नई रोशनी –  सुनीता माथुर   : Moral Stories in Hindi

सुष्मिता को अपनी जिंदगी से निराशा होने लगी थी वह हमेशा अपनी बहू से बोलती मेरी जिंदगी तो “ढलती सांझ” है उसकी बहू प्रियांशी दिल की बहुत अच्छी थी अभी 2 साल पहले ही सुष्मिता और आकाश ने अपने बेटे समीर की शादी की थी बेटे की शादी के 1 साल बाद ही उनकी एक … Read more

फरिश्ता – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

खुशनुमा माहौल था चारों तरफ शहनाइयों की गूंज से वातावरण संगीतमय हो गया था, शादी के मंडप में पंडित जी मंत्र उच्चारण करने के लिए तैयार बैठे थे और फेरे करवाने की तैयारी कर रहे थे साथ में दूल्हा भावेश भी बैठा हुआ था पंडित जी बोल रहे थे दुल्हन को जल्दी से बुलाओ फैरों … Read more

वरदान – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

मीरा दीदी मैं अपनी किटी पार्टी में जा रही हूं रिम्मी और सिम्मी दोनों स्कूल से आती होंगी आप उनके कपड़े चेंज करवा कर उन्हें खाना भी खिला देना और उसके बाद उनका होमवर्क भी देख लेना मुझे देर हो रही है मेरी सहेलियां इंतजार कर रही होंगी , सीमा अपनी जेठानी मीरा से बोलकर … Read more

“पश्चाताप” – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अंश तुम मेरा कल ट्रेन का टिकट करवा दो सुना तुमने,   मैं शाजापुर अपने घर जाना चाह रही हूं यह कहकर राधिका जल्दी-जल्दी अपना सामान पैक करने लगी अंश बोला मां आप अकेली क्या करोगी , नहीं बेटा मैं अब अपना अपमान नहीं सह सकती तुम्हारी बहू सुष्मिता मुझे बात-बात पर ताने मारती है … Read more

अपमान से सम्मान तक – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

  सुष्मिता को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि आज उसको इतने बड़े मंच पर उसकी कहानियों के कारण सम्मानित किया जा रहा है ,चारों तरफ तालियों की गूंज से हॉल गूंज रहा था , एक-एक करके सभी साहित्यकार मालायें पहना रहे थे और एक बहुत बड़े फिल्म डायरेक्टर के द्वारा सुष्मिता को शील्ड प्रदान … Read more

मन का रिश्ता – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

आज अभिनव और सोनाक्षी बैठे हुए सोच रहे थे कितना समय निकल गया पूरी जिंदगी अपने परिवार की तरफ ध्यान दिया कभी अपने भाई के कभी बहन के बच्चों के ऊपर पैसा खर्च किया तो कभी उनको पढ़ाया लिखाया लेकिन बस एक ही कमी रही कि उनके कोई बच्चा नहीं हुआ आज अभिनव इंजीनियर पोस्ट … Read more

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