पापा आप तो बेस्ट मम्मा हो – संगीता अग्रवाल : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : ” क्या बात है बेटा आज उठी नही हो अब तक स्कूल नही जाना क्या ?” राजीव अपनी बेटी श्रेया के कमरे में आकर उसे उठाते हुए बोला।

” पापा वो ..वो मेरे पेट में दर्द है !” श्रेया नजरें चुराते हुए बोली।

 

” रात को पापा ने मना किया था ना चाइनीज खाने को पर आपने सुना नही खैर मैं कोई दवाई देता हूं अभी !” राजीव प्यार से बोला।

” नही पापा मुझे कोई दवाई नही चाहिए आप बस यहां से जाओ मैं थोड़ा साऊंगी तो ठीक हो जाऊंगी!” श्रेया तेज आवाज में ये बोल मुंह फेर कर लेट गई।

राजीव बेटी के व्यवहार से हैरान था बारह साल की श्रेया जिसकी मां उसे छह साल की अवस्था में छोड़ ईश्वर के पास चली गई थी घर में श्रेया, उसकी दादी और राजीव थे बस। राजीव ने बेटी को मां बाप दोनो का प्यार देने की भरपूर कोशिश की बाकी थोड़ी कसर दादी के जरिए पूरी हो जाती थी। पत्नी की मृत्यु के बाद राजीव पर दूसरी शादी का भी दबाव पड़ा पर राजीव ने बेटी की खातिर दूसरी शादी करना उचित नहीं समझा। श्रेया के ग्यारह वर्ष का होते ही श्रेया की दादी भी दुनिया को अलविदा कह गई। अब राजीव ही श्रेया के लिए सब कुछ था। श्रेया भी वक्त से पहले समझदार हो गई थी वो भी अपने पापा का पूरा ख्याल रखती थी बाप बेटी में दोस्ती वाला रिश्ता था पर आज राजीव को लगा श्रेया उससे कुछ छिपा रही है।

राजीव बाहर आ पत्नी नीलम की फोटो से बात करने लगा।

” नीलम नन्ही सी परी को मेरी गोद में डाल तुम तो तारों में छिप गई छह साल की थी वो जब तुम गई थी आज बारह साल की हो गई इन छह सालों में मैने कोई कमी महसूस नही होने दी पर आज लगता है मैं कही न कही चूक गया इसलिए आज मेरी बेटी मुझे अपना दर्द नही बताना चाहती….!” राजीव बोला…क्या श्रेया बारह साल की हो गई ओह माय गॉड मैं क्यों नही समझा ये !” अचानक उसे कुछ याद आया और वो खुद से बोला। 

उसने तुरंत अपना मोबाइल निकाला और कुछ देखने लगा ….फिर भाग कर बाजार गया और एक पैकेट लेकर लौटा।


” श्रेया बेटा मुझे आपसे कुछ बात करनी है अंदर आ जाऊं !” श्रेया के कमरे के बाहर से राजीव बोला।

” हां….. हां..पापा आ जाओ !” श्रेया हड़बड़ाहट में बोली।

दरवाजा खोलते हुए राजीव ने देख लिया श्रेया कोई कपड़ा छिपा रही थी ” उफ्फ मेरी बेटी कितना दर्द में है ” राजीव की आंख में आंसू आ गए।

ये समय एक पिता के लिए सबसे बड़ी परीक्षा का समय होता है। बेटी की मां बनने के बड़े बड़े दावे करने वाले पिता को यही वो समय होता है जब सच में मां बनना पड़ता है। 

” बोलिए पापा !” श्रेया कुछ संभल कर बोली उसका उतरा चेहरा उसका दर्द बयां कर रहा था राजीव से रुका नही गया उसने आगे बढ़कर बेटी को गले लगा लिया श्रेया हैरान थी पर इस वक्त पापा का यूं गले लगाना मानो जादू की झप्पी का काम कर रहा था।

” बेटा आप अक्सर बोलते हो ना कि मैने आपको कब मम्मा की कमी नही महसूस होने दी ?” राजीव बेटी को खुद से अलग करते हुए बोला।

” हां पापा ये तो सच है आप मम्मा की तरह ही मुझे प्यार करते हो !” श्रेया अभी भी हैरान थी की आज उसके पापा को हुआ क्या है।

” तो आपने पापा को क्यों नही बताया ….खैर मैं तुम्हारी हिचक भी समझ सकता हूं हमारी सोसाइटी में ऐसी बात बेटी पिता को नही बताती पर बेटा मैं आपके पापा होने के साथ साथ मम्मा भी हूं ना !” राजीव बोला।

” ऑफकोर्स पापा !” श्रेया बोली।

” ये बेटा तुम्हारे लिए इससे तुम्हारी परेशानी हल होगी !” साथ लाया पैकेट बेटी को देते हुए राजीव बोला।


” पापा इसमें क्या ….!” पैकेट खोल कर देखते हुए श्रेया बोलते बोलते रुक गई वो कभी पैकेट में रखे सेनेटरी नेपकिन को देख रही थी कभी पापा को।

” बेटा इसे कैसे इस्तेमाल करते वो इस वीडियो में है तुम इसे देखो इतने पापा अभी आते हैं!” अपना मोबाइल बेटी को दे राजीव बाहर आ गया। बाहर आ उसने सिकाई का बैग गर्म किया सूप बनाया और बेटी के कमरे में वापिस आ गया तब तक श्रेया वीडियो देख चुकी थी। 

” लो बेटा इससे पेट की सिकाई करो आराम मिलेगा और लो ये गर्म गर्म सूप बेटा तुम्हारी मम्मी होती तो शायद तुम्हे अच्छे से समझाती पर वो नही है कमला आंटी भी गांव गई है तो मुझे ही बताना होगा ये सब 5 से 6 दिन रहेगा तुम चिंता मत करना ये नॉर्मल है सबके साथ होता है बस तुम जो मैने दिया उसका ठीक से इस्तेमाल करना खाने पीने पर ध्यान देना और सबसे बड़ी बात स्ट्रेस मत लेना !” राजीव अपने हाथ से सूप पिलाते हुए बोला।

 

” जी पापा मुझे थोड़ा बहुत मेरी दोस्त ने बताया था !” श्रेया सूप पीते हुए बोली।

 

” गुड …बेटा तुम्हे कोई भी परेशानी हो मुझे बताना मैने अपनी तरफ से कोशिश की है बाकी ये सच है ऐसे समय में शायद मां की जरूरत सबसे ज्यादा होती है !” सूप का अंतिम चम्मच पिलाते हुए राजीव उदास होते हुए बोला। 

” नही पापा आपने मम्मा से भी अच्छा बताया आप मेरे बेस्ट पापा तो थे ही अब बेस्ट मम्मा भी हो !” ये बोल श्रेया राजीव के गले लग गई। राजीव ने बेटी को सीने से लगा लिटा लिया श्रेया पापा के सीने से लगी थोड़ी ही देर में चैन की नींद सो गई। अब उसके चेहरे पर दर्द नही सुकून था मतलब राजीव उसकी मां बनने में सफल रहा था। राजीव ने बेटी का माथा चूम लिया।

आपकी दोस्त

संगीता

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