मन का रिश्ता – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आज मौसम बहुत सुहाना हो रहा था। मानसून की दस्तक प्रारम्भ हो गई थी। रात तो मेंढक की ट्रर र र र र की आवाजे आने लगी। सुबह होते ही हर्षित बोले सुहानी आज सन्डे है। चलो घूमने चलते है। सुहानी बोली ” हां हां आज तो मजा आ जाएगा । ऐसा करते है यहां … Read more

एक फैसला – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

“पापा आप नहा कर आ जाइए गर्म गर्म फुल्के सैक देती हु” अवनी ने अखबार पढ़ते 78 वर्षीय सोमेश बाबू को कहा सोमेश बाबू पहले तो मुस्कुराए फिर बोले ” देखो घड़ी  दीया और चुन्नू का स्कूल टाइम होने वाला है तुम उन्हें संभालो मैं कोई बच्चा थोड़ी ना हु दो फुल्के सैक ओर तुरंत … Read more

मेरे सास ससुर माँ बाप से नहीं – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

गार्गी एक बात ध्यान से सुन लो जब बैंगलोर शिफ्ट हो ही रही हो तो अपने यहां का दिया समान सारा ले जाना क्या पता तुम्हारे सास,श्वसुर कद्र करें या नहीं? और वैसे भी अब आना ही क्यों है? पड़े रहेंगे ये बूढ़े,बूढ़ी यहां पर! ये भी अच्छा हुआ कंवर साहब का ट्रांसफर दूर हो … Read more

इतना गुमान ठीक नहीं परिस्थितियों मौसम की तरह कब रंग बदल ले। – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

आकाश, आकाश जोर जोर से आवाज लगाने पर भी वो बस अंगड़ाई ले रहा था। उठ जाओ धूप पर्दे को चीरती हुई आंगन तक आ गई है। फिर वो बड़बड़ाने लगी ” पहले तो रात रात मोबाइल देखते रहेंगे फिर सुबह इन्हें उठाते रहो। सारे रात्रि चर प्राणी होते जा रहे है। किसी से बात … Read more

आखिर घुटन भरे रिश्ते से आजादी मिल ही गई – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अपराध बोध ग्रसित मन विचलित हो गया था। संदेह की काली छाया ने सब कुछ अपने आंचल में समेट लिया था। सिसक सिसक कर रोने के सिवाय अब कुछ नही बचा था। राव्या तकिए को आसुओं में भिगोती हुई पछता रही थी। कितनी खूबसूरत जोड़ी थी । आन्या और प्रवेश की। दोनो में एक दूजे … Read more

खुशियों का दीप – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अवि खिड़की से बाहर टकटकी सी लगाई बैठी थी। तभी सौरभ ने आवाज लगाई ” अवि खाने का टाइम हो गया यार अब तो खाना परोस दो।” अवि वही से चिल्लाई ” बस दो मिनिट “ सौरभ डाइनिंग टेबल पर बैठ गया अवि खाना परोस रही थी की उसे याद आया ” अरे तुमने याद … Read more

मैं नहीं चाहती की छोटी छोटी बातें कोई बड़ा रूप ले ले और रिश्ते बिखर जाए… – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सुबह सुबह सूरज की किरणों ने अपने रंग बिखेरने शुरू कर दिए थे। अलसाई आंखो को लगा लेट हो गई। चल उठ स्वयं को ही आदेश देती हुए  नीलिमा  ने उठ कर गर्म पानी का सेवन करते हुए खिड़की से पर्दा हटाया। अचानक घड़ी की तरफ नज़र गई। ओह लेट हो गई। गुप्ता जी तो … Read more

अपेक्षाओं की चादर – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

सूरज ढलने को आतुर था ऐसा लगता था की धीरे धीरे पृथ्वी  की गोद में समा जायेगा। पर ऐसा होता तो नही है सूरज कब ढलता है हमने तो सुना है। पृथ्वी घूमती है। सूरज तो यहां से ढला और अमेरिका में दिखने लगेगा। सच में जो दिखता है वो सच थोड़े ना होता है। … Read more

यही जीवन का सच है। – दीपा माथुर  : Moral Stories in Hindi

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पूरे मोहल्ले में चच्चा की अलग ही पहचान थी। आते जाते लोग नमस्कार चच्चा कैसे हो? बोलते ही चलते थे। चच्चा भी बड़े गुरुर से हाथ ऊपर कर कहते ” ऊपर वाले की मेहरबानी है “ वैसे चच्चा में कोई खास बात नही थी छोटा कद,बड़ी बड़ी आखें ,छोटी सी मूछ। पर उनके गुरुर का … Read more

सयुक्त परिवार में रोक टोक तो होती है पर सुरक्षा और परवाह भी होती है – दीपा माथुर : Moral Stories in Hindi

अवि खिड़की से बाहर टकटकी सी लगाई बैठी थी। तभी सौरभ ने आवाज लगाई ” अवि खाने का टाइम हो गया यार अब तो खाना परोस दो।” अवि वही से चिल्लाई ” बस दो मिनिट “ सौरभ डाइनिंग टेबल पर बैठ गया अवि खाना परोस रही थी की उसे याद आया ” अरे तुमने याद … Read more

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