शांति से अशांति भली – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मजाल है जो इस घर में 2 मिनट की भी सांस ले ले, खुद तो महारानियां खा पी कर अपने-अपने कमरों में सो गई है और यहां बच्चों को छोड़ दिया है मेरी नींद हराम करने के लिए, जाओ बच्चों बाहर जाकर खेलो थोड़ी देर, अभी दादी  आराम करेगी, लेकिन दादी बाहर तो बहुत धूप … Read more

कलंक नहीं… खुशी – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तुझे कितनी बार कहा है मेरे दोस्तों से दूर रहा कर, पता नहीं तुझे क्या मजा आता है उनसे बात करने में? क्यों.. जब तेरे दोस्त इतने खराब है तो घर में लेकर आता ही क्यों है और मुझे कोई शौक नहीं है तेरे दोस्तों से बात करने का.. समझ गया, जैसा तू वैसे तेरे … Read more

त्याग से बढ़कर कोई खुशी नहीं – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

कल रात जब से रोहन अपने दोस्त सुधीर की बर्थडे पार्टी में से लौट कर आया है नींद तो जैसे गायब हो गई हो, एक चेहरा उसे  बरबस अपनी और आकर्षित किया जा रहा है कौन था वह चेहरा, किसका था, कहां से आई थी, बहुत सारे सवाल उस के जहन  में चल रहे थे, … Read more

मन के मतभेद – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

तोरई की सब्जी में पानी कौन डालता है… ऐसे ही तुमने तीन-चार दिन पहले भिंडी में पानी डाला था, अरे यार.. कभी तो ढंग का खाना बना लिया करो, मानस के इतना कहते ही रूचि बोली.. क्यों चार-पांच दिन पहले तुम नहीं कह रहे थे कि कितना तेल मसाले की सब्जी बनाती हो, थोड़ा कम … Read more

“मन की सीमा रेखा” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

हां तो भई… सभी लोग  हाल में आ जाओ, जीजी की बेटी की शादी में भात में हम लोगों को क्या-क्या देना लेना है उस पर विचार विमर्श कर लेते हैं, सभी सदस्य अपनी-अपनी राय अवश्य दें, शादी में मात्र एक महीना रह गया है, बहुत सारी तैयारी करनी है, नकुल ने अपने दोनों छोटे … Read more

“क्या शारीरिक सुंदरता ही सब कुछ होती है” – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

वाह पापा.. आपसे तो यह उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी, जब वह लोग आपकी डॉक्टर बेटी को सिर्फ यह कहकर रिश्ते से मना कर गए कि मैं मोटी और बदसूरत हूं और आपने जाकर जैसे ही अच्छे दाम लगाए  उन्हें वही बदसूरत लड़की सुंदर लगने लग गई, इसका मतलब पापा आप किसी भी सूरत में … Read more

अभागन – हेमलता गुप्ता   : Moral Stories in Hindi

मां समझाओ ना बाबा को.. क्यों मेरे पीछे पड़े हैं,  मैंने कह दिया ना मुझे पढ़ना लिखना बिल्कुल नहीं पसंद, तो क्यों जिद कर रहे हैं? मेरा मन तो घर के कामों में, सिलाई बुनाई में लगता है, अगर जबरदस्ती मुझे विद्यालय में डाल भी दिया तो भी क्या होगा ! अरे बेटा ..पढ़ लिख … Read more

छोटी सी बात – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्यों रश्मि.. इस बार नंद बाईसा का चक्कर नहीं लगा क्या छुट्टियों में, हर बार तो छुट्टियां लगते ही मायके आ जाती हैं! अरे भाभी… आपको नहीं पता.. जब आप लोग सपरिवार घूमने गए थे तब पलक दीदी मायके आई थी और 8 दिन रहकर चली भी गई! दो दिन तो वह हमारे यहां पर … Read more

भाभी तो पारस है – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

भाभी.. अब आप जाकर थोड़ा सा आराम कीजिए बाकी का सारा काम मैं देख लूंगी! अरे नहीं दीदी.. आप अपने भाई बहनों के साथ बाहर हंसी मजाक कीजिए, गेम खेलिए ,सिर्फ दो-तीन दिनों के लिए तो आप आई हो उसमें भी आप मेरे साथ में बराबर से काम करवाती रहती हो, आपका मन नहीं करता … Read more

गुरुर… किस बात का – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

क्या रानू दीदी… पूरे 1 साल बाद गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों के साथ आई हो  और कह रही हो बस चार-पांच दिनों के लिए ही आई हूं, तुम्हारे जीजाजी को खाने की परेशानी हो  जाती है, इस बार  मैं कुछ नहीं सुनने वाला और हां आज दोपहर में तैयार रहना हम सब वाटर पार्क … Read more

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