मेम साब चोरी मैने नहीं की है।विश्वास कीजिए मुझ पर। इतने सालों की मेरी ईमानदारी पर बट्टा मत लगाईए ।कितनी थू थू होगी मेरी। आपको अगर मुझे नौकरी से निकालना ही है तो मैं चली जाऊंगी लेकिन आरोप लगाकर मत हटाइए।मुझे कहीं भी काम नहीं मिल पाएगा।
नहीं मोहिनी मेरा बेटा दिलीप कह रहा है तुमने ही चुराए है रुपए अब तो पुलिस आएगी तभी तुम सच बोलोगी।
मेम साब दिलीप भैया मुझसे नाराज रहते है ।वैसे तो आप मुझे हटाएगी नहीं इसलिए वह झूठ बोल रहे हैं मोहिनी बार बार विनती कर रही थी मेरे बच्चे भूखों मर जाएंगे पुलिस मत बुलवाइए ।
लेकिन मेम साब जब तक कुछ कहतीं उनके सुपुत्र दिलीप ने फोन कर पुलिस बुला लिया।
जब पुलिस अधिकारी आया तब मोहिनी मेम साब के# पैरों पर नाक रगड़ रही थी बिलख रही थी और मेम साब तन कर खड़ी थीं।
चलो तुम्हे थाने लेजाकर ही पूछताछ करनी पड़ेगी।सीधे से तो तुम चोरी कबूलोगी नहीं पुलिस अधिकारी ने सख्ती से कहते हुए जैसे ही बिलखती हुई मोहिनी की तरफ हाथ बढ़ाया उसकी मुखमुद्रा ही बदल गई।
झटके से अपना हाथ छुड़ाते हुए वह बिफर उठी।
हां हां थाने भी ले चलो।लेकिन पहले इसके कमरे की तलाशी ले लो चलो कमरे में दिलीप की तरफ उंगली दिखाती वह मेम साब पर उपेक्षित दृष्टि डालती चिल्ला उठी।
क्यों मेरे कमरे में क्यों!! मम्मी इसकी हिम्मत तो देखो हमारे धन पर पेट पालती है और हम पर ही उंगली उठाती है आप खड़े क्यों है इसे यहां से तुरंत ले जाइए दिलीप पुलिस वाले पर बिगड़ पड़ा।
नहीं पहले इसके कमरे की तलाशी लो तभी जाऊंगी मोहिनी भी हठ कर बैठी तो पुलिस वाला दिलीप के कमरे में चला गया।
दिलीप के भरसक विरोध के बावजूद उसने पूरे कमरे की सघन तलाशी लेनी शुरू कर दी।
थोड़ी ही देर में दिलीप के कपड़ों की अलमारी से, बिस्तर के नीचे से टेबल की दराजों से ढेरों रुपए और ड्रग बाहर निकल आए।
मेम साब की तो चीख ही निकल गई ये सब देख कर और ये सोच कर कि अब तो मेरा पुत्र जेल जाएगा ।एक ही पल में मोहिनी की सच्चाई और पुत्र के झूठ की कलई खुल गई थी।
मोहिनी मुझे माफ कर दे।मैं दिलीप की बातों में आ गई।तू इसकी इन आदतों के बारे में जानती है इसीलिए यह तुझसे चिढ़ता था और भगाना चाहता था अब मेरी समझ में आ गया है।
तू मुझे और मेरे पुत्र को एक बार माफ कर दे मैं किसी को क्या मुंह दिखाऊंगी कितनी थू थू हो जावेगी मै हाथ जोड़ कर विनती करती हूं मेम साहब मोहिनी के पैरों पर नाक रगड़ बिलख उठीं।
पुलिस अधिकारी दंग था इतनी जल्दी दृश्य बदलते देख।
अब मोहिनी तन कर खड़ी थी और मेम साब उसके #पैरों पर नाक रगड़ रही थी।
लघु कथा#
पैरों पर नाक रगड़ना#बहुत विनती करना/मुहावरा लघुकथा
लतिका श्रीवास्तव