मन की गांठे – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

रितु की नजरें अब भी अख़बार पर थीं, लेकिन अब शब्दों पर नहीं, यादों पर ठहरी हुई थीं। मन में कई अधूरी बातें, कई अनकही शिकायतें कुलबुला रही थीं। अखबार का पन्ना पलटता नहीं था और न ही मन का कोई पन्ना। अपूर्वा उसकी बगल में बैठ गई। एक हाथ में चाय का कप, और … Read more

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