जिंदगी बदल गई अब – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral Stories in Hindi

“जब देखो तब तुम्हारे हाथ में ऊन और सलाइयां! कभी सुई धागा!पता नहीं स्वेटर बुनकर तुम्हें क्या मिलता है?मुझे बहुत गुस्सा आता है यह सब देखकर।मुझे बिल्कुल पसंद नहीं तुम्हारा यह बुनना सिलना! बंद करो यह सब ।”शशांक अपनी आदतानुसार गुस्से में चिल्लाते हुए रिचा से कहा।   रिचा रोआंसी हो गई  “पर इसमें बुरा … Read more

नहीं, मैं मोहताज नहीं हूं – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

कुछ दिन पहले मैं वापस लौटी थी पूरे 6 महीने बाद अपने शहर में। पढ़ाई खत्म कर। कई बातें जो फोन पर नहीं हो पाती थी वह जानने के उत्सुकता बनी रहती थी। “मां मैं घूम कर आती हूं!”मां की बात सुने बगैर मैंने अपनी स्कूटी उठाई और निकल पड़ी। चौराहे पर एक प्लास्टिक की … Read more

मेरी भाभी – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

ग्रेजुएशन के लिए जब मैं 12वीं के बाद कॉलेज में आई तो पहले ही दिन सुगंधा ने मुस्कुराते हुए मुझे मेरे सामने अपने हाथ फैला कर कहा “मैं सुगंधा और तुम?” “ नेहा !”मैं ने अपना परिचय देते हुए कहा। उसकी मुस्कुराहट बड़ी ही प्यारी लगी थी।मैं थोड़ा घबराई हुई थी क्योंकि स्कूल से निकलकर … Read more

छोटा बड़ा कुछ भी नहीं होता – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

आज दुकान में कावेरी बैठी हुई थी, अपनी मां की जगह।वह लोगों को कपड़े सिल भी रही थी और कस्टमर के सिले कपड़े दे रही थी। तभी वहां एक कार आकर रुकी और उसमें उसकी क्लासमेट रोहिणी उतरी। “ मैंने चार दिन पहले यहां पर  कपड़े दिए थे सिलने के लिए वह हो गए क्या?” … Read more

ममता का रिश्ता – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सुधाकर जी ने अपने रिटायरमेंट से पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह रिटायर होने के बाद अपने पैतृक आवास में ही जिंदगी के बाकी दिन गुजारेंगे। इस बात से किसी को कोई आपत्ति भी नहीं थे।उनकी पत्नी मिनाक्षी को भी इस बात पर खुशी थी कि अब वे लोग अपने गांव अपने घर … Read more

आखिरी फैसला – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

अपनी आंखों में आंसू भरकर नंदिनी अपने बिस्तर पर बैठी हुई थी…संज्ञा शून्य सी!! ऐसा लग रहा था कि उसके शरीर के सारे रक्त सूख गए हैं ।उसका दिमाग भन्ना रहा था । कई बातें उसके दिमाग और मानस पटल पर दौड़ रही थीं । “क्या करूं मैं ?अपने माता-पिता को क्या जवाब दूंगी मैं?” … Read more

मैं नहीं भाग्यहीन – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

अभी कुछ दिन पहले ही रमाकांत जी अपनी बिटिया आन्या का ब्याह बहुत ही धूमधाम से कराया था। पेशे से एक बैंक के क्लर्क रमाकांत जी ने अपनी हैसियत से बढ़कर दान दहेज दिया और बहुत ही धूमधाम से अपनी बेटी की शादी करवाई। और फिर आन्या जैसी लड़की तो किस्मत वालों को मिलती है।पढ़ी-लिखी … Read more

किस्मतवाली – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

जब अस्पताल में बेटी होने की खबर राघव के कानों में पड़ी, वह पसीने से नहा गया। एक रूढ़िवादी परिवार का इकलौता चिराग राघव अब एक बेटी का पिता बन चुका था उसने कनखियों से अपनी मां की तरफ देखा। उसकी मां का चेहरा बुझ गया था। राघव यह सब देखकर बहुत  तनाव में आ … Read more

बड़ी बहू – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

सामने बिस्तर पर रमा देवी बेसुध पड़ी हुई थीं। डॉक्टर ने अल्टीमेटम दे दिया था, कभी भी कुछ भी हो सकता है। बस अंतिम सांस ही बची हुई है। जितने भी परिवार और रिश्तेदार हैं सभी को बुला लीजिए। सुगंधा अपनी सास रमा देवी के पास बैठे हुए उनका सर सहला रही थी। वह बार-बार … Read more

खुशियों भरी दीपावली – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : Moral Stories in Hindi

जब से ससुर जी रिटायर हुए थे घर गृहस्थी  का बोझ अलका और सुरेश पर ही आ चुका था। आम मध्यमवर्गीय परिवार में मुश्किल से चार जनों का खर्चा अलका और सुरेश दोनों की कमाई से चल पाता था, वहां बाबूजी और अम्मा दोनों की दवाइयां, राशन, पानी, दूध, फल सब्जी सभी का खर्चा जुड़ … Read more

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