वरदान – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi
अरे बबुआ कब तक यूँ ही निट्ठल्ला पड़ा रहेगा।घर से निकल, जा कही कोई नौकरी वोकरी ढूंढ। मैं क्या करूँ बापू?सब जगह दरख्वास्त भेज रहा हूं, पर नौकरी मिलना तो दूर,कोई इंटरव्यू को भी नही बुला रहा। तो बबुआ एक काम कर तू नोयडा चला जा।वहां छीलेरा गावँ में तेरा चाचा रहवै है, वो तुझे … Read more