अच्छा करो तो अच्छा होता है(राखी स्पेशल) – पिंकी नारंग

 इस बार कौन सा आउट्फ़िट लायी हो राखी के लिए जुगनु ने आना को अपने बाहों के घेरे में कैद करते हुए कहा।

जुगनु की बात सुनते ही आना सिसकियाँ भरते हुए रोने लगी।

जुगनु ने घबराते हुए आना से कहा”मेरी कोई बात बुरी लग गयी जान,प्लीज़ चुप हो जाओ,जानती हो ना तुम्हें रोता नही देख सकता।परेशान जुगनु पत्नी आना के आंसू पोछने लगा।वो आना से बहुत प्यार करता था।खूबसूरत होने के साथ साथ वो रिश्तों को सहेजने की कला में माहिर थी।

जबसे उसकी शादी आना से हुई उसके जैसे लापरवाह इन्सान को भी परिवार का महत्व पता चल गया था।वो जुगनु की दीदी से बहुत प्यार और सम्मान करती थी।

वो अक्सर जुगनु से कहती”बैंक बैलेन्स भले ही कम हो जाए पर रिश्ते कभी कम नही होने चाहिए छूटने नही चाहिए।”

जिस आना ने जुगनु की ज़िन्दगी को परिवार को जोड़ कर उसकी ख़ुशबू से महका रखा था,अपने पेरेंट्स को खोने के बाद रिश्तों ने उससे दूरी बना ली थी।जुगनु को अक्सर इस कहावत से चिड़ होती”अच्छा करने वालों के साथ हमेशा अच्छा होता है।”

शायद ये लिखने वाले ने आना को नही देखा होगा सबका अच्छा करने वाली आना मायके से कितनी अकेली थी।

दो साल से राखी पर भाई के फ़ोन का वेट करतीओह्ह्ह्ह अब जुगनु को समझ आया राखी के आउट्फ़िट का पूछने पर आना रोने लगी थी।

जुगनु ने हँसते हुए आना से कहा”अरे! रो काहे रही हो,हमें बांध देना राखी हम ही दे देंगे गिफ़्ट।”

जुगनु की बात सुनते ही आना तेज तेज हसने लगी

सुबह पकवानो की ख़ुशबू से जुगनु की नींद खुली जल्दी नहा लीजिए दीदी और देवर जी आते होंगे अरे भाई एक कप चाय तो दे दो जुगनु ने रिक्वेस्ट करते हुए आना से कहा

“नही कुछ नही मिलेगा पहले दीदी राखी बांधेगी,उसके बाद ।”

तभी डोर बेल की आवाज़ सुनते ही आना जुगनु को ग़ुस्सा करते हुए कहने लगी”दीदी आ गयी है और वो अभी तक नहाया भी नही,बहनो को ज़्यादा इंतज़ार नही कराना चाहिए।”

दरवाज़ा खोलते ही जुगनु तो जैसे जड़ हो गया,सामने आना के भाई और भाभी खड़े थे।तब तक आना भी दीदी को आया जान आरती का थाल ले कर आ गयी थी।अन्दर आने को नही कहोगी आना।जुगनु ने आरती का थाल आना से लेना चाहा तो आना ने उसे मना करते हुए कहा”अपने भाई भाभी की आरती तो उतार लूँ ,आज शगनो वाला चाँद निकला है।बीते दिनो का कोई मलाल कोई शिकायत उसके चेहरे पर नही थी।

भाभी आना के गले लग कर भराई आवाज़ में कहने लगी”तुम्हारे साथ अच्छा नही किया आना मैंने,इस बात का एहसास इस राखी पर हुआ जब मेरे भाई ने भी राखी का न्योता नही दिया।अपनी गल्ती सुधारने चली आयी।

पीछे खड़ा जुगनु सोच रहा था आज अगर उसे ये लेखक कही मिल जाए जिसने ये कहावत लिखी है

अच्छा करने वालों के साथ अच्छा होता है

तो क़सम से वो उस लेखक के हाथ चूम लेगा।

मौलिक

पिंकी नारंग

 

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