मुझे भी सहारे की जरूरत हैं – स्वाती जैंन

संजना को लल्ला के जोर से रोने की आवाज आई तो संजना रसोई से तेजी से भागी और कमरे में जाकर लल्ला को गोद में लेकर अपना दूध पिलाने लगी !!

लल्ला दूध पीकर शांत तो हो गया मगर उसका सोने का मन नही था , वह यहाँ – वहाँ देखने लगा और हाथ – पाँव हिलाने लगा !!

संजना की सास यशोदा जी अंदर कमरे में आकर बोली संजना रसोई पुरी फैली हुई पड़ी हैं , लल्ला सो जाए तो साफ कर लेना !!

संजना अपने महिने भर के बच्चे को सुलाने की कोशिश करने लगी , दोपहर का वक्त था संजना भी सोने की कोशिश करने लगी , लल्ला सो चुका था मगर संजना की आँखों से नींद कोसो दूर थी , वह अतीत में खो गई जब वह गर्भवती थी !!

 

संजना की मां रंजना जी बेटी की डिलीवरी मायके में करवाना चाहती थीं मगर सास यशोदा जी ने साफ मना कर दिया क्यूंकि यहाँ घर का काम कौन करेगा ??

जहाँ एक माँ अपनी बेटी के आराम के लिए सोच रही थी वहीं एक सास बहु के काम को सोच रही थी !!

संजना की शादी के बाद यशोदा जी ने कभी रसोई के काम को हाथ नहीं लगाया !!

संजना की डिलीवरी में सिर्फ उसे बीस दिन आराम करने दिया तब तक एक खाना बनाने वाली बाई लगा दी थी मगर इक्कीसवें दिन बाई को मना कर दिया गया !!




संजना की चुप्पी शायद उसी पर भारी पड़ चुकी थी !! संजना दूध पीते बच्चे का लालन – पोषण करने के साथ – साथ घर का सारा काम भी करने लगी थी जब कि उसे खुद अभी दो महिने आराम की जरूरत थी !!

दो महिने ना सही यशोदा जी तो सवा महिने का आराम तक ना दे पाई थीं !!

रंजना जी भी अपनी बेटी की हालत देख मन मसोस कर रह जांती !!

संजना की यह सब सोचते – सोचते कब आँख लग गई उसे खुद पता ना चला !!

थोड़ी देर बाद यशोदा जी की आवाज से संजना की नींद उड़ी !!

यशोदा जी चिल्ला रही थीं रसोई अब तक ऐसे ही पड़ी हुई है बच्चे को सुलाने गई थी और खुद भी सो गई !!

मेरी चाय कौन बनाएगा ??

संजना अपने कमरे से बाहर आई और बोली मांजी हद हो गई , जिस वक्त मुझे आराम की सख्त जरूरत है उस वक्त भी आप मुझे सारा दिन रसोई में लगाए रखना चाहती हो !!

जिस वक्त मेरे लल्ला को मेरी सख्त जरूरत है उस वक्त आप मुझे हमेशा अपनी सेवा में लगाए रखना चाहती हो !!

मुझे भी सहारे की जरूरत हैं , अगर आप ऐसे वक्त में भी मेरा सहारा नहीं बन सकती तो मुझे किसी ओर को अपना सहारा बनाना पड़ेगा !!

उसने तुरंत खाना बनाने वाली बाई को फोन किया और बोली कल से आप वापस से काम पर आ जाइएगा !!

यशोदा जी भड़क उठी और बोली अब महारानी से काम भी नहीं होगा ??

संजना बोली मांजी मैं भी इंसान हुं मशीन नहीं अगर मैं अपने मायके डिलीवरी पर जाती तब आप क्या करती खाना बनाने वाली को ही लगाती ना इसीलिए मैंने उसे बुला लिया है मैं अपने बच्चे को और अपने आपको थोड़ा समय और आराम देना चाहती हूं !!

यशोदा जी गुस्से से देखती रहीं मगर संजना पर बिल्कुल भी फर्क ना पड़ा !!

दोस्तों क्या संजना ने सही किया ??

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आपकी सखी

स्वाती जैंन          

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