रिक्त स्थान (भाग 21) – गरिमा जैन

मौसम बहुत खुशनुमा था ,साथ ही जितेंद्र भी खूब रोमांटिक मूड में था ।रेखा जितेंद्र को देखकर बहुत खुश थी ।आगे की सीट पर रेखा और जितेंद्र बैठे थे और पीछे आया जानू को लेकर बैठी थी। रेखा को ऐसा महसूस हो रहा था कि उसका परिवार आज पूरा हो गया है। जितेंद्र बहुत अच्छे से गाने की धुन सुना रहा था।

यह वही गाना था जो रेखा ने जितेंद्र की गाड़ी में पहली बार सुना था। साथिया का टाइटल ट्रैक ।जितेंद्र बहुत सुरीला गाना गाता है ।रेखा का दुपट्टा हवा में लहरा रहा था ।आज बहुत दिनों के बाद वह हल्का महसूस कर रही थी। तभी रेखा की नजर कार के साइड मिरर पर पढ़ती है ।पीछे एक कार आ रही थी ।काले रंग की  काफी बड़ी सी गाड़ी थी।  गाड़ी के अंदर  काली हुडी पहने एक आदमी बैठा है और बहुत तेज गाड़ी चला रहा था।रेखा एकदम से चीख पड़ती है ।जितेंद्र भी उसे देख कर चौक जाता है।

” क्या हो गया रेखा”

रेखा कहती है जितेंद्र वह पीछे काली गाड़ी में देख रहे हो!! काली हूडी पहने एक आदमी बैठा है !!वह कल रात भी हमारे कमरे के बाहर था!! मैंने कैमरे में उसे देखा था !!वह हमारे रिसोर्ट वाले घर का दरवाजा खोलने की कोशिश कर रहा था!! जितेंद्र मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा ।

आया भी घबरा जाती है ।

“साहब एक काम करिए आप गाड़ी रोक लीजिए और उस गाड़ी को आगे निकल जाने दीजिए ।”

जितेंद्र को भी उसका सुझाव ठीक लगता है। जितेंद्र अपनी गाड़ी धीमी कर लेता है और पीछे वाली एसयूवी आगे निकल जाती है ।जितेंद्र हंसने लगता है “क्या रेखा तुम भी ,इतनी जल्दी घबरा जाओगी तो मेरा साथ कैसे दोगी ? तुमको बहुत बोल्ड बनना होगा ।आज की दुनिया में डरपोक लोग की कोई जगह नहीं ,समझी !!

रेखा को भी अपनी नादानी पर शर्म आती है। वह बेकार ही उस गाड़ी पर शक कर रही थी ।हो सकता है रिसोर्ट में कोई रुका हो और काली हूडी पहनना कोई जुर्म थोड़ी ना है !!मौहोल फिर से खुशनुमा होने लगता है ।आगे की गाड़ी में रेखा के माता-पिता और रूपा जा रहे थे ।कुल 4 गाड़ियां थी। सारे हंसते खेलते चले जा रहे थे ।

तभी रेखा देखती है कि थोड़ी दूर एक मोड़ पर वही काली एस यू वी फिर से खड़ी है। रेखा जितेंद्र से इस बार कुछ नहीं कहती।जैसे ही रेखा और जितेंद्र की गाड़ी आगे बढ़ती है वह एसयूवी फिर से उनका पीछा करने लगती है। रेखा समझ जाती है सब कुछ ठीक नहीं है।वह सोचती है कि …….तब तक मैं उसके फोन पर मैसेज आता है।रेखा अपना व्हाट्सएप खोलती है।

मैसेज किसी अननोन नंबर से था। रेखा नहीं जानती थी वह किसका है ।उसे कुछ तस्वीरें भेजी गई है ।रेखा उन तस्वीरों को गौर से देखने लगती है ।किसी किशोर लड़के और लड़की की फोटो है ।दोनों ने स्कूल ड्रेस पहनी हुई है एक दूसरे का हाथ पकड़ा हुआ है ।दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा रहे हैं। 

यह दोनों कौन है वह नहीं जानती ? ऐसे ही तीन-चार और तस्वीरें थी  ।सब तस्वीरों में लड़का और लड़की बहुत खुश दिख रहे थे ।किसी तस्वीर में लड़का लड़की को फूल दे रहा था तो किसी ने उसे कार्ड दे रहा था। किसी में दोनों आइसक्रीम खा रहे थे तो एक में दोनों कोल्ड ड्रिंक पी रहे थे।

रेखा का ध्यान एक खास तस्वीर पर जाता है जिसमें लड़का जोर से हंस रहा है और  उसके गालों पर डिंपल पड़ रहा है।उसके गुनघराले बाल  हवा में लहरा रहे ।वह  जितेंद्र था !!!जब जितेंद्र यही कोई 14 – 15 वर्ष का होगा तो ऐसा ही दिखता होगा लेकिन उसके साथ में खड़ी है लड़की कौन थी??लंबी लंबी  दो चोटियां थी ।पतला दुबला शरीर और जब वह हंस रही थी तो उसके दांतों पर क्लिप लगी हुई थी।

जितेंद्र गाना गुनगुनाते हुए गाड़ी चला रहा था ।वह अपना फोन बंद कर के अंदर रख देती है ।उसे लगता है कि किसी ने जितेंद्र के बचपन की तस्वीर उसे भेजी है लेकिन किसने और उसके साथ वह लड़की कौन है??तस्वीर में जितेंद्र बड़ा खुश दिख रहा है और वह दोनों ऐसे हंस रहे हैं जैसे वैसे दोस्त नहीं है दोस्त से भी कुछ बढ़ कर हैं। शायद वह एक दूसरे को पसंद करते हैं।  रेखा का ध्यान फिर से उसी काली गाड़ी पर जाता है। वह अभी भी उनका पीछा कर रही थी। रेखा के मोबाइल पर फिर से मैसेज आता है ।रेखा व्हाट्सएप खोलती है ।उसी अननोन नंबर से मैसेज था ,पर इस बार कोई तस्वीर नहीं थी इस बार उसे खुले तौर पर धमकी दी गई थी ।

मैसेज में लिखा था ।”जितेंद्र से दूर हो जाओ ,तुम हर पल मेरी नजर के सामने हो। वह काली एसयूवी जिसे तुम बार-बार देख रही हो उसमें मेरा ही आदमी बैठा है ।तुम कभी जितेंद्र के साथ खुश नहीं रह पाएगी ।”

यह पढ़ते ही रेखा के माथे पर पसीना छूटने लगता है जिसे जितेंद्र झट से समझ जाता है कि रेखा किसी परेशानी में है।वह सड़क किनारे गाड़ी रोकता है ।पीछे वाली एसयूवी फिर से आगे निकल जाती है । रेखा उसे मोबाइल वाला मैसेज दिखाती है। जितेंद्र के मुंह से निकलता है

“नैना ,नैना ने हमारी तस्वीरें तुमको क्यों भेजी हैं और यह क्या लिखा है । यह क्या बकवास कर रही है वह। उसका दिमाग अभी भी ठिकाने नहीं आया है। हमें उसके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई करनी पड़ेगी ।वह चाहे पाताल में भी छुप कर बैठी हो मैं अब उसे छोडूंगा नहीं ।।बहुत ज्यादा उसने मेरी जिंदगी तबाह बर्बाद कर दी है ।अब बारी उसकी है।”

रेखा यह सब सुनकर बहुत घबरा जाती है। वह जितेंद्र से कहती है

“आप कुछ भी नहीं करेंगे । नैना पागलपन की कगार तक पहुंच चुकी है ।वह अपना बदला लेने के लिए कुछ भी कर सकती है ।सबसे अच्छा यही होगा कि मैं आपसे दूर हो जाऊं। उसे मुझ से दुश्मनी है और इसलिए वह आप को भी नुकसान पहुंचा सकती है ।”

जितेंद्र की आंखों में आंसू आ जाते हैं। वह कहता है

” रेखा तुमने मुझे इतना बुजदिल समझ रखा है कि नैना जैसी एक सिरफिरी लड़की के लिए मैं तुमको छोड़ दूंगा!! तुम नहीं जानती रेखा मैं किस हद तक तुमसे प्यार करता हूं!!

तभी पीछे बैठी आया कहती है “रेखा मेमसाहब नैना मैडम से डरने की जरूरत नहीं है. आप जितना उनसे डरेगी उतना वह आपको डराएंगी जैसे स्वाति मैम को डराती थी ।मैंने खुद देखा है उनसे स्वाति मैडम कितना डरती थी और नैना मैडम हंसती थी ।जो उनसे डरेगा वह उस पर हावी होती जाएंगी। आप अपना डर निकाल दीजिए तभी आप साहब का साथ दे पाएंगे और खुश रह पाएंगे।

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गरिमा जैन 

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