डोर विश्वास का – अमिता कुचया

रिदिमा और मोहित एक दूसरे को बहुत प्यार करते थे। दोनों ने अपनी मर्जी से शादी की थी।

पहले जब रिदिमा की शादी नहीं हुई थी,  तब वह बहुत खुल कर बात करती थी।वह सबसे ही हंस कर खुद कर बोलती ।वह खुले विचारों वाली बिंदास लड़की थी। उसे लगता कि जिंदगी में खूब पैसा और नौकर चाकर हो, उसे बहुत प्यार करने वाला पति मिले।

कालेज में उसे मोहित वैसा ही लगा।जब रिदिमा ने अपने मम्मी पापा को बताया कि वह मोहित से प्यार करती  है।उससे शादी करना चाहती है ,तो उसके मम्मी पापा ने कहा  कि ” हम अपनी हैसियत के हिसाब से तुम्हारे लिए लड़का ढूंढेंगे।” पर उस समय  उसके आंखों में केवल मोहित के लिए ही सच्चा प्यार ही था।

उसने कहा -‘ मम्मी मुझे मोहित पसंद है । उसके घर में कोई कमी नहीं होगी।’पर  रिदिमा की मम्मी और पापा नहीं माने।

तो रिदिमा ने  घर से भाग कर मम्मी पापा की मर्जी के बिना लव मैरिज की। फिर उसे लगने लगा कि कितने दिन हो गए मम्मी पापा से बिना मिले!अब उनका गुस्सा शांत हो गया होगा।वे मुझे और मोहित को माफ कर देंगे।

तब वह मोहित के साथ मम्मी पापा के पास गई तो पापा ने कहा – “तुमने तो हमारी नाक ही कटवा दी ।अब क्या मुंह लेकर आई हो। तुम्हारे लिए इस घर के दरवाजे हमेशा-हमेशा के लिए बंद••••।”

इस तरह वह  मोहित के साथ निराश होकर  वापस लौट आई। पर मोहित को लगा कि रिदिमा के साथ कोई नहीं है।वह मेरी सब कुछ है।

कुछ दिन  रिदिमा को सब कुछ अच्छा लग रहा था। मोहित के साथ शादी करके वह खुश थी।वह  उसे घुमाने ले जाता । शापिंग कराता ।पर अपने हिसाब से जब उसके पास समय होता!

अब   धीरे-धीरे समय बीत रहा था। कहते हैं न शादी का लड्डू  हमेशा मीठा ही हो ऐसा नहीं होता!

उसके घर में नौकर चाकर की कोई कमी नहीं थी।वह मोहित के हिसाब से काम करती ।



पर एक दिन उसने  फोन पर बात करते हुए अपनी मां से कहा- “मम्मी तुमने तो मुझे पराया ही कर दिया ,मैंने अपनी मर्जी से शादी करके जैसे कोई गुनाह कर दिया हो?”

फिर उसकी मम्मी बोली – “तू हमें तो भूल ही जा ।तू अब अपने पति की बनकर रह ।हम तेरे लिए कुछ नहीं ,तू तो उसी दिन हमारे लिए मर गयी। जिस  दिन तूने काला मुंह किया।”

यह सब मोहित ने सुन लिया, उसे बहुत बुरा भी लगा,   और रिदिमा से कहा -‘अब तुम्हें भी उस घर से रिश्ता रखने की जरूरत नहीं है।अब तुम ंमेरी हो ,मेरे हिसाब से रहोगी।’

अब तो मोहित के भी तेवर बदलने लगे।वह जैसा दिखता था, वह वैसा बिल्कुल भी नहीं लग रहा था। उसने घर  में कैमरे लगवा दिए। उसने कहा- “तुम आइंदा कभी मां के यहां नहीं जाओगी।न ही मां से बात करोगी।”

पर एक दिन उसे पता चला कि पति मुझ पर निगरानी रखते हैं कि कहीं  मैं मम्मी से मिलने तो नहीं जाती हूं। फोन पर बात नहीं करती हूं।

इसलिए घर में कैमरा लगे हैं।

पर रिदिमा चुप रही ।चलो कोई बात नहीं••••

अब मोहित की आदत होने लगी,  घर पर निगरानी रखने की!

हमेशा पूछता कि घर में कौन-कौन आया?

क्या किया ,कितने बजे तक घर में थी? बाजार में देर क्यों लग गई?

इस तरह वह उसके सवाल से धीरे-धीरे परेशान होने लगी। उसने सोचा कि आज इकट्ठा सब जवाब दूंगी।

आज जब मोहित घर आया तो फिर पूछताछ करने लगा। तब रिदिमा ने गुस्से से कहा’ क्या तुम्हारी आदत हो गई? इतनी पूछताछ करते क्यों हो! आज तुम बता ही दो।’



तभी मोहित ने कहा – “तुम मेरी गुलाम की तरह  हो ,तुम्हारे आगे पीछे तो अब कोई है नहीं  , तुम्हें मेरे हिसाब से ही रहना होगा। मैं जो कहूंगा वो वैसा ही तुम्हें करना होगा।तब रिदिमा ने कहा- ‘ अरे हमने तो लव मैरिज की थी मोहित !’

तुम कैसी बातें कर रहे हो।बस मैंने इसलिए पूछा कि तुम्हारे पूछने का तरीका गलत लगा। तुम्हारी आदत पूछने की हो रही है।और हां तुम्हें लगता कि मां पापा से बात करती हूं ।वो नहीं करती हूं।

तुम्हारे मोबाइल से घर पर तो तुम्हारी हमेशा नजर रहती है । पर मैं तो सोचती थी कि घर में नौकर चाकर काम करते हैं । इसलिए उनकी वजह से कैमरा लगवाया है। आज तुमने मेरे दिल को बहुत चोट पहुंचाई है मैं तुम्हारी गुलाम नहीं, तुम्हारी हम सफर हूं। मैं तुम्हारी बात हमेशा मानती आई हूं। इसका यह मतलब नहीं कि मैं गुलाम बन कर

रहूं। ”  

इसी कारण से रिदिमा का मन आहत हो रहा था।उसे आज लग रहा था कि शादी का लड्डू  हमेशा मीठा ही हो। ये जरूर ही नहीं होता !

पर करेला जैसा होगा सोचा नहीं था।उसकी आंखों में आंसू भर आए।तो वह आंसू पोंछ कर बोली, मोहित ••• ‘ मैं तुमसे प्यार करती हूं ।इसलिए सब कुछ भूलकर मैं चाहूंगी कि हमारी शादी जो हम दोनों की मर्जी हुई है तो हम दोनों दिल से निभाए। तुम भी  मुझसे उतना ही प्यार करोगे , जितना कि मैं!

क्योंकि शादी में मिठास हो या न हो ,पर कड़वाहट होगी तो रिश्ता कैसे  चलेगा। हमें एक दूसरे को प्यार और सम्मान करना होगा। ताकि कभी मन मुटाव न आए। विश्वास ही आपसी प्यार की मजबूत डोर होती है।यही नहीं होगी तो मैं बिल्कुल से टूट जाऊंगी।

अब मोहित को भी एहसास हुआ , मेरी पूछताछ करना ग़लत है।अब उसने रिदिमा ने कहा-” वाकई में तुम मेरी हो ,हमेशा रहोगी। भले ही तुम्हारे मां-बाप ने साथ छोड़ दिया हो पर मेरा साथ हमेशा रहेगा।”

सखियों- शादी  में बहुत उतार चढ़ाव आते हैं पर हमें अपनी शादी निभानी पड़ती है रिश्तों को संभाल कर शादी के लड्डू में मिठास भरनी पड़ती है।

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धन्यवाद 🙏❤️

आपकी अपनी सखी ✍️

अमिता कुचया

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