हाय रे घूंघटा……. – डा उर्मिला सिन्हा
संस्मरण लिखना हो वह भी विवाह पर । फिर क्या एक से बढ़कर एक सुमधुर यादें पलकों में बोलने लगती हैं।हम कलमकारों को कहां से शुरू करूं और कहां अंत…..उलझन में डाल देती है। फिर भी….! मन के तहों में वर्षों से दबा स्मृतियों का पिटारा,हमारा अनमोल खजाना है। यह उनदिनों की बात है जब … Read more