स्वार्थी संसार – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अरे—- माला कब तक उदास होकर बैठी रहोगी! उठो शाम हो गई चाये तो पिला दो माला के पति नीरज जोर से आवाज देते हुए बोलते हैं—– माला एकदम उठकर खड़ी हो जाती है अपने थके– थके कदमों से किचन में जाकर चाय बनाने लगती है! माला चाय लेकर आती है साथ में प्लेट में … Read more

औलाद का मोह! – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

सुष्मिता प्राइवेट कंपनी में मैनेजर थी और 1 साल पहले ही उसकी शादी हुई थी। शादी के 1 साल बाद ही —–सुष्मिता के एक प्यारा सा बेटा आशु होता है घर में खुशियां ही खुशियां आ जाती हैं सभी लोग बहुत खुश होते हैं!—– सुष्मिता और समर प्यारे से बेटे को पाकर बहुत खुश होते … Read more

दिखावे की जिंदगी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

रश्मि जब देखो तब तुम मुझे छोटी नौकरी का ताना मारती रहती हो—— और मेरे सारे पैसे—- अपनी साड़ियां खरीदने में और दिखावे में उड़ा देती हो! अपनी अमीर सहेलियों की बराबरी करती हो—- उनके घर इतना महंगा सामान है! तो हमारे घर भी होना चाहिए—- तुम्हें मालूम होना चाहिए मैं एक क्लर्क हूं और … Read more

रिश्तों का महत्व – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

 भावेश अपने 5 साल पुराने विचारों में खो जाता है कितना अच्छा समय था—– मैंने एम.बी.ए भी कर लिया था और एक कंपनी में मेरा जॉब भी लग गया था। अपॉइंटमेंन्ट लेटर भी मिल गया था अगले हफ्ते ज्वाइन करने जाने वाला था कि इसके पहले ही पापा की तबीयत अचानक खराब होने के कारण … Read more

आंसू बन गए मोती – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही प्रियांशी का मन अनमना सा हो रहा था पता नहीं क्या बात है! डॉ प्रियांशी हॉस्पिटल से भी जल्दी आ जाती है पर घर आकर अकेले ही कमरे में बैठी होती है बेटी आयुषी जो फोर्थ क्लास में पढ़ती है शाम को ही स्कूल से आएगी प्रियांशी के पति अभिनव एक … Read more

स्नेह का बंधन – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अक्षिता बहू तुमने नाश्ता तो बहुत अच्छा बनाया जाकर अपने घर के नीचे के पोर्शन में चार किराएदार रहते हैं, उनमें से एक सरला बहन हैं—- जो कोने के मकान में रहती हैं! तुम जाकर उनको थोड़ा सा नाश्ता देआओ बेचारी अकेली रहती हैं—— उनके पति को गुजरे अभी 1 साल ही हुआ है उनके … Read more

मां मेरी पत्नी की जगह अगर आपकी बेटी होती तो – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

अन्वी जल्दी मेरा टिफिन लगाओ बैंक जाने में देर हो रही है मुझे भी टाइम से पहुंचना है मैं बैंक में मैनेजर हूं तो मेरी जिम्मेदारी है—–! अरे लगाती हूं, लेकिन खाना तो पूरा बना लेने दो, खाना तो ठीक है लेकिन कुछ खा तो लो, रोज भूखी अपने ऑफिस जाती हो! मां—– आप जरा … Read more

रक्षाबंधन ऐसा भी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

 रिम्मी और सिम्मी दोनों बहनों ने 5 साल से अपने भाई को राखी नहीं बांधी थी क्योंकि दोनों की ही पोस्टिंग बाहर थी दोनों इंजीनियर थीं और उनके पति भी इंजीनियर थे इस बार दोनों बहनों ने रक्षाबंधन पर अपने भाई और भाभी को सरप्राइस देने की सोची            दोनों ही बहने अपने भाई से छोटी … Read more

अटल विश्वास – सुनीता माथुर  : Moral Stories in Hindi

शेफाली जब इंजीनियरिंग के फर्स्ट ईयर में आती है, तभी उसकी दोस्ती करन से हो जाती है और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती इतनी बढ़ जाती है कि प्यार में बदल जाती है शेफाली और करन दोनों ही एक छोटे शहर से आकर गुड़गांव में अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, जब भी समय मिलता दोनों … Read more

नई रोशनी – सुनीता माथुर : Moral Stories in Hindi

तेजस्विनी हमेशा खुश रहती थी और कोशिश करती थी सभी उसकी बातों से खुश रहें लेकिन “जो दर्द उसने अपने अंदर छुपा रखा था वह किसी से नहीं कह पाती थी”  इस “अन कहे दर्द” को कुछ लोग भांप भी लेते थे बोलते थे क्या बात है आप इतनी खुश तो दिखती हैं, पर—– कहीं … Read more

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