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प्यार सबके नसीब में कहां…

दिल तो आखिर दिल है, इस दिल पर किसका जोर है,

कभी कभी बस दूरियां और कुछ यादों की एक डोर है.

यह कहानी अभिमन्यु और नित्या की है. जो जुड़ कर भी पास नहीं है.  “क्या बात है नित्या आजकल तुम बड़ी खुश और खिली खिली सी रहती हो? और देख रहा हूं की अपने आप को काफी फिट रख रही हो? जब पहले मैं कहा करता था तो कहती थी… दो बच्चें पैदा करना और पालना आसान बात नहीं है… जो एक्स्ट्रा   वर्कआउट भी कर लें!!”

नित्या और नितिन की शादी हुए छे साल हो चुके थे, और इन छे सालों में उनका एक तीन साल का बेटा अंश भी था. दोनों की घर गृहस्थी तो बहुत अच्छे से चल रही थी. देखते देखते कैसे छे साल बीत गए पता ही नही चला. लेकिन नितिन हर वक्त ऑफिस के काम में बिजी रहता और नित्या अपने घर के कामों में और बच्चें के देख भाल में बसी रहती. नितिन किसी चीज का शौकीन नहीं था. ना उसे अच्छे कपड़ो से मतलब होता और नाही उसे औरों की तरह ऑफिस में पार्टीज और गैदरिंग का शौक रखता. नितिन अपनी पत्नी और बच्चें के साथ ही खुश था. पर शादी से पहले नित्या बहुत ही अलग लड़की थी. उसे देर रात तक पार्टी करना.. दोस्तो के साथ घूमना फिरना बाहर खाना पीना और पिक्चर्स देखने का बहुत शौक था. लेकिन अपने माता पिता के कहने से नितिन से उसकी शादी हो गई और फिर वह अलग शहर में आ गई. और उसकी एंजॉयमेंट वाली जिंदगी पीछे छूट गई… ना अब इस शहर में नित्या के वह दोस्त मिलते ना ही उसे नितिन कभी बाहर घूमने या पार्टीज में ले जाता. ऐसे तो कुछ समय नित्या को बहुत ही बुरा लगता… नित्या ने कई बार कोशिश की, नितिन को अपने साथ बाहर घूमने फिरने ले जाने की, उसके साथ कुछ वक्त बिताने के लिए या फिर थोड़े प्यार भरे लम्हे जिए. लेकिन नितिन ने फिर भी कुछ खास इंटरेस्ट नहीं दिखाया, और हर बार जब नित्य कहती तो वह कह देता,

“मुझे बहुत काम है नित्या, प्लीज आई एम सॉरी… तुम्हें जाना है तुम अकेली चली जाओ… या फिर नए दोस्त बना लो!!”

और फिर एक समय आया जब नित्या नितिन से कुछ नहीं कहती. क्यों की नितिन का खुद का बिजनेस था जो उसके बिना एक दिन भी नहीं चलता. नित्या अब यह बात समझती थी. इसी लिए उसने अपने आप को ही संभाल लिया. और कुछ ही साल में उनका एक बेटा हो गया. और अब नित्या का मन घर पर ही लगा रहता था. अब वह पहले की तरह कुछ को खूबसूरत और फिट रखने की जरूरत महसूस नहीं करती थी… फिर एक दिन नितिन ने आखिर में नित्या पर ध्यान दिया,

“नित्या तुम पूरा दिन घर पर रहती हो… देखो तुमने अपनी हालत क्या बना ली है!! तुम क्यों ना जिम सुरु करो क्यों की अंश को स्कूल छोड़ने के बाद तो तुम घर पर फ्री ही रहती हो…”

“क्या बात है पतिदेव आज इतने सालो बाद आपका ध्यान आपकी पत्नी पर गया!!”

“ऐसा क्यों कह रही हो नित्या?”

“हां तो और क्या कहूं… आजतक आपने कभी मूड कर मेरी तरफ देख कर मुझे यह भी कहा है की, नित्या तुम आज खूबसूरत दिख रही हो!! फिर मैने भी अपने आप को सावरना छोड़ दिया…”

“ऐसा नहीं है नित्या मैं तुम्हें हर रोज ही तो देखता हूं अगर मैं तुमको नोटिस नहीं करता तो आज कैसे कहता की तुमने खुद का खयाल रखना बंध कर दिया है?”




उसके बाद नित्या अच्छे से खुद को आईने में देखती है तो उसे भी इस बात का एहसास होता है की उसे अब फिर से जिम सुरु कर देना चाहिए. नित्या दूसरे ही दिन से बेटे अंश को स्कूल छोड़ने के बाद जिम चली जाती है. और फिर तीन घंटे बाद वर्कआउट कर घर लौटती है. ऐसे ही कुछ समय बीत जाते है और अब कुछ ऐसा था की नित्या अगर एक दिन भी जिम नही जाती तो उसका मन बेचैन हो जाता. और अगर वह जिम जाती तो पूरा दिन बहुत खिली खिली रहती.

“क्या नित्या? तुमने तो खुद को बिल्कुल ही बदल दिया? क्या बात है लगता है जिम में अच्छा सा ट्रेनर मिल गया है तुम्हें!!”

“अरे हां क्या बताऊं और दोस्त भी बहुत सारे बन गए है… और वो ट्रेनर अभी तो मेरा काफी अच्छा दोस्त बन गया है…”

क्या अभी? वॉट?

“मेरा मतलब है अभिमन्यु… हम सब उसको अभी कह कर ही बुलाते है, अरे हां सुना है उसकी बीवी आपके ही ऑफिस में काम करती है?”

“अच्छा क्या नाम है?”

“अम्म्म… अनीता… अनु… नहीं हां आकांक्षा नाम है…”

“अरे हां आकांक्षा… यस यस वो तो मेरी कंपनी में सीनियर मैनेजर है, उनकी भी तो एक बेटी है शायद…”

“हां वह हमारे अंश के उम्र की ही है… एंजल नाम है ना!! वो कभी कभी अभी उसे जिम में ले आता है और मुझे तो उसके साथ खेलने में बड़ा मजा आता है… और देखो ना अभी भी अपनी बेटी को कितनी अच्छी तरह से संभाल लेता है, और खुद को कितना फिट रखता है… ब्लैक बेल्ट जिम ट्रेनर है!!”

इतना कहते हुए नित्या रसोई में काम करने लगती है. और अब  नितिन को नित्या के मुंह से इतनी बार अभिमन्यु का नाम सुन उसे मिलने की चाह होती है… तो नितिन कहता है,

“अरे नित्या एक कम क्यों नहीं करती… हमारे ऑफिस में खास हवन रखा है और शाम को बड़े से डील फाइनल होने की खुशी में एक छोटी सी पार्टी रखी है तो तुम अपने ट्रेनर अभी को बुला लो वैसे तो आकांक्षा ही बुला सकती है, लेकिन तुम दोनों अच्छे दोस्त बन चुके हो तो तुम भी इनवाइट कर देना अपनी तरफ से…”




“ओह अच्छा… आपने कुछ बताया नहीं मुझे इसके बार में

तुम भी आजकल मुझसे कहा कुछ पूछती हो नित्या! तो मैने भी नही बताया…”

“अरे ऐसा नहीं है… छोड़िए मैं इनवाइट कर दूंगी!!

फिर दूसरे दिन नित्या जिम जाती है और अभी से वह पार्टी और पूजा के लिए इनवाइट भी करती है. दूसरे दिन अभिमन्यु अपनी बेटी और पत्नी के साथ नितिन के ऑफिस पूजा में आते है. तो मैनेजर आकांक्षा नितिन को अपने पति अभी से मिलवाती है,

“सर… मीट अभिमन्यु माय हसबैंड… एंड अउर डॉटर लिटिल एंजल!!”

“ओह इस मैं इनको जनता हूं दरअसल मेरी बीवी नित्या जिस जिम में जाती है, वही अभी ट्रेनर है ना! वह तो काफी अच्छे दोस्त है…”

“यस नित्या राइट? उसने तो मुझे इनवाइट किया है..” अपनी बेटी को गोद में लिए अभी कहता है.

“ओह वॉट ए सरप्राइज… तुमने मुझे बताया नहीं अभिमन्यु!”

तुम सारा दिन ऑफिस रहती हो तुमको समय ही कहा की तुम मुझसे आकर दो पल बात भी करो… नित्या तुम्हारा पति मेरी पत्नी को इतना बिजी रखता है की उसे सोने भी नही देता…”

“हाहाहाहा… अच्छा और तुम भी तो मुझे जिम में मुझसे  इतनी मेहनत करवाते रहते हो…”

“पर देखो आज उसीकी वजह से ही तो तुम इतनी फिट और हेल्थी हो… कोई कहेगा की तुम एक बच्चे की मां हो!!”

अभी और नित्या की यह बात चीत सुन नितिन और आकांक्षा दोनों को ही अजीब जलन महसूस होती है. और के दिन तो खतम हो जाता है. सब अपने अपने घर चले जाते है. दूसरे हो दिन ना जाने क्यों नितिन नित्या से कहता है,

“नित्या क्या तुम अब जिम जाना नहीं छोड़ सकती? देखो ना अंश को कितना चुप सा हो गया है ना पहले से लगता है उसको जरूरत जितना हम समय नहीं दे पा रहे…”

“ऐसा है तो आप ऑफिस का समय काम कर दीजिए ना… हर बार मैं ही क्यों कॉम्प्रोमाइज करू! वैसे भी मैं अब एक दिन भी  जिम ना जाऊं तो ने बीमार महसूस करती हूं!”

ऐसा कहते हुए नित्या ने नितिन की बात टाल दी. और रोज की तरह ही सुबह का सब काम खतम कर और अंश को स्कूल छोड़ वह जिम चली गई. और यह बात अब नितिन को बहुत खटकने लगी थी. क्यों की नित्या अब नितिन की कोई बात नही मानती. अब कुछ एक महीने बाद अंश काफी बीमार पड़ गया. और इसका जिम्मेदार नितिन नित्या को मान ने लगा,




“तुम्हारी वजह से हमारा बच्चा आज इतना बीमार है… एक मां हो कर तुम उसको समय देने की बजाय आधा दिन जिम में निकल देती हो!! और ऐसा क्या है उस जिम में जो तुम हमारे बच्चें के लिए भी छोड़ नही सकती!!” नित्या नितिन की यह बात सुन बहुत रोती है. और उसके बाद कई दिनों के लिए वह जिम नही जाती. और जिस वजह से वह खुद भी एक टाइम बाद बीमार होती है.

ऐसे में जिम में अभी रोज नित्या के इंतजार में बैठा रहता था. उसे भी उधर जरा भी चैन नहीं था. ऐसे में कुछ दिन जब अभी से रहा नही गया तो उसने नित्या को फोन किया,

“क्या हुआ नित्या अब ठीक तो है? तुम अब जिम क्यों नहीं आ रही? मैं पूरा पूरा दिन तुम्हारा इंतजार करता हूं लेकिन ना तुम्हारी कोई खबर और ना ही कोई फोन मैसेज!!”

“अभी मैं अब जिम नही आ सकती, अंश में छोटा है और नितिन को भी अब मेरा जिम आना पसंद नही… और कुछ समय से तो मैं खुद भी बीमार हूं”

“अच्छा क्या हुआ तुम्हे तुम ठीक तो हो नित्या बताओ अगर मैं तुम्हारी कोई मदद में आ सकी तो…”

“नहीं अभी तुम भूल रहे हो… मेरे पति नितिन है! जो मेरा ध्यान रख सकते है…”

“पर नित्या तुम भी जानती हूं और मैं भी जनता हूं हम दोनों जानते है की हम एकदूजे के लिए क्या महसूस करते है…”

“पर हम कुछ नहीं कर सकते… अभी हम मजबूर है और हमारा रिश्ता कुछ नहीं है बस सब यही हमे खतम करना होगा, क्यों की हम दोनों की अलग अलग जिंदगी है अगर हम उस पर ध्यान नहीं देंगे तो हो सकता है हम सबकुछ खो बैठे…”




“हां नित्या वो मैं भी जनता हूं… लेकिन तुम एक बार मिल तो सकती हो? जिम ने नही तो बाहर”

“हां ठीक है ऐसा करो मैं कल डॉक्टर के पास जाने वाली हूं, तो वहा से होते हुए हम सीसीडी(कॉफी शॉप) में मिलते है..”

शाम को दोनो मिलते है. तो वहा नितिन की एक दोस्त मिलती है, जो नित्या की भी दोस्त होती है. वह उन दोनो को वहा देख…

“यू गायज हियर… वॉट अ सरप्राईस डिड अभी नो अबाउट!! आह इट्स ओके एंजॉय एंजॉय!!”

बोल कर वह वहा से निकल जाती है. नित्या और अभी भी पेमेंट कर के वहा से निकल रहे होते है की नित्या छुट्टे १० रूपी निकल दे रही होती है तो उसके हाथ से छीन कर अभी वह १० रूपी अपने पास रख लेता है और खुद से नोट निकाल कर पेमेंट करता है. और नित्या तो अब डर जाती है की कही वह उसके बारे में नितिन को ना बता दे. अगले दिन नितिन भी ऑफिस में आकांक्षा को कहता है की उसे अब इस कंट्री में नहीं रहना वह अब कुछ ही दिनों में अपनी बीवी बच्चें के साथ ऑस्ट्रेलिया चले जाने वाला है. और इतने में वह कंपनी का सारा पावर ऑफ एटोनी आकांक्षा अभी की पत्नी को दे जाता है. जब आकांक्षा घर आकर पति अभी से सब कहती है तो अभी समझ जाता है की आज का दिन नित्या से मिले आखिर दिन था अब नित्या उसे कभी कभी नहीं मिलने वाली थी. कुछ दो महीने बाद ही नितिन अपनी पत्नी नित्या और बेटे अंश को लेकर देश छोड़ कर विदेश चला जाता है.

लेकिन नित्या का मन अभिमन्यु के साथ जुड़ चुका था. और अभी को भी नित्या से प्यार हो चुका था. लेकिन वह अपने अपने और से मजबूर थे. लेकिन आज कुछ छे साल बाद अभिमन्यु  कई बार अपना वॉलेट निकलता है और वह नित्या से लिया हुआ आखरी १० रूपये का सिक्का देख मुस्कुरा देता है. और नित्या भी कई बार अपने आप को आईने में देख अभी को याद करती है.

 

 

 

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