श्यामली – उत्कर्ष राय : Moral Stories in Hindi

श्यामली ने काँपते हाथों से अँगूठी को उठा लिया उस पर जड़ा छोटा सा हीरा, अपनी चमक से अंधेरे कोने को दमका रहा था। श्यामली बार बार अँगूठी को देखे जा रही थी। पता नहीं कब बीते हुए दिनों की याद चल चित्र के समान आँखों के आगे उतरने लगी। “मैडम मैडम क्या आज मुख्य … Read more

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