दर्द का बंटवारा – Emotional Story

शाम हो गई थी |बूढ़ी सरला काकी ने अपनी चाय की दुकान समेट ली |जाड़े का समय था |अब किसी ग्राहक के आने की उम्मीद न थी |वह चूल्हे के आग पर रात के लिए रोटियां सेंक रही थी |रात के साथ- साथ वह सुबह के लिए भी रोटी बना लेती थी| शाम को चूल्हे … Read more

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