दर्द भरी आंखें – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

फोन बज रहा था। सुशीला जी ने फोन उठाया। उनके हेलो बोलते ही उधर से आवाज आई। आवाज सुनकर सुशीला  जी ने खुशी से कहा-” अरे दामाद जी,आप कहिए घर पर सब ठीक है। अनीता कैसी है, और दोनों बच्चे प्रफुल्ल और प्रियंका। आपकी माताजी ठीक है।”    उधर से उनके दामाद केशव ने कहा-” हां … Read more

ढलती सांझ का सूरज – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 जैसे दिन समाप्त होने पर ढलती सांझ आ जाती है और फिर रात्रि।इसी तरह जवानी बीत जाने पर बुढ़ापा आता है और वह ढलती सांझ की तरह होता है इसी ढलती सांझ के दो साथी थे एस के यानी सुंदर कुमार और जुगल कपूर। दोनों पक्के दोस्त थे।   दोनों रिटायर हो चुके थे और सुबह … Read more

घर की इज्जत – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

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चंडीगढ़ के गांव में रहने वाली निर्मला देवी के दो पुत्र थे। बड़ा बेटा निरंजन और छोटा आशीष। निरंजन की पत्नी का नाम पायल था और उनके दो बच्चे थे। आज आशीष का विवाह निकिता से संपन्न हुआ था। निकिता को सब निक्की कहते थे। आज निक्की बहू बनकर निर्मला देवी के घर आ गई … Read more

बड़े दिल वाली – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

अल्पना कुछ दिनों से अपने पति विजय की बेरुखी को नोटिस कर रही थी। वह काफी दिनों से उसकी तरफ बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा था और ना ही बच्चों की तरफ ध्यान दे रहा था।   सारा समय हीरो की तरह तैयार होकर अपने सैलून  में पड़ा रहता था। एक तरफ अल्पना का ब्यूटी पार्लर … Read more

स्कीम वाली दुकान – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

” बड़े भैया, छोटे भाई नीरज का अपमान करने का कोई हक नहीं है। आप पहले भी दो-तीन बार ऐसा कर चुके हैं,मैं आपसे बहुत नाराज हूं।आखिरकार आप बड़े हैं अगर आप ही ऐसा करेंगे,तो छोटों को क्या सिखाएंगे। “मीता ने अपने बड़े भाई कमल से कहा।   कमल ” तू गलत कह रही है मैंने … Read more

बुजुर्ग मोहताज नहीं होते – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

मायके में कुछ दिन रहने आई रचना ने जब अपनी मम्मी की बात सुनी और उनके आंसू देखे तो मानो, उसे ऐसा लगा, किसी ने उसके मुंह पर कसकर तमाचा जड़ दिया हो।   उसकी मम्मी उसे बहाने से बाहर ले गई। ” चल रचना, बाजार चलते हैं मुझे सूती सूट लेने हैं और तू भी … Read more

मुझे माफ कर दो – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 ए सी वाले कमरे में सोते हुए भी प्रतिभा पसीने से तरबतर हो चुकी थी। वह हड़बड़ा कर उठ बैठी,वह बहुत परेशान थी,उफ! फिर वही सपना, वह समझ नहीं पा रही थी कि यह सपना मुझे बार-बार क्यों आता है वह इस सपने से बहुत ज्यादा डर जाती थी हालांकि वह इन बातों पर यकीन … Read more

भाभी के तेवर – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 मनीषा अपनी भाभी तानिया को खाना खाने के लिए छत पर बुलाने गई थी। उसने देखा कि तानिया किसी से फोन पर बात कर रही है। उसकी बातों से लग रहा था कि वह फोन पर अपनी मम्मी से बात कर रही है। मनीषा ने सुना की तानिया कह रही थी -” मम्मी आपको तो … Read more

अपमान का बदला – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 विधवा  सुलोचना जी ने अपने इकलौते बेटे अमन की शादी, एक सुंदर पढ़ी-लिखी लड़की संध्या से करवाई थी। संध्या किसी प्राइवेट कंपनी में जॉब करती थी और अमन भी एक बहुत अच्छी पोस्ट पर था। खुद सुलोचना की शिक्षिका थी। वह अब रिटायर हो चुकी थी। उनके घर में गोमती नाम की एक लड़की काम … Read more

मन का रिश्ता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 फाइनली, आज रोहित ने हमेशा के लिए कोलकाता छोड़कर मुंबई जाने का फैसला कर लिया था। मुंबई में उसने एक अच्छी जॉब भी ढूंढ ली थी,हालांकि कोलकाता से उसका मनका रिश्ता था।आखिर बचपन से वही पला बढा था लेकिन अब बचा ही क्या था वहां उसके लिए। 2 साल का था जब पिताजी गुज़र गए … Read more

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