कैसे।” मैंने कहा-“मैंने बुलाया है, आपको तो फुर्सत ही नही थी मायके जाने की इसलिए मैंने आपके मायके को ही ससुराल में बुला लिया

” मयूरी की आँखों मे आँसू आ गए लेकिन खुशी के। वो आंखों ही आंखों से मुझे धन्यवाद देने लगी। सृष्टि ने कहा-“मम्मी आप नाना-नानी के साथ बैठ कर बाते करो घर का काम हम सब निपटा लेंगे। मैंने कहा-“आज चलो मैं सब को अपने हाथ की चाय पिलाता हू” मयूरी हँसने लगी”

कभी पानी तक तो गरम किये नही हो बड़े आए चाय बनाने वाले। “अरे मोहतरमा आपके साथ रहते-रहते बहुत कुछ सिख लिया है मैंने” सब मेरी बात सुन कर हँसने लगे मयूरी झेंप गई। मैंने चाय बनाया ज्यादा अच्छी तो नही बनी पर सबने तारीफ की। यही तो एक अच्छे परिवार की परिभाषा है सब एक दूसरे का साथ देते है।

शाम को सब मिल कर बाहर खाना खाने गए, वापस आ कर सबके चेहरे पर खुशी थी और सब से ज्यादा मयूरी के चेहरे पर। इस खुशी को देखने के लिए मैं कब से तरस रहा था। आज के बाद मेरे जीवन मे बहुत से परिवर्तन आए, मैं अपने बच्चों से घुल-मिल गया, पत्नी को खुश करने का सपना पूरा हो गया। सब एक दूसरे के कामों में मदद करने लगे। ये काम मैं अकेले नही कर सकता था क्योंकि जो सब को खुश रखती है उसे खुश करना अकेले के बस की बात नही है।

मेरी तरह आप भी अभियान चलाइये “एक खुशी उसके लिए जो आपको खुश रखती है” लेकिन अपने बच्चों और परिवार वालो की मदद लेना मत भूलना

आपको ये कहानी कैसी लगी जरूर बताइये, अपने विचार हमारे साथ बाँटिये।

Anju Anant

2 thoughts on “एक खुशी उसके लिए जो आपको खुश रखती है – अंजु अनंत”

  1. Bahut hi achhi aise Suvichar agar samaj ko milte rahen to samaj mai jaroor positive parivartan ayenge aur parivar bhi nahin tinge🙏👌

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