बेटी का प्यार – के कामेश्वरी

विनया की शादी को हुए दो साल हो गए थे । वह ससुराल में ही है मायके एक बार भी नहीं आई थी ।माता-पिता सोचते हैं कि बिटिया बहुत खुश है उसे मायके की याद न आए ऐसा ससुराल मिला है ।विनया ने भी जब भी फ़ोन किया उनसे चहकते हुए ही बात किया था । एक दिन गोयल जी घर पहुँचेऔर पत्नी से कहा — तुम्हें मालूम है आज एक अनोखी बात हुई है । मैं उसे सुनकर हैरान रह गया था। 

अजी ऐसा क्या हो गया जिससे आप हैरान हो गए थे । 

वह अपने पुराने घर के पास शर्मा जी रहते थे न उनकी बेटी की शादी चार साल पहले हुई थी ।उनकीबेटी ने अपने पति से तलाक़ ले लिया है । 

ऐसा क्या हुआ था कि बात तलाक़ तक पहुँच गई । उसका पति सरकारी नौकरी करता है सास ससुरभी बहुत अच्छे हैं । 

वही तो बात है किसी को भी नहीं पता चला कि वह लड़का ही नहीं उसके माता-पिता भी उस लड़कीको सताते थे । एकबार तो उन्होंने उस बच्ची को मारने का प्लान भी कर लिया थे परंतु ईश्वर की कृपासे लड़की ने उनकी बातें सुन ली उनके प्लान का पता चल गया था जिसके कारण समय रहते उसनेअपने आप को बचा लिया ।

मेरे ख़याल से तो माँ अपनी बेटी की हर बात को बिना कहे ही पहचान लेती है फिर माँ को पता कैसेनहीं चला वे कैसे चुप रही । 

अरी भागवान वह शादी के बाद अपने मायके आई ही नहीं थी । जब भी ये लोग फ़ोन करते थे तो फोनपर ख़ुशी ख़ुशी बात करती थी फिर माँ को कैसे पता चलेगा कि उसके साथ बुरा बर्ताव हो रहा है । 




यह सुनते ही विनया की माँ सावित्री ने कहा – सुनिए जीवन हम कल ही अपनी बेटी से मिलकर आएँगे। वह भी तो शादी के बाद एक बार भी हमारे घर नहीं आई है । मेरा दिल घबरा रहा है । 

गोयल जी को भी लगा सही तो है दो साल से उनकी बेटी भी मायके नहीं आई है । हम सोच रहे थे किवह अपने ससुराल में खुश है इसलिए उसे हमारी याद नहीं आती है । उन दोनों ने सोचा बिना इत्तलाकिए जाना ज़्यादा अच्छा है ।उनके घर अचानक जाएँगे तो वह कैसी है पता चल जाएगा यह सोचते हीदोनों थोड़ी मिठाई फल आदि लेकर दूसरे दिन लड़की के ससुराल पहुँच गए । 

धड़कते हुए दिल से दरवाज़े के पास खड़े रहे सोचा बेल बजाने के बदले दरवाज़े पर दस्तक देना ज़्यादाअच्छा है परंतु यह क्या यह दरवाज़ा अंदर की तरफ़ खुल गया वह पहले से ही खुला हुआ था । उन्होंनेदेखा विनया ऑफिस के लिए तैयार हो गई थी और उसकी सासु माँ उसे नाश्ता मुँह में खिला रही थी ।उसके पीछे पीछे यह एक कौर खा ले बेटा बाद में भूख लगेगी कहती जा रही थी । 

गोयल जी और उनकी पत्नी की आँखों से आँसू बहने लगे और उन्होंने सोचा हमारी बेटी सचमुच हीखुश है । विनया ने माता-पिता को देखा और आश्चर्य चकित होते हुए कहा आप दोनों ने तो मुझेसरप्राइज़ दे दिया है । माँ की आँखों ने बेटी को देख पहचान लिया कि फ़ोन पर जो कह रही थी वहसच है । 

बेटी ससुराल में खुश है माता-पिता को इससे ज़्यादा सुकून और किसी से भी नहीं मिलता है। 

स्वरचित  

के कामेश्वरी

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