मेरे दाग़ अच्छे हैं – पूजा गीत : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज शिवि की शादी की पहली वर्षगाँठ है और वो बहुत खुश है. पार्लर में तैयार होते उसे अपनी शादी का दिन याद आ रहा जिस दिन वो बिल्कुल खुश नहीं थी. कारण, समर उसकी पसंद नहीं थे. हालांकि वो समर का पहला प्यार थी, पर ये बात उसे भी कहाँ पता थी! वो तो बस अपनी दुनिया, अपना भविष्य बनाने में लगी थी.

शिवि अपनी परास्नातक की पढ़ाई करने बैंगलोर चली गयी और खुद को पढ़ाई में झोंक दिया. देश-दुनिया की कोई खबर नहीं, बस परिवार और पढ़ाई इतने में ही सीमित कर लिया था उसने खुद को. इसके परिणाम भी अच्छे आ रहे थे,

अच्छे नंबरों के साथ-साथ उसकी अच्छे विद्यार्थियों में गिनती भी हो रही थी. सब कुछ यथावत चल रहा था, तभी उसकी कक्षा के सबसे होनहार साथी ने उसे प्रेम निवेदन किया. वो इनकार करती रही, लड़का मनाता रहा.

फिर एक दिन वो लड़का पढ़ाई बीच में छोड़कर चला जाता है. सारे मित्र शिवि को कोसते हैं, यहाँ तक कि उस लड़के के पापा और बड़े भाई आकर शिवि से प्रार्थना करते हैं कि कुछ भी कर के उनके लड़के को पढ़ाई के लिए मना ले. थक हारकर शिवि उसका प्रस्ताव स्वीकार करती है और सब कुछ पहले जैसा हो जाता है.

इसी बीच जाड़े की छुट्टियां होती हैं और सब अपने घर चले जाते हैं. पता नहीं कैसे शिवि को चिकेन पॉक्स हो जाता है और उसके पूरे शरीर पर दाग़ हो जाते हैं, विशेषकर चेहरे पर. शिवि अपनी तकलीफ में भी उस लड़के को याद कर के खुश रहती है.

फिर छुट्टियां ख़त्म और सब यूनिवर्सिटी वापस आते हैं. पर अबकी कुछ बदला हुआ था. वो लड़का जो शिवि को चाँद-सितारे लाने की बात करता था, जीवन के हर पड़ाव के स्वप्न दिखा चुका था, अब उससे कन्नी काटने लगता है. जो खुद बार-बार शिवि को देखने के बहाने ढूंढता था, अब बहाने बना कर दूर-दूर रहता है.

कहते हैं न, लड़कियों के पास छठी इंद्रीय होती है. शिवि अब समझ चुकी है कि वो क्यों दूर रह रहा है. लड़के को उसके चेहरे से प्यार था. वैसे शिवि बहुत सुन्दर तो नहीं थी, पर आकर्षक थी. उसकी मुस्कुराहट और सादगी तो किसी का भी दिल जीत लेते.

पर चिकेन पॉक्स के दाग़ से उसका गोरा चेहरा भी अब अच्छा नहीं दिखता था. खैर, सारा दर्द अपने सीने में छुपाकर वो अपनी पढ़ाई पूरी करने में लग जाती है और एक कंपनी में नौकरी भी मिल जाती है.

अब शिवि अपने काम में व्यस्त थी पर कुछ विशेष दिनों, मौकों पर उस लड़के को याद किया करती थी. माता-पिता बेटी की सही आयु और स्थिति देखकर शादी की बात करते हैं और वो बिना लड़का देखे उनकी पसंद से शादी करने को मान जाती है.

चट मँगनी पट ब्याह करके वो समर की पत्नी बन जाती है. शादी की रात समर उसे बताते हैं कि शिवि को वो कक्षा 10 वीं से पसंद करते थे, फिर धीरे-धीरे वो कब प्यार में बदल गया, पता ही नहीं चला. पर शिवि से कभी कहा नहीं. बातों ही बातों में शिवि ने भी अपना सारा हाल कर डाला कि कैसे उसके दाग़ ने उस लड़के को दूर कर दिया जिसको वो अपना सब मान बैठी थी.

शिवि की आँखों की उदासी देख समर ने उसका हाथ पकड़ा और कहा, शिवि! जिसने जरा से दाग़ देखकर जिसने तुम्हें छोड़ दिया वो जीवन की कठिन परिस्थितियों में तुम्हारा साथ कैसे देता? ये तो अच्छी बात है न कि उसका सच तुमने समय रहते जान लिया.

ईश्वर न करे अगर तुम्हारी शादी हो गयी होती और ऐसा कुछ हो जाता तब वो क्या करता? और तब तुम क्या करती? शिवि, मैं तुमसे तबसे प्यार करता हूँ जब प्यार समझता भी नहीं था. मुझे तुम्हारी सादगी और मुस्कुराहट हमेशा से पसंद थी.

फिर एक बार और सोचो, अगर ये दाग़ न होते तब तो तुम किसी और की पत्नी होती! तब मेरे लिए तो ये “दाग़ अच्छे हैं न”! वैसे भी मेरे चाँद पर दाग़ इसलिए हैं कि उसको किसी की नजर न लगे.

इतना कहते ही समर की आँखें नम हो गयीं. शिवि ने उनके आँसू पोछे और कहा, मैं नहीं जानती थी कि मुझे कोई इतना प्यार करेगा! सच कहूँ तो आज पहले प्यार जैसी पहली अनुभूति हो रही. अब आपका प्यार दोतरफ़ा हो गया है और हमेशा रहेगा. वादा रहा.

तभी अचानक समर की तेज आवाज से उसकी तंद्रा टूटी जो पार्लर के अंदर आ चुके थे और ब्यूटीशियन से कह रहे थे ये दाग़ मत छुपाओ भई, कहीं मेरे चाँद को नजर लग गयी तो!!सब कहकहे लगा रहे थे और शिवि को स्वयं पर ग़ुमान हो रहा था, इतना समझदार और हँसमुख जीवनसाथी जो है उसका.

“मेरे दाग़ तो अच्छे हैं ही” इतना कह के वो भी मुस्कुरा पड़ी.

स्वरचित

पूजा गीत

#दाग

1 thought on “ मेरे दाग़ अच्छे हैं – पूजा गीत : Moral stories in hindi”

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!