सासूमां आज सुबह से बड़बड़ा रही है …. जैसे ही बेटा उठकर बाहर आया, मांजी और जोर से बोलने लगी,…मना किया था मैंने,……मत कर शादी इससे …पर हमारे नवाब को तो प्यार का भूत चढ़ा था … अब देखो.!! इसे न ढंग की सब्जी बनानी आये न रोटी … !! बाकी पकवान तो छोड़ ही दो…..और घर के रीति-रिवाज ….!! पता नहीं क्या करेंगी …..??
अरुण और अनीता का प्रेम विवाह दो महीने पहले ही हुआ है। पन्द्रह दिन तो मिलने और हनीमून में निकल गये..!!
अनीता घर की इकलौती बेटी, ज्यादा घरेलू काम नहीं आता । फिर भी कोशिश कर रही है सब सीखने की…!! लेकिन मांजी को लगता है मेरी पसंद से शादी होती तो बहू सर्वगुणसंपन्न आती, ……इसीलिए हर बात पर चिड़ती रहतीं हैं…..!!
अरुण समझ रहा था, कि मां को अनीता के साथ सामंजस्य बैठाने में दिक्कत आ रही है,पर चुप था .. पापा बहुत पहले साथ छोड़ चुके थे … !!मां ने अकेले ही उसे बड़ा किया है.. थोड़ा जल्दी चिड़ जाती है, रश्मि को वह समझाता ..
ट्रिन ट्रिन …….
हैलो मां, कैसी हो..??
ठीक हूं …!! रश्मि तू कैसी है??
मां , मैं और मनु कल आपके पास आ रहे हैं … इन्हें आठ दिन के लिए बैंगलोर जाना है और मनु की छुट्टियां है,तो सोचा आपसे मिलने आ जाती हूं …!!
आजा बेटा .. तेरी ट्रेन के आने का समय बता देना, अरुण लेने आ जायगा …!!
ओके मां,बाय..!!
अनीता कल रश्मि आ रही हैं,तो चिवड़ा और मठरी बना लेना … याद है बनाना..?? मांजी का स्वर ऊंचा हो गया ..!!
मां जी, आप बताती जाना वैसे ही बना दूंगी … अनीता धीरे से बोली
*हाय राम !मेरी तो तक़दीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई* जिसे कुछ नहीं आता .!!
……..,……….
रश्मि दो दिन से देख रही है, मां हर बात में अनीता की मीन-मेख निकाल रही है.. ..आखिर उससे रहा न गया, बोली … मां, अनीता धीरे धीरे सब सीख जायगी, …
अभी उसे आये दिन ही कितने हुए हैं ??
आपने तो मुझे सब सिखाकर भेजा था, मां, फिर भी अपने घर और मेरे ससुराल के रीति-रिवाज,और खान-पान में बहुत अंतर है … मेरी सासूमां ने प्यार से वहां के सब तौर-तरीके सिखाये … गलती होने पर डांटने के बजाय,धीरज रखकर काम करना सिखाया ….!!
मां,आप जब मुझे सिखा सकतीं हो तो अनीता को तो बहुत अच्छे से अपने घरके अनुसार ढाल सकतीं हो ….!!
आप प्यार देकर तो देखो मां, अनीता को…. फिर देखना आप दोनों सास-बहू कम मां-बेटी ज्यादा लगोगी….!!
यह तो वक्त ही बताएगा कि बहुएं हसाएंगी यां रुलाएंगी – गीतू महाजन
अच्छा अच्छा अब तू मेरी मां मत बन,…. कहते मां मुस्कुरा दी …तू कह रही है तो बस एक बार कोशिश करुंगी …!!
बस मां आप कोशिश करना, अनीता के साथ अच्छे व्यवहार की…मैं जानती हूं , कोशिशें ही कामयाब होती है ….!!
पांच बज गये, चाय बनी… या नहीं …. अभी तक महारानी की… कहते-कहते मांजी रश्मि की और देखकर चुप हो गयी …. रश्मि को लग रहा था, धीरे ही सही पर मां में बदलाव जरूर लें आऊंगी ….।
ममता चित्रांशी
#हाय राम! मेरी तो तक़दीर ही फूट गई जो ऐसी बहू आई