तेरा इंतजार करते हैं – किरन विश्वकर्मा

तेरी उम्मीद तेरा इंतजार करते हैं…. ऐ सनम हम तो सिर्फ तुमसे प्यार करते हैं……..

 

गाना धीमे-धीमे स्वर में बज रहा था…. राहुल दीवार से टेक लगाये हुए बैठा था। घर में सबसे ऊपर का कमरा और सामने बरामदा खूब हरियाली से भरा हुआ…. ऑफिस से आकर वह सीधे छत पर ही आ जाता और यह गाना वह जरूर सुनता था कहीं न कहीं यह गाना उसके दिल को छूता था। बीते कुछ सालों में यह गाना रोज सुनने का क्रम जो शुरू हुआ वह निरंतर ही चल रहा है, पता नही क्यों उसे यही लगता कि कहीं न कही यह गाना उसके लिए ही बना है….. इसके एक एक शब्द ऐसा लगता कि उसके जीवन कि सच्चाई है….   भैया खाना खा लो…. माँ नीचे बुला रही है!!! छोटी बहन नीतू बुलाने आई थी…. हाँ तुम चलो मैं आ रहा हूँ… यह कहते हुए राहुल नीचे आ गया। खाना खाते खाते माँ ने बताया कि नीतू को तेरे पापा के दोस्त ने अपने बेटे के लिए पसंद कर लिया है और बस दो महीने के बाद की तारीख भी निकल आई है और बेटा मैं चाहती हूँ कि अब तू भी हाँ कह दे ताकि नीतू की शादी से पहले अब तेरी भी शादी हो जाय। अगले साल तक तू पैंतीस वर्ष का हो जायेगा!!!! तुमसे छोटे भाई बहनों की शादी हो चुकी है अब नीतू की भी हो जायेगी….. तू कब तक उसके इंतजार में बैठा रहेगा, भुला क्यों नही देता उसको!!! कब तक ऐसे ही जीता रहेगा और जब से वह लोग यहाँ से गए हैं उन लोगों का कुछ पता नही है….माँ ने कहा।

माँ मैं अब शादी नही करूँगा…. मैं उसकी यादोँ के सहारे जीवन गुजार लूंगा पर इस जीवन में अब किसी को अपना जीवन साथी नही बना पाऊंगा… राहुल ने कहा।

पर बेटा किसी की यादों के सहारे जीवन नही गुजरता है…. जीवन गुजारने के लिए एक साथी की जरूरत पड़ती ही है…. माँ ने समझाते हुए कहा पर माँ की बात को अनसुना करते हुए राहुल छत पर आ गया।

छत पर आते ही वह आराम कुर्सी पर बैठकर सोचने लगा…. कितने अच्छे वो दिन थे जब वह पढ़ाई कर रहा था और सामने वाली छत पर ही तो सौंदर्या किराये पर रहती थी वह भी शाम को छत पर गाने का अभ्यास करती थी, जैसे ही वह गाना शुरू करती उसका ध्यान पढ़ाई से हटकर गाने की आवाज पर चला जाता और उसकी नजर सौंदर्या पर टिक जाती नाम के अनुरूप ही तो थी वह गेहुँआ रंग, गोल चेहरा , बड़ी- बड़ी हिरनी सी आँखे और लम्बे लंबे कमर तक लहराते नागिन से बाल…… उफ़ किसी को भी दीवाना बना दे!!! हाँ दीवाना ही तो हो गया था वह जब भी उसको देखता था तो वह सुध-बुध खो देता था। पहले नजरों से नजरे ही टकराती




थी पर अब कभी कभी मुस्कराहटो का भी आदान- प्रदान होने लगा था फिर एक दिन वह पौधों में पानी डाल रही थी और गाना गुनगुना रही थी तभी उसने कहा कि आप बहुत अच्छा गाती हैं… आपकी आवाज बहुत मधुर है….. यह सुनते ही वह मुस्करा कर बोली कि शुक्रिया और हँसते हुए नीचे चली गई अब अक्सर ही उन दोनों की बातें होने लगी।

बातों से शुरू हुआ सफर अब प्यार के सफर पर चल पड़ा था। उस दिन उसका जन्मदिन था तो सौंदर्या ने एक पत्र और गुलाब के फूलों का गुलदस्ता दिया था। पत्र में सौंदर्या ने अपने दिल का हाल लिखा हुआ था। पत्र पढ़ते ही उसने पत्र को चूम लिया था। आखिर उसका भी तो वही हाल था अब तो अक्सर ही घंटो बातें होने लगी थी।

धीरे- धीरे यह बाते चारों तरफ फैलने लगी थी….. राहुल के घर वालों को तो कोई एतराज नही था पर सौंदर्या के पापा धीरेंद्र जी को राहुल का अपनी बेटी से मिलना- जुलना पसंद नही था वह बैंक में मैनेजर थे और सौंदर्या उनकी इकलौती संतान थी तो वह एक बेरोजगार इंसान को अपना दामाद कैसे बना लेते। कुछ समय बाद उनका ट्रांसफर हो गया और रातों-रात ही घर खाली करके चले गए किसी को कानों कान खबर ही नही हुई।

सुबह मकान मालिक जब आये तो पता चला तो सिर्फ अफसोस और रोने के सिवाय कुछ नही बचा था, वह ढूंढ़ता भी तो कहाँ और कैसे कुछ भी तो अता-पता नहीं था अब अगर कुछ बचा था तो वही पत्र, सूखे गुलाब के फूल, उसकी यादें और वह गाना जो वह रोज सुनता था।




राहुल ने खुद को पढाई में झोंक दिया था… चार वर्ष के अथक परिश्रम के बाद उसका सेलेक्शन सेल्स टैक्स ऑफिस में स्टेनो की पोस्ट पर हो गया था….घर में सभी लोग बहुत खुश थे पर उसे कोई खुशी नही थी क्योंकि नौकरी न मिलने की वजह से ही तो उसकी ख़ुशी उससे छिन गयी थी, वह तो बस जिये जा रहा था। धीरे-धीरे बीतते समय के साथ छोटे भाई-बहनों का विवाह हो गया पर उसने विवाह नही किया था।

नीतू अपनी दी के पास कपड़ो की खरीदारी करने दिल्ली आयी हुई थी। वह दोनों सरोजनी मार्केट में आई ही थी कि उन्हे सौंदर्या मिली उनकी खुशी का ठिकाना नही था…. बातों ही बातों में पता चला कि सौंदर्या के पापा की हार्ट अटैक के कारण डेथ हो गयी थी और माँ तो जब से पापा गए हैं बिस्तर से उठी ही नही और कुछ दिन बाद वह भी नही रही। बात जब विवाह की आई तो बताया कि तुम्हारे भैया जैसा कोई मिला ही नहीं तो शादी करने का तो सवाल ही नही होता।

तो नीतू ने भी बताया कि भैया ने भी अभी तक शादी नही की है फिर शादी का कार्ड देते हुए कहा कि शादी में आना जरूर तुम्हारे लिए एक सरप्राइज रहेगा।

शादी वाले दिन जयमाल होने के बाद सभी लोग बारी बारी से फोटो खिंचा रहे थे कि तभी सौंदर्या ने माइक लेकर गाना गाना शुरू किया…… तेरी उम्मीद तेरा इंतजार करते हैं……..

इधर राहुल बरातियों के नाश्ते और खाने का प्रबंध देख रहे थे तभी उसे यह आवाज सौंदर्या की लगी वह उधर ही खिंचा हुआ चला आया और सामने देखकर उसे विश्वास ही नही हो रहा था कि वह सौंदर्या को अपने सामने देख रहा है…. गाना खत्म होते ही वह उसके सामने खड़ा था….. तभी माइक पर नीतू की आवाज आई कि आज हम दोनों बहनों की तरफ से भाई को तोहफा और यह कहने के बाद ही दो रिंग उनके सामने आ गयी।

दोनों ही एक- दूसरे को रिंग पहनाते हुए बहुत खुश थे….क्योंकि अब दोनों का इंतजार खत्म जो हो गया था और उम्मीद पूरी।

 

#चाहत

किरन विश्वकर्मा

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