एहसानों के तले दबी पारुल सूर्यांश को नाराज कैसे कर सकती थी वो बियर के लिए राजी हो गई दोनों ने एक होटल में जाकर बियर पी और कब नशे में उनमे संवंध बन गए कुछ पता ही नही चला। जब होश आया तो सब कुछ गंवा चुकी थी मगर सूर्यांश ने उसे भरोसा दिलाया कि वो उससे प्यार करता है और शादी भी उसी से करेगा। अब आए दिन वो लोग होटलों में जाते सूर्यांश उसके शरीर के साथ खेलता और कोई न कोई महंगा गिफ्ट देकर खुश कर देता।
बिनीता और पायल दोनों एक ही गांव में रहने वाली पक्की सहेलियां थीं। हमउम्र, खूबसूरत और सहपाठी होने के साथ साथ दोनों ही पढ़ने में बहुत होशियार थीं। दोनों का सपना बडा होकर डॉक्टर बनने का था उन दोनों में हमेशा एक दूसरे से आगे होने की प्रतिस्पर्धा रहती मगर दोनों कभी एक दूसरे से जलन नही करती चाहे विनीता प्रथम आए या पारुल हमेशा पहले और दूसरे नंबर पर दोनों ही रहती और दोनों एक दूसरे को दिल से वधाई देकर अगली क्लास में बदला लेने का कहकर फिर से डट जातीं। गांव मे सभी लोगों को उन दोनों पर बहुत गर्व था क्योंकि सबको उम्मीद थी एक न एक दिन दोनों ही उनके गांव का नाम रोशन करेंगी।
दोनों के घर के हालात ज्यादा अच्छे नही थे मगर सरकारी स्कॉलरशिप और समाजसेवी संस्थाओं का हमेशा साथ मिलता रहा और आज दोनों ने बीएससी कर ली बिनीता का पारुल से एक नम्बर कम था मगर फिर भी दोनों बहनों की तरह मिलकर इस पल का आनंद ले रही थीं। टॉपर होने के चलते दोनों का एनआईआईटी में चयन हो गया मगर उसके लिए दोनों को शहर जाना पड़ना था अब चूंकि उनका बचपन से यही सपना था तो घरवाले भी उनकी सपोर्ट में साथ थे दोनों को एक ही मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिल गया था।
दोनों को गए हुए कुछ ही दिन हुए थे कि पारुल शहर की चकाचौंध में गुम होने लगी कॉलेज में कई तरह के लोग थे अच्छे भी बुरे भी कुछ ऐसे थे जो पैसे के दम पर दाखिला पाए थे उनके पास महंगी गाड़ियां महंगे फ़ोन महंगे कपड़े खुला पैसा था जो कॉलेज सिर्फ मस्ती करने आते थे।
ऐसा ही एक लड़का जिसका नाम सूर्यांश था उसका बाप मंत्री था पैसेवाला होने के साथ साथ स्मार्ट भी था कॉलेज की कितनी ही लड़कियां उसपर मरती थीं और वो लड़किओं को महंगे रेस्टोरेंट में खाना खिलाना हो या महंगे गिफ्ट लाना उसके लिए आम था। पारुल पर उसकी नजर पड़ी तो उसकी खूबसूरती देखकर फिदा हो गया अब बड़े बाप की औलाद थी तो बिना लाग लपेट के उसने प्रपोजल भेज दिया। मन ही मन पारुल भी उसकी लक्सरी लाइफ देखकर ललचा गई थी थोड़ा न नुकर करने के बाद एक दिन उसके साथ शाम के डिनर पर जाने के लिए तैयार हो गई।
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सूर्यांश उसे शहर के सबसे महंगे रेस्टोरेंट में लेकर गया दोनों ने डिनर किया और अपनी लक्सरी गाड़ी में घुमा फिराकर बापिस होस्टल छोड़ गया। कुछ महंगे कपड़ो की शॉपिंग के साथ साथ एक महंगा फ़ोन भी उपहार में दे गया। धीरे धीरे पारुल का लाइफस्टाइल बदलने लगा अब वो एकदम मॉडर्न कपड़े पहनने लगी अब पैसे के साथ साथ दिखावे की भी कोई कमी नही थी। पारुल हर छुट्टी पे सूर्यांश के साथ घूमने जाती। अब सूर्यांश ने पारुल के लिए इतना कुछ किया था तो अब उसे पता था कि वो सब बसूलने का समय आ गया है
आज पहली बार डिनर से पहले सूर्यांश ने थोड़ी बियर पार्टी के लिए उससे इजाजत मांगी। जब नही मानी तो मुहँ फुलाकर बोला ठीक है मेरे लिए इतना भी नही कर सकती कोई बात नही चलो डिनर करके मैं आपको होस्टल छोड़ देता हूँ। एहसान के तले दबी पारुल सूर्यांश का मूड खराब देखकर बियर के लिए राजी हो गई दोनों ने एक होटल में जाकर बियर पी और कब नशे में उनमे संवंध बन गए कुछ पता ही नही चला। जब होश आया तो सब कुछ गंवा चुकी थी मगर सूर्यांश ने उसे भरोसा दिलाया कि वो उससे प्यार करता है
और शादी भी उसी से करेगा। अब आए दिन वो लोग होटलों में जाते सूर्यांश उसके शरीर के साथ खेलता और कोई न कोई महंगा गिफ्ट देकर खुश कर देता। बिनीता ने पारुल को समझाने की बहुत कोशिश की कि इस दिखावे के प्यार दिखाबे की जिंदगी से बाहर आओ तुम बर्बाद हो जाओगी। मगर पारुल को लगता कि बिनीता उसके लक्जरी लाइफस्टाइल से जलती है अब वो विनीता को न सिर्फ इग्नोर करने लगी बल्कि उसे भी कहती कि तुम चाहो तो तुम्हारे लिए भी ऐसा पैसे वाला कोई बॉयफ्रेंड ढूंढ देती हूं बस मेरी जिंदगी में दखल देना बन्द करो।
धोरे धोरे पारुल उस दिखाबे की जिंदगी में इतना खो गयी कि अपना अतीत भूल गई अब पढ़ाई की जगह महंगे कपड़े महंगे रेस्टोरेंट, महंगी पार्टियां , महंगी शराब उसकी कमजोरी बन गई जिनके बिना रहना उसके लिए अब नामुमकिन से हो गया।वो दिखावे की जिंदगी जीने लगी जिसमे सबकुछ था। कुछ ही महीनों में वो शराब से ड्रग्स तक पहुंच गई अब सूर्यांश का मन उससे भर गया था तो वो उसे इग्नोर करने लगा मगर पारुल को नशे की लत लग चुकी थी अब न सिर्फ सूर्यांश बल्कि उसके कई
और दोस्तों ने भी उसकी कमजोरी का फायदा उठाया वो पारुल को नशे का लालच देकर उसे होटलों में ले जाते और अपनी हवस मिटाते। पारुल उनके लिए अब एक शारीरिक इच्छाओं को पूरा करने की बस्तु बनकर रह गई थी। पारुल के पास अब इस सबसे निकलने का कोई रास्ता नही बचा था क्योंकि नशा उसकी नस नस में रच चुका था। क्योंकि पढ़ाई में अब पारुल को कोई दिलचस्पी नही थी इसलिए नीट की परीक्षा मे वो फेल हो गई तो बहीं विनीता ने पूरे कॉलेज में टॉप किया। सूर्यांश ने पारुल को एक आफिस में नौकरी दिलवा दी मगर सैलेरी उतनी नही थी
जितने उसके खर्चे बढ़ चुके थे इसलिए उसने दोस्तों संग होटलो में जाना जारी रखा। एक दो साल बाद पारुल कमजोर होने लगी उसका शरीर सूखने लगा हॉस्पिटल में टेस्ट करवाया तो पता चला उसे एचआईवी है। ये सुनकर वो मानसिक रूप से बीमार हो गई उसके सारे दिखाबे के दोस्त जो उसकी खूबसूरती पर मरते थे
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अब मिलना तो दूर उसका चेहरा भी देखना नही चाहते थे सब उसका साथ छोड़ गए। उसके महंगे गिफ्ट बिक चुके थे महंगे कपड़े सब धरे के धरे रह गए थे महंगे होटल शराब तो छोड़िए अब वो दाल रोटी का इंतज़ाम भी मुश्किल से कर पा रही थी। अपना चेहरा शीशे में देखकर उसे खुद से ही नफरत होने लगी थी। सालभर जैसे कैसे दवाई का खर्च चलाया मगर अब पारुल के पास अपने इलाज के लिए खर्च भी कम पड़ने लगा उसने सारे दोस्तो से मदद मांगी पर किसी ने उसका साथ नही दिया।
थक हारकर वो गांव चली गई वो दिन प्रतिदिन सूखकर कांटा बनती जा रही थी। इधर विनीता ने अपनी एबीबीएस पूरी कर ली और उधर पारुल हॉस्पिटल में एडमिट हो गई। इत्तेफाक से बिनीता को उसी हॉस्पिटल में सरकारी नौकरी लग गई जिसमें पारुल का इलाज चल रहा था विनीता ने अपनी हर कोशिश की ताकि पारुल फिर से पैरों पर खड़ी हो सके मगर ये संभव न था। पारुल को अफ़सोस तो था मगर कोई रास्ता नही था वो हमेशा रोती और बिनीता से कहती कि काश मजिने तेरी बात मान ली होती
मैं उस दिखाबे की जिंदगी में न फंसती तो आज अपने अपने साथ साथ अपने घरवालों के बर्बाद होने की बजह न बनती इस दुनिया मैं कोई किसी पे मुफ्त में एहसान नही करता हर कोई समय आने पर उसकी कीमत बसूलता है और जो कीमत मुझे उस चार दिन की ऐशोआराम के बदले चुकानी पड़ी है मैं किसी से माफी मांगने लायक भी नही हूँ। न सिर्फ पारुल की अपनी जिंदगी बर्बाद हुई थी बल्कि उसके मां बाप के सपनो के साथ साथ उनकी कमर भी टूट चुकी थी वो अपना घर जमीन गिरबी रखकर भी इलाज करवाने को तैयार थे मगर उसका इलाज संभव न था। कुछ महीनों बाद पारुल की हालत ज्यादा बिगड़ गई और वो दुनिया को अलविदा कह गई।
अमित रत्ता
अम्ब ऊना हिमाचल प्रदेश