रौनक एक हैंडसम लड़का था और बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर लगा हुआ था।जिसकी तीन बहने रेना,रीना और रेणु थी। तीनों की शादी हो चुकी थी पर थी एक ही शहर में तो हर दूसरे दिन एक ना एक बहन का आना जाना लगा रहता। क्योंकि घर में मां ही थी।पिताजी का अभी कुछ वर्ष पहले ही देहांत हुआ था।अच्छी दुकान थी जिससे बेटियों का विवाह उनका शिक्षण और रौनक का भी शिक्षण हो गया वो दुकान पर नहीं बैठना चाहता था इसलिए दुकान किराए पर दे दी ।
जिसका किराया इतना आता कि मां अपना और बेटियों बच्चो का कर लेती उन्हें रोहन से पैसे ना लेने पड़ते।रोहन पर सबका बहुत ध्यान रखता था मां बहनों सबकी चिंता करता ।हर महीने तनख्वाह आते ही मां को कहता की मां बैंक से निकाल कर तुम्हे दे दूं।तो राजबाला यही कहती नहीं बेटा घर के लिए किराया बहुत है।तू पैसा जोड़ के रख काम आएगा। अब रौनक 28 का हो चला तो उसके लिए रिश्ते देखे जाने लगे।रैना और रीना चाहती थी कि लड़की वो ढूंढे पर रेणु और राजबाला का कहना था कि रौनक की पसंद पहले पूछी जाए
रौनक बोला मुझे तो ऐसे कोई पसंद नहीं आप लोग देख लो बस लड़की पढ़ी लिखी होनी चाहिए। सब अपनी अपनी तरफ से लग गए।रैना की नंनद की बेटी मेघा उसे पसंद थी पर रौनक ने साफ मना कर दिया दीदी वो कितनी नकचढी हैं मैं अपना सुख चैन बर्बाद नहीं कर सकता।राजबाला जी भी बोली अरे रैना तुझे पता तो वो कैसी है उसका और अपने रौनक के साथ गुजारा नहीं होगा।रैना बोली मम्मी मै सोच रही थीं कि मेघा यहां आ गई तो मेरा ससुराल में दबदबा रहेगा। राजबाला ने समझा कर बात खत्म कर दी। उसी बीच रेणु के बेटे का 10 वा जन्मदिन था
उन्होंने एक होटल में बर्थडे सेलेब्रट किया सब लोग वहां आए थे वहां एक लड़की आई थी सावली सलोनी सी पिंक सूट में लंबे बाल वो रौनक को बहुत पसंद आई उसने चुपके से उसका फोटो ले लिया।घर आ कर मा को दिखाया उन्हें भी वो पसंद आई।अगले दिन रेणु को बुलाया गया और राजबाला ने उस लड़की की मालूमात हासिल करने को कहा।रेणु बोली ये उनके पड़ोस में रहने वाली सलोनी है। मास्टर इन इक्नॉमिक्स है लेक्चरर की पोस्ट के लिए आवेदन दिया हुआ है। समय गुजारने के लिए बच्चो को ट्यूशन पढ़ाती हैं
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अपना नमन और जेठानी का बेटा आयुष भी वही जाते है। पिताजी पोस्ट ऑफिस से रिटायर है।मां घर पर ही रहती हैं। बेटा आरव अमेरिका में है वो भी मल्टीनेशनल कंपनी में है।अच्छा परिवार है।राजबाला बोली रैना और रीना से भी पूछ लो फिर बात चलाते हैं।सभी की सहमति से विवाह हो गया और सलोनी विवाह कर घर आ गई। एक दो महीने घूमने फिरने खाने पीने में बीत गए। इसी बीच सलोनी को कॉलेज अलॉट हो गया उसकी पोस्टिंग घर के पास ही हुई।अब सलोनी और रौनक सुबह चले जाते ।
सलोनी शाम को 5: 00 बजे तक आती फिर थोड़ा आराम कर शाम सब देखती। ये बात रैना को बिल्कुल अच्छी ना लगती क्योंकि कई बार जब वो वहां जाती तो राजबाला सलोनी के लिए चाय बना कर रखती। तो रैना बोलती क्यों महारानी खुद चाय भी नहीं बना सकती और ये क्या रोज रोज का आकर सो जाती हैं।इसलिए चाहती थीं कि मेघा आ जाए पर आप लोग।राजबाला बोली सुबह सब करके जाती हैं मुझे दिन मै गर्म रोटी भी शांति देती है सिर्फ चाय का ही तो काम है वो तो मना करती हैं पर उसे मेरे हाथ की चाय पसंद है
इसलिए शाम की चाय मै शांति से ना बनवाकर खुद बनाती हूं। एक दिन कॉलेज से निकलते हुए सलोनी की मां का फोन आया बेटा पापा की तबियत ठीक नहीं तू घर आजा।सलोनी ने राजबाला को फोन लगाया पर उन्होंने उठाया नहीं तो वो रौनक को बता कर चली गई। वही उसे गली में रेणु भी मिली उसने उसे बताया कि पापा की तबियत ठीक नहीं थी इसलिए यहां चली आई मां को फोन लगाया तो उन्होंने उठाया नहीं।आज घर पर रैना और रीना दोनों आई थीं।5: 00 बजते ही रैना बोली कहा रह गई महारानी नन्द आई है न इसलिए 5:30 बजे तक जब सलोनी ना आई तो उसे फोन लगाया
पर सलोनी डॉक्टर के यहां थी फोन साइलेंट पर होने की वजह से उसने फोन नहीं उठाया।दोनो बहने एक ही सुर में बोली और सर चढ़ाओ तुम्हे नौकरानी बना कर महारानी सैर सपाटे कर रही है।रोज 7:00 बजे तक आने वाला रौनक भी ऑफिस मीटिंग की वजह से लेट हो गया उसने भी राजबाला को फोन किया फोन बंद था। रैना बोली अपने पति को भी लेकर घूमने चली गई और वो भी बिना बताए चला गया।दोनो बड़बड़ाती रही आज राजबाला को भी उन दोनों पर गुस्सा आ रहा था।शांति ने खाना बनाया रैना रीना खाना खाकर घर का पैक करवा चली गई।
राजबाला ने गुस्से में खाना नहीं खाया।रौनक लेट आया उसने शांति से मां का पूछा वो बोली वो सो गई तो वो भी अपने कमरे में आकर सो गया। अगले दिन शनिवार था उसकी छुट्टी थी तो वो आराम से सो रहा था।बाहर से जोर जोर से चिलाने की आवाज सुनकर वो उठा तो देखा सलोनी रो रही है मां उस पर चिल्ला रही है और रैना और रीना भी उसे उल्टा सीधा बोल रही थीं।वो नीचे आया उसने पूछा मां क्या हुआ मां बोली महारानी कल घर नहीं आई रात भर बाहर थी अब आई है कहा मुंह काला करके आई है।रौनक बोला मां आप ये क्या कह रही है।
सलोनी अपनी मां के यहां गई थीं उसके पापा की तबियत ठीक नहीं थी।उसने आपको कॉल किया था अपने नहीं उठाया तो वो मुझे बता कर चली गई।अच्छा तो तू कहा था रैना बोली रात भर ।दीदी मैं ऑफिस में था मैने मां को कॉल किया था फोन बंद था शांति से पूछो मैने आपके बारे में पूछा था तो आप सो गई थी।
और आपको सलोनी के बारे में इस तरह से नहीं बोलना चाहिए था आपको उससे माफी मांगनी चाहिए।रैना बोली माफी हम क्यों मांगे।गलती उसकी और हम माफी मांगे। रौनक बोला उसकी कोई गलती नहीं है।रीना बोली कैसे नहीं है मां को बता कर नहीं जाना था। रौनक सलोनी को ले कर कमरे में आ गया।सलोनी आज बहुत दुखी थी वो रोते रोते बोली मैने रेणु दीदी को भी बताया था। रौनक बोला तुम चिंता मत करो ।रौनक ने रेणु को फोन किया और सारी
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बात रेणु को बताई ।रेणु ने रौनक को कुछ कहा और वो मुस्कुराया।उस दिन सब घर में शांत ही रहे रात को शांति ने खाना लगाया सबने चुप चाप खाना खाया।राजबाला कुछ नहीं बोली अगले दिन सलोनी और रौनक अपने अपने काम पर चले गए।पीछे से रेणु घर आई।राजबाला बोली अरे रेणु बड़े दिन बाद आई बेटी तू तो आती ही नहीं।रेणु बोली बस मां समय ही नहीं मिल पाता घर से निकलती हु तो सासू जी कहती हैं बस हर समय मायके की ही पड़ी रहती हैं अब तो भाभी आ गई कम जाया कर अपनी बहनों की तरह मायके में मत जाया करो।
सलोनी को देखो अपने मायके आती हैं , कल तो मुझे मिली थी अंकल की तबियत बहुत खराब थी।मुझे मिली थी सलोनी ,अच्छा मुझे लगा पता नहीं कहा घूमने चली गई राजबाला बोली,मां आपको सलोनी के साथ रहते कितने दिन हो गए क्या इतने महीने आप को कोई शिकायत का मौका मिला। राजबाला बोली नहीं आप ये सोचो पापा के जाने के बाद अगर हमारे ससुराल वाले भी ऐसा करते तो आपको कैसा लगता,जब रौनक का एक्सीडेंट हुआ था तब कौन आया था हमही ना अगर हमारे ससुराल वाले भी ऐसा ही करते मै तो डर कर किसी को भी बिना बताए आई थी
अगर तब मुझे भी घर से निकाल दिया जाता तो आप सोचो ।सलोनी मेरी वजह से यहां आई हैं और आप उसका अपमान कर रही है।राजबाला को अपनी गलती का एहसास हुआ तब तक रौनक भी आ गया वो बोला मां आप दीदी की बाते मत सुना करो क्या मैं मेघा के साथ खुश रह पाता वो इसीलिए सलोनी के लिए आपको भड़काती है और ये रहा आपका फोन ठीक हो गया है चेक कर लीजिए आपको कितने फोन किए है।मां ये घर आप तीनों का है सलोनी एक प्यारी बच्ची है उसे अपनाओ ना कि दूरी बढ़ाओ तब तक सलोनी भी आ गई पर रेणु को देख उसके पैर छू चाय बनाने गई
और साथ लाए समोसे भी लाई,राजबाला को डरते डरते देते हुए बोली मां आपका फेवरेट समोसा , राजबाला ने प्लेट साइड में रख दी और सलोनी को गले लगा बोली बेटी मुझे माफ करदो।सलोनी बोली प्लीज मां आप बड़ी है,पर हरकत तो छोटी कर दी ना।रेणु बोली सलोनी मै ननद हु पर तुम्हारी सहेली हु तुम्हारी बहन जैसी हूँ।अगर कोई तुम्हारा दुश्मन बनेगा तो उनसे भी निपटूंगी।
उसके बाद रेणु ने रीना और रैना को भी पट्टी पढ़ाई की अरे अगर सलोनी रौनक को ले दूर चली गई तो हमारा क्या होगा।धीरे धीरे वो भी लाइन पर आ गई।और। सलोनी मन ही मन अपनी बहन जैसी ननद का धन्यवाद दे रही थी।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी