प्यार की रजामंदी – प्रियंका मुदगिल

आज फिर दीपक बिना कुछ बोले उदास होकर ऑफिस चला गया। उसकी मां नीला जी से अपने बेटे की यह हालत देखी नहीं जा रही थी। दीपक के जाने के बाद नीला जी ने अपने पति अविनाश जी से बात करने की कोशिश की।

“”सुनिए! दीपक हमारा एकलौता बेटा है। क्या उसकी खुशी से बढ़कर हमारे लिए कुछ है…? आप क्यों नहीं उसे उसकी खुशी, उसका प्यार लौटा देते हैं..?”

“”नीला, तुम्हें पता है कि मैं इस रिश्ते के खिलाफ क्यों हूं..?””

“पर मुझसे अपने बेटे की यह खामोशी और उदासी अब देखी नहीं जाती ,आखिर मां हूं मैं उसकी…””

मैं भी उसका पिता हूं और मुझे भी उसके भविष्य की चिंता है। बच्चों की हर जिद्द  पूरी करना भी आसान नहीं होता है।

उधर दीपक  अपने ऑफिस में भी गुमसुम सा रहने लगा। तभी उसका दोस्त अजय उसके पास आया और उसकी उदासी की वजह पूछने लगा।

नानुकर करने के बाद दीपक ने कहा

“”यार! मैं कॉलेज में मेरे साथ पढ़ने वाली दिशा से बहुत प्यार करता हूं। हम दोनों ने साथ मिलकर बहुत से सपने देखें हैं। मैं उसके बिना अपनी जिंदगी की कल्पना भी नहीं कर सकता। और सिर्फ और सिर्फ उसी से शादी करना चाहता हूं। लेकिन मेरे पापा इस शादी के सख्त खिलाफ है..”

4 साल पहले दीपक ने दिशा से अपने प्यार का इजहार किया था। दोनों के ही कुछ सपने थे। दोनों अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते थे। इसलिए उन दोनों ने फैसला किया कि कॉलेज खत्म होने के बाद पहले अपने कैरियर पर फोकस करेंगे। उसके बाद ही शादी के बारे में सोचेंगे।

अब जबकि दोनों अपने पैरों पर खड़े हो गए तो दोनों ने अपने घरवालों से अपने रिश्ते के बारे में बात की।दीपक और दिशा ने अपने -अपने माता -पिता को मिलवाने का फैसला किया।दोनों के ही घरवाले दोनों से बहुत प्यार करते थे।




लेकिन जहां दीपक के पिता रीति- रिवाज और कुंडली -मिलान को अधिक महत्व देने वाले थे।

उधर दूसरी ओर, दिशा के पिता प्रेम- विवाह के सख्त खिलाफ थे।

पहली मुलाकात में ही दीपक के पिता ने कहा,” आपकी बेटी हमें पसंद है लेकिन जब तक दोनों की कुंडली नहीं मिल जाती तब तक इस रिश्ते के लिए मैं कोई हामी नहीं भरने वाला हूं।

दिशा के पापा ने भी ज्यादा बातचीत नहीं की क्योंकि यह रिश्ता होने उन्हें नागवार था। हालांकि दीपक उन्हें बहुत पसंद आया लेकिन फिर भी प्रेम विवाह नाम से ही उन्हें नफरत थी। क्योंकि उन्हें लगता था कि अगर उनकी बेटी अपनी पसंद से विवाह करेगी तो समाज में उनकी मान मर्यादा और प्रतिष्ठा की हानि होगी।

फिर दीपक के पापा ने दीपक और दिशा की कुंडली  मिलवाई। और उनके अनुसार दोनों के ही ज्यादा गुण नहीं मिले। इसलिए उन्हें इस रिश्ते से आपत्ति थी।

फिर भी दोनों परिवार अपने बच्चों की खुशी के लिए एक बार फिर से मिलने के लिए तैयार हो गए । अबकी बार दीपक और दिशा को उम्मीद की एक किरण नजर आई ।दोनों काफी खुश थे। उन्हें लगा कि शायद अब उनके घरवाले मान जाएंगे।

लेकिन जैसा हम सोचते हैं वैसा कहां हो पाता है।

अबकी बार दोनों के पापा के बीच में किसी बात को लेकर बहस हो गई और बहस इतनी बढ़ गई कि दीपक के पापा बातचीत बीच में छोड़कर ही घर वापस आ गए। दोनों परिवारों का गुस्सा सातवें आसमान पर था।

एक तरफ दीपक दुखी था तो दूसरी ओर दिशा का रो रोकर बुरा हाल था। क्योंकि दोनों ही एक दूसरे से इतना प्यार करते थे कि किसी से शादी करना तो दूर किसी के बारे में सोच भी नहीं पाते थे।

ये सारी बातें सुनकर दीपक के दोस्त अजय ने उसे एक  सुझाव दिया।

दीपक ने दिशा के साथ मिलकर उस सुझाव पर काम करना शुरू किया।

वैलेंटाइन डे आने वाला था। दोनों ही अपने अपने माता- पिता को लेकर एक रिसॉर्ट में गए। रिसोर्ट में पहुंचने के बाद दोनों परिवार एक- दूसरे से टकराए।

फिर दीपक और दिशा ने एक दूसरे के माता-पिता को अपनी कसम देकर बिठाया और बोलना शुरू किया।




दीपक ने कहा,”मम्मी पापा !  मैं और दिशा आप दोनों से बहुत प्यार करते हैं आपकी इच्छा के विरुद्ध कोई कार्य नहीं करेंगे। अगर हम दोनों चाहते तो भाग कर भी शादी कर सकते थे जैसा कि आजकल कई बच्चे कर लेते हैं लेकिन आपकी अहमियत हमारी जिंदगी में बहुत ज्यादा है आपको तकलीफ पहुंचा कर हम खुश नहीं रह सकते””

फिर दिशा ने कहा,””आप लोग भले ही इस रिश्ते से इंकार कर दे कोई बात नहीं लेकिन इतना तो तय है कि हम किसी और से शादी करना तो दूर सोचेंगे भी नहीं।

दिशा ने अपने पापा से कहा,””पापा अगर दीपक में आपको कोई कमी नजर आती है तो मुझे बताइए मैं जरूर आपकी बात मानूंगी.. लेकिन प्लीज, आप एक बार मेरी पसंद पर भी विश्वास करके देखें..””

दीपक ने कहा,””पापा आपको सिर्फ हमारी कुंडली के गुण कम मिले इस बात से परेशानी है। लेकिन आप ही बताइए कि रोहित (दीपक का चचेरा भाई) की कुंडली तो बहुत अच्छे से मिलाई गई थी फिर भी उसका और भाभी का तलाक क्यों हो गया..?? यह सब तो मन मिलने वाली  और एक -दूसरे को समझने वाली बातें हैं। मैं आपका विरोध नहीं कर रहा हूं और ऐसा भी नहीं है कि मैं अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों के खिलाफ हूं। लेकिन आप एक बार मेरी खुशी के लिए भी सोचें… बस इतना चाहता हूं…”

फिर दोनों ने 2 -2 गुलाब के फूल निकालें और एक दूसरे के मम्मी पापा को दिए

और कहने लगे

” हर वैलेंटाइन डे पर लड़का- लड़की एक दूसरे को गुलाब देते हैं। लेकिन हम आप सब से बहुत प्यार करते हैं और हमेशा आपका आदर करेंगे अगर आपको यह रिश्ता मंजूर हो तो यह गुलाब जरूर स्वीकार करें..””




..हैप्पी वैलेंटाइन डे मम्मी पापा..

तभी दीपक की मम्मी ने दिशा को गले से लगाते हुए कहा,””बेटा जब से मैंने तुम्हें देखा है तुम्हारी छवि अपनी बहू के रूप में मेरे मन में बस गई है और मुझे भी तुम्हारे अलावा कोई लड़की पसंद नहीं आयी। तुम ही मेरे घर की बहू बनोगी””

अपने बच्चों की बातें सुनकर उनका प्यार देखकर दोनों के मम्मी -पापा इस रिश्ते को तैयार हो गए।

फिर दिशा के पापा ने कहा

” एक ही शर्त पर यह रिश्ता तय हो सकता है ..अगर शादी के बाद भी हर वैलेंटाइंस डे तुम दोनों हम सब के साथ मनाओ….””

उनकी यह बात सुनकर सब लोग ठहाके मारकर हंस दिए।

और आखिरकार दोनों के प्यार को रजामंदी मिल गई और इस तरह से दो प्यार करने वाले हमेशा -हमेशा के लिए शादी के बंधन में बंध कर एक- दूसरे के  हो गए।

 

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#प्रेम 

आपकी दोस्त

प्रियंका मुदगिल

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