मेरे पिया ने रख ली मेरी लाज

मिसेज गुप्ता ऑटो रिक्शा से जैसे ही अपने दरवाजे पर उतरीं, दरवाजे से ही अपने बहु भैरवी को आवाज दिया, बहू ओ बहू जल्दी से आ जाओ सामान अंदर ले चलना है.   मिसेज गुप्ता ने दो-तीन बार आवाज लगाई फिर भी उनकी बहू भैरवी घर से बाहर नहीं निकली, उन्होंने जैसे-तैसे करके सामान को अंदर लेकर गई अंदर गई तो देखा की उनकी बहू कान में ईयर फोन लगाकर यूट्यूब पर वीडियो देख रही है फिर क्या था उन्होंने अपने बहु पर बरसना शुरू हो गई.  आजकल की लड़कियों को कोई चिंता ही नहीं होता। बस दिन भर फोन में लगे रहेंगे कब से आवाज दे रही हूं एक बार भी तुम्हें सुनाई नहीं दिया. 

 भैरवी ने नॉर्मल होकर बोली मां जी कुछ कह रही है क्या?  मिसेज गुप्ता ने कहा मैं कब से तुम्हें बोले जा रही हूं तुम्हें कुछ भी सुनाई नहीं दिया.  भैरवी ने कहा नहीं माँ जी मैं तो तेज आवाज में गाने सुन रही थी. 

मिसेज गुप्ता ने कहा, चलो ये सामान अंदर रख आओ। दरअसल भैरवी की ननद की इसी साल शादी हुई थी। मिसेज गुप्ता तो यह चाहती थी कि उनकी बेटी की पहली राखी मायके में ही मनाया जाए। ।लेकिन ससुराल वाले विदाई करने से मना कर दिया था।  इसलिए राखी भिजवाने के लिए बाजार से बेटी को देने के लिए सामान खरीदने के लिए गई थी। 

 शाम को ऑफिस से जब मिसेज गुप्ता का बेटा हरीश घर वापस आया।  सब ड्राइंग रूम में चाय पी रहे थे तभी मिसेज गुप्ता ने अपने बेटे से कहा हरीश इस संडे को सुबह-सुबह ही अपनी बहन को यह राखी का सामान पहुंचा आना।  हरीश ने हां में सिर हिला दिया। 



राखी आने में अब सिर्फ 4 दिन रह गए थे मिसेज गुप्ता और उनकी बहू बैठकर टीवी देख रहे थे तभी मिसेज गुप्ता ने अपने बहु से कहा बहु इस साल भी तुम्हारे मायके से राखी नहीं आएगा क्या पिछले साल तो बीमारी के बहाना बनाकर तुम्हारे मम्मी पापा ने राखी नहीं भेजा था। 

पूरे मोहल्ले में सबके बहू के राखी आ गया है सिर्फ हमारी ही बहू का नहीं आया है सब पूछते हैं, मैं क्या जवाब दूं बताओ तुम ही। तुम अपनी माँ-बाप की इकलौती बेटी हो तब तो तुम्हारे मां-बाप का यह हाल है अगर दो चार बहने होती तो पता नहीं क्या होता। 

 भैरवी ने अपने सास से कहा माँ जी राखी का मतलब होता है एक बहन अपने भाई को प्यार का धागा बांधती है जिससे भाई जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है लेकिन हम लोगों ने इसे लेन-देन का त्यौहार  बना के रख दिया है। 

 मिसेज गुप्ता ने अपने बहु को कहा ज्यादा लेक्चर मत दिया करो लेक्चरर मत बनो, तुम्हारे मां बाप ने तो मेरा नाक कटवा कर रख दिया है, पिछले बार तो मैंने कैसे करके बहाना कर दिया था अब क्या हर बार बहाना करती रहूंगी। कल ही मेरी सहेली मीरा पूछ रही थी कि तुम्हारी बहू को राखी मैं कैसी साड़ी मिली है। 

 भैरवी क्या कहती भैरवी को पहले से ही पता था उसकी मां ने फोन करके बोला था कि बेटी इस बार भी हम राखी नहीं पहुंचा पाएंगे क्योंकि तुम्हारे भाई को भी छुट्टी नहीं है और तुम्हारे पापा को पता ही है कि अब वह बीमार रहते हैं कहीं आ जा नहीं सकते हैं तुम्हारा भाई दामाद जी के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर देगा तुम अपने पसंद से चीजें खरीद लेना। 



 भैरवी ने अपनी सास से यह सब बता दिया कि दिनेश के अकाउंट में भैया पैसा ट्रांसफर कर देंगे।  मिसेज गुप्ता ने कहा कब करेंगे जब राखी बीत जाएगा तब करेंगे क्या। 

 भैरवी शाम का खाना बना रही थी और मन ही मन सोच रही थी कि लोग बहू को दहेज देने वाली मशीन क्यों समझ लेते हैं। 

रात में बिस्तर पर भैरवी और उसका पति दिनेश लेटे हुए थे आज भैरवी कुछ बोल नहीं रही थी दिनेश ने पूछा क्या हो गया भैरवी आज इतना उदास क्यों हो रोजाना तो मुझे कहना पड़ता था चलो अब चुप हो जाओ अब सोते हैं सुबह मुझे ऑफिस जाना है लेकिन आज तुम बिलकुल गुमसुम हो। 

 भैरवी ने दिनेश से दिन की सारी बातें बता दी कि उसकी सास ऐसे ऐसे कह रही थी.  अब क्या अपने भाई से पैसे ट्रांसफर करने के लिए बोलू राखी के लिए पैसे ट्रांसफर  करेगा तो ठीक है वरना मैं थोड़ी कर सकती हूं। 

दिनेश ने कहा तू मम्मी की बातों को दिल से मत लगाया करो वह तो बस कहती रहती हैं तुम खुश रहा करो बस, भैरवी ने कहा कोई कैसे खुश रहेगा दिन भर कोई ताने मारते रहेगा। 

अगले दिन शाम को दिनेश जब ऑफिस से घर आया, चाय पीने के बाद उसकी मां ने कहा, “दिनेश तुम्हारे अकाउंट में भैरवी के भाई ने पैसे ट्रांसफर किए हैं क्या?।  बता रही थी कि राखी के लिए उसका भाई पैसे ट्रांसफर करने वाला है। तभी दिनेश ने कहा, “अरे हां मा वो तो कल ही पैसे आ गए थे मुझे याद ही नहीं था, यह लो जाकर भैरवी और तुम अपने लिए गिफ्ट खरीद लेना उन्होंने ₹5000 रुपये भेजे हैं। 

दिनेश ड्राइंग रूम से उठकर जैसे ही अपने कमरे में कपड़े चेंज करने गया, भैरवी पीछे से कमरे में गई और दिनेश से बोली दिनेश तुमने झूठ बोला ना कि पैसे तुम्हारे अकाउंट में आ गए हैं, क्योंकि शाम को ही मेरी बात भैया से हुई थी उसने बोला था कि आज रात में वह पैसा ट्रांसफर करेगा। 

 दिनेश ने कहा मैडम आप क्या सोचती हैं ₹5000 के लिए हमारी बीवी को कोई ताना मार सकता है आखिर वह पैसे भी तो हमारे घर में ही आने हैं जब इतने से ही मां खुश है तो मैंने झूठ बोल दिया कि पैसे आ गए हैं।

 आज भैरवी को अपने पति दिनेश पर गर्व महसूस हो रहा था उसके  पति ने उसकी लाज रख ली और कई पति होते हैं जो अपने मां के साथ ही मिलकर अपने पत्नी के मजाक उड़ाते हैं। 

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