स्वार्थी संसार – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

 आ गई मैडम ,मिल गई फुर्सत ? काजल ने व्यंग्य करते हुए तनीषा को कहा । अरे क्या बताऊं यार ट्रैफिक बहुत थी , बस क्लास खत्म कर दौड़ती भागती आ रही हूं । काजल पीली साड़ी में तू  कितनी फैब रही है यार !  चलो हल्दी की रस्म हो और नूपुर का नृत्य न … Read more

समझदारी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

पैकर्स के गाड़ी की हॉर्न सुनकर दौड़कर  साढ़े तीन साल का सौरव बाहर आ गया ,देखिए दादाजी हमारी गाड़ी आ गई ,कहकर तालियाँ बजाने लगा ।  सुबोध जी  पोता को खुश होते देखकर भी खुश नहीं हो पाए । अनामिका दूसरे नम्बर की बहू है ,वो स्वभाव से बहुत अच्छी थी ,किंतु दीवार की शादी … Read more

उपहार की कीमत नहीं देनेवाले की नीयत देखी जाती है – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

गोल्डन पब्लिक स्कूल की  बच्चों की छुट्टी हो चुकी थी। अचानक   एक रजिस्टर  लेकर आए क्लर्क   धीरज भैया से  आकांक्षा ने पूछा ये क्या है भैया ?   धीरज भैया हँसते हुए बोले खुद देख लीजिए मिस  पता नहीं क्या है । आकांक्षा ने रजिस्टर लेकर पढ़ना शुरू किया ।  डियर टीचर्स  प्लीज … Read more

वरदान – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

आज   सुहानी के शादी के कार्ड को देखकर विश्वास नहीं हो रहा था , आँखें छलक आईं ,  सुहानी वेड्स अभिलेख …… आख़िर सात वर्ष के बाद सुहानी ने  शादी के लिए हामी भर दी थी ।  सुहानी  का नाम याद आते ही  उसकी पिछली जिंदगी  किसी चलचित्र की  भांति घूमने लगी ।  वो … Read more

माँ मेरी पत्नी के जगह आपकी बेटी होती तो …. – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

हर्षित अपनी माँ  की ओर देखता हुआ  आहत स्वर में बोला । सबिता जी उसकी बातें सुनकर दहाड़ उठीं , तुम्हें अपनी पत्नी और अपनी ससुराल के अतिरिक्त कुछ नहीं दिखता। रिद्धि सारी बातें सुन रही थी  , उसने अपने आंसुओं पर काबू रखते हुए कहा कोई बात नहीं मम्मी जी मैं छोटे की शादी … Read more

दूर हुई गलतफहमी – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

अनामिका  सोती हुई छोटी सी बच्ची लग रही थी , उसके घुंघराले बाल गालों को चूम रहे थे , गुलाबी होंठ  सपने में हिल रहे थे ।  मोहित की   इच्छा हुई कि सपने में हँसते होठों को   हौले से छू कर जगाए , लेकिन दूसरे ही पल उसे अनामिका की बात याद आ … Read more

बड़ी बहू – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

किरण को आज नींद नहीं आ रही थी ,उसे बार — बार ये ख्याल आ रहा था कि कही कल सुबह उठने में देर न हो जाए …   मुकेश जी ने करवट बदलते हुए कहा ,अरे  तुम सो क्यों नहीं रही ? क्या बात है  , कुछ बताओगी ? अरे कुछ भी नहीं , … Read more

मदद – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

तू बिल्कुल नहीं समझता  अक्लू , इतना रात तक कहां भटक रहा था ?  आप काहे नहीं सोए बाबूजी  मैं थोड़ा काम से गया था ।   मैं सोने ही वाला था ,कि तुम्हारी दादी खाँसने लगी ,उसे ही पानी देने गया ,तो तू नदारद था। तेरा लंगोटिया रघु के साथ घूमता होगा है, न?  … Read more

प्रेम मिलन – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

तीन साल से चल रहा रिश्ता नहीं….. चल नहीं खुशी से चल रहे रिश्ते, को आज विराम लग गया था । आज संजना को रोना नहीं अपनी गलती पर पश्चाताप हो रहा था। आज से चार साल पहले वो अपने प्रेमी विवेक के बिना जीने की कल्पना भी नहीं कर सकती थी ,उसने पापा से … Read more

बधाई हो – सिम्मी नाथ : Moral Stories in Hindi

प्राची  को लड़केवाले देखना चाहते हैं , उसे दिखाने पुणे जाना होगा , कैसे संभव हो पाएगा ? कल  सार्थक का फोन आया था , वो बता रहा था  ,  तीन बहनों  में वेदान्त सबसे छोटा हैं , बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत है  , अभी  छुट्टियों  में  अपनी बहन के पास पुणे गया था … Read more

error: Content is Copyright protected !!