ऐसे ही किसी पर भरोसा मत करों – गुरविंदर टुटेजा

    निधी सुबह जल्दी-जल्दी घर का काम कर रही थी तभी मोबाइल बजा तो उसने उठाया तो…सामने से बोला कि हम इस कम्पनी से बोल रहें हैं…आपका नाम क्या है व कहाँ से है..??

निधी ने नाम बताया व जयपुर से हूँ…!!

उधर से आवाज आई कि आपका पाँच लाख का ईनाम निकला है.तो उसके लिए आपका अकाउंट नंबर बताइये..??

निधी ने कहा कि मुझे याद नहीं है मैं आपको दो मिनट में पासबुक से देखकर बताती हूँ…पर पक्का ईनाम निकला है ना..??

हाँ जी बिल्कुल पक्का पर आप जल्दी कीजिए नहीं तो हम ये ईनाम किसी और को दे देगें…!!!!

नहीं नहीं मैं बताती करके वो अलमारी की और बढ़ गयी और उसने जल्दी में जोर से अलमारी खोली तो कमरे में सो रही बेटी ईशानी उठ गयी वो बोली कि मम्मा आज स्कूल की छुट्टी हैं कभी से सोने को मिलता हैं…कितना शोर कर रहें हो..क्या हुआ…????

  निधी ने अलमारी से पासबुक निकालतें हुये बोला कि…मेरे फोन नम्बर से लाटरी लगी है वो अकाउंट नंबर माँग रहें हैं वही दे रही हूँ…!!!!

ईशानी ने जैसे ही सुना…वो झट से उठी और उसने निधी के हाथ से फोन लेकर काट दिया…!!!!

निधी गुस्से से चिल्लाई…ईशानी ये क्या बदतमीजी है.…????

मम्मा आपको पता भी है आप क्या करने जा रहे थे अगर आप उनको अपना अकाउंट नंबर बता देते तो वो आपके अकाउंट में  जितना बैंलेस है मिनटों में साफ कर देते…कितनी बार बतातें है कि ऐसे किसी पर भी भरोसा नहीं करना चाहिए…!!!!

निधी को सोच-सोच कर पसीनें आ रहें थे कि अगर आज ईशानी नहीं रोकती तो उससे कितनी बड़ी गलती हो जाती सही में उसने पता नहीं कैसे उस पर भरोसा कर लिया…!!!!

ईशानी बोली…मम्मा आप टेन्शन नहीं लो अभी तो सब सही पर आप रोज कौन बनेगा करोड़पति देखते हो…अमिताभ सर रोज ये बात समझातें हैं कि किसी पर भरोसा करने अपनी बैंक संबंधी जानकारी किसी को ना दें…!!!!




सही में ईशानी मैं तो ईनाम सुनकर भूल हा गयी थी जबकि रोज सुनती थी..!!!!

अब आगे से ध्यान रखियेगा और अब आज तो आपको मुझे पार्टी देनी पड़ेगी और बड़ा सा गिफ्ट भी…मैंने आपका नुकसान होने से बचाया है..!!!!

निधी ने कहा बिल्कुल देती हूँ मैडम…और दोनों जोर से खिलखिलाकर हँसने लगी…!!!!

#भरोसा 

समाप्त 

 

चोट

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अरे…संजना ये तुम्हारे हाथ पर चोट का निशान कैसा..???अखिल ने अपनी पत्नी से पूछा…!!

संजना ने बात को बदलते हुये कहा…..ऊपर से सामान उतारते समय फिसल गयी तो लग गयी…मैंने दवा लगा ली है…!!!!

सच में तो वह चोट उसे उसके आठ साल के इकलौते बेटे कृश ने गुस्से में ग्लास फेंकने से लगी थी…जिसे उसने उसका बचपना सोचकर नजरअंदाज कर दिया…!!!!

वक्त बीतने में समय नही लगता…आज बेटा अठारह साल का हो गया बीच में भी संजना ने उसकी कई गलतियों को छुपा लिया…कभी अखिल के सामने कुछ होता वो कुछ बोलते तो वो बच्चा है कह कर बात बदल देती थी…!!!!




एक एक्सीडेंट में अखिल की असमय मृत्यु ने उसे तोड़कर रख दिया था….ऊपर से कृश का व्यवहार उसे अंदर ही अंदर खत्म करता जा रहा था…अखिल के जाने के बाद तो वो और आजाद हो गया था….पैसा बहुत था…रोज की पार्टियाँ करना व दारू पीना….बहुत गलत रास्ते पर जा रहा था….संजना को दिख तो रहा था पर वो कुछ कर नही पा रही थी…!!!!

एक दिन पुलिस स्टेशन से फोन आया जिसे सुनकर उसके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गयी….कृश ने किसी बच्ची का रेप किया है….उसकी आँखों से आँसू बहने लगे….वो दौड़ी दौड़ी पुलिस स्टेशन पहुँची…!!!!

लॉकअप में बंद कृश को देख…उसने इंसपेक्टर से कहा कि…मैं अंदर जा सकती हूँ दो मिनट के लिये….वो अंदर गयी और एक चाँटा जोर से कृश  मारा कि पाँचों अंगुलियाँ छप गयी उसके गाल पर…फिर वो बोली कि गलती मेरी है अगर मैं तुम्हारी दी हुई पहली चोट को नजरअंदाज ना कर तभी एक चाँटा मारा होता तो मुझे आज ये दिन नही देखना पड़ता….आज मेरे लिये सब खत्म हो गया उस चोट का हर्जाना मुझे और तुम्हें ज़िन्दगी भर भरना पड़ेगा….!!!!

 समाप्त 

 

दाखिला

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   वंशिका जल्दी करो जरा भी देर हो गयी तो सारे किये धरे पर पानी फिर जायेगा….तुम्हे पता तो है मैं सुबह चार बजे लाईन में लगा  तब जाकर एडमिशन फार्म मिला…!!!

  हाँ समर पता है मुझे सबसे अच्छा स्कूल है ये दिल्ली का….वंश का एडमिशन तो हमें इसी स्कूल में कराना है…चलो चले |




 स्कूल में माता-पिता से भी पूछताछ की गयी व बच्चे का तो इंटरव्यूह हुआ ही…वैसे अभी तो सब अच्छे से हो गया…अब लिस्ट आयेगी तो पता चलेगा कि दाखिला मिला कि नही..????

   चार दिन बाद लिस्ट में वंश का नाम आ गया घर में ऐसे माहौल था जैसे दीवाली हो…!!!

 समर ने जब फीस कार्ड देखा तो उसके होश उड़ गये पर बच्चे के भविष्य की बात थी कर्जा लेकर एडमिशन फीस व पहली किस्त भर दी…अब बारी आई यूनीफार्म व किताबों की उसमें भी स्कूल वालों की मनमानी कि जहाँ से उनको कमीशन मिलता है वही से लेनी पड़ेगी…वो भी ली क्या करे…..!!!!

आज वंश का पहला दिन था स्कूल में….और सामान की लिस्ट थमा दी…..ऐसे ही चलता रहा साल निकल गया |

आज रिजल्ट लेने जाना था वंश का समर व वंशिका फूले नही समा रहे थे….दोनो स्कूल पहुँचे तो  क्लास टीचर ने कहा कि वंश का रिजल्ट रोक दिया है आप पहले प्रिन्सीपल मैडम से मिलना होगा…उनके आफिस के सामने भी लम्बी लाईन बहुत से बच्चों के माता-पिता परेशान हो रहे थे….!!!

 प्रिन्सीपल मेडम के आफिस में गये तो उन्होने कहा कि फीस की आखिरी किस्त नही भरी है पहले वो भरो तो ही रिजल्ट मिलेगा…दोनो मुँह लटकाये बाहर आ गये और सोच रहे थे अभी तो शुरूआत है आगे जाने क्या क्या होगा….??????

” विद्या संस्कार है….उसे संस्कार ही रहने दो….

व्यापार ना बनाओ..!! “

गुरविन्दर टूटेजा

उज्जैन (म.प्र)

 

 

 

 

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