मुस्कान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

      “दीप्ति! क्या तू मेरे घर आ सकती है? मुझे तुझसे कुछ कानूनी परामर्श लेना है।” पूजा थोड़ा गुस्से में थी।             “क्या हुआ? दीप्ति ने सशंकित भाव से पूछा।             “तू पहले घर आ,तब बताऊँगी।” कहकर पूजा ने फोन रख दिया।              शाम के समय दीप्ति कचहरी से सीधे पूजा के घर  पहुँची। पूजा की सास ने दोनों … Read more

इतना स्वार्थी भी न बनो – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 आज सुबह-सुबह ही घर में बड़ा हंगामा हो गया। जितना आदेश और पूर्वी परिवार के लिए करते, उतना ही उन्हें सुनाया जाता। न जाने क्यों पूरा परिवार इतना स्वार्थी हो चुका था कि आदेश और पूर्वी के तन-मन-धन से पूर्णतया सहयोग करने के बाद भी परिवार की अपेक्षाएँ तुष्ट ही नहीं होती थीं। आदेश को … Read more

टका सा मुँह लेकर रह जाना – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    “क्या मम्मी! भाभी की दो साड़ियाँ ही तो ली हैं मैंने। भाभी को तो शादी में ससुराल और मायके दोनों ही तरफ़ से इतनी साड़ियाँ मिली है। अगर मैं दो-तीन साड़ियाँ ले भी लूँगी तो क्या ही फ़र्क पड़ जाएगा। आखिर यह मेरा मायका है, मेरा हक़ है।” तृषा ने तुनक कर कहा जो कि … Read more

दहन – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    “बहू! मीता!” कमरे में बैठी मीता की सास दमयंती ने मीता को पुकारा।         “जी! आ रही हूँ, मम्मी।” साड़ी का आँचल कमर में खोंसती मीता ने रसोईघर से उत्तर दिया।          “आकर क्या करेगी? ग्यारह बज रहे हैं। अभी तक होली- पूजन के पकवान नहीं बने। बताओ तो ज़रा, कब होली पूजने जाएँगे हम? मुझे तो … Read more

अपने तो अपने होते हैं – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

 “पारुल! तुम्हें पचास बार मना किया है न कि पड़ोस की औरतों की पंचायत में मत बैठा करो पर तुम्हें समझ नहीं आता। न तो तुम्हें घर की ज़िम्मेदारियों से कोई मतलब है और न ही बच्चों की पढ़ाई से। जिम्मेदारियों का मतलब सिर्फ भोजन बनाना और कपड़े धोना ही नहीं होता। सफाई-बर्तन के लिए … Read more

अपमान बना वरदान – डॉ ऋतु अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

    सुनयना क्या करे? कहाँ जाए? भगवान ने विवाह के चार वर्ष पश्चात एक संतान दी मगर तमाम सतर्कता, सावधानी बरतने के बाद भी न जाने कैसे सोहम पोलियो की चपेट में आ गया। समय पर पोलियो की ड्रॉप्स भी पिलाई गई थीं पर शायद भगवान को यही मंज़ूर था कि सोहम अपने पैरों पर कभी … Read more

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