• infobetiyan@gmail.com
  • +91 8130721728

दर्द – पिंकी सिंघल

शादी के 10 साल बाद जब सिया को उसकी डॉक्टर ने यह खबर दी की वह बहुत जल्द मां बनने वाली है तो सिया की आंखें खुली की खुली रह गईं।वह अपलक डॉक्टर सुषमा को देखती ही देखती रह गई उसका मुंह खुला का खुला रह गया। उसने अपने पति राघव की तरह अश्रुपूर्ण आंखों से देखा और आंखों से ही प्रश्न किया कि डॉ सुषमा सच कह रही हैं।वह बोली – राघव, एक बार मुझे सच सच बता दो न कि कहीं मैं कोई सपना तो नहीं देख रही हूं। राघव की आंखों में भी खुशी के आंसू थे आखिर वह भी तो 10 साल बाद बाप बन रहा था उसका पिता मन भी तो कब से पापा शब्द सुनने के लिए बेचैन था। उसने हां में गर्दन हिलाई और सिया को अपने गले से लगा लिया ।दोनों एक दूसरे के गले लग कर फूट-फूट कर रोने लगे।तब डॉक्टर सुषमा खड़ी हुई और उन दोनों को खुद को संभालने को कहा और घर में नया मेहमान आने की उन दोनों को अग्रिम बधाई दी।

बस उसी दिन से सिया के अरमानों को मानों पंख लग गए वह हर रोज अपने आने वाले बच्चे को सोचकर नए-नए सपने सजाने लगी।गर्भ में पल रहे शिशु की छोटी से छोटी हरकत वह अपने पति राघव और सासू मां के साथ साझा करती फूली नहीं समाती थी ।घर में सभी सदस्य भी नवांकुर के आगमन से बहुत ही प्रसन्न थे ।सभी को घर में आने वाले सदस्य की बेहद प्रतीक्षा थी ।घर में बहुत जल्द बालकृष्ण की किलकारियां गूंजेंगी यह सोचकर ही सिया के पांव जमीन पर नहीं पड़ते थे ।अपनी गर्भावस्था का प्रति पल, प्रत्येक क्षण वह अपनी यादों में संजोकर रखना चाहती थी। बच्चे के आने की प्रतीक्षा का एक एक लम्हा उसके लिए बहुत मुश्किल से बीत रहा था। वह चाहती थी कि शिशु जल्द से जल्द उस की गोद में आए और वह उसको अपनी बाहों में लेकर झूला झूलाए।

घर के सभी सदस्य सिया की छोटी बड़ी हर खुशी और इच्छा का ध्यान रखते थे। सभी के लिए प्रतीक्षा की यह घड़ियां बहुत ही बेचैन कर देने वाली थी।




सिया अपनी गर्भावस्था के नौवें महीने में पहुंच चुकी थी। पिछली रात से ही सिया को बहुत ही बेचैनी महसूस हो रही थी और भारीपन भी लग रहा था। यह बात उसने डॉक्टर सुषमा को रात को ही फोन पर बता दी थी। डॉक्टर सुषमा ने उसे अगले दिन चेकअप के लिए आने को बुलाया। जब डॉ सुषमा ने सिया का चेकअप किया तो वह एकदम हैरान हो गई। सिया ने डॉक्टर सुषमा से पूछा कि सब ठीक तो है डॉक्टर सुषमा ने सिया को शांत रहने को कहा और बाहर उसके पति राघव और उसकी सास से कुछ बातें की। सिया का मन अब और अधिक घबरा रहा था उसने जोर से आवाज लगाकर राघव को अंदर बुलाया और पूछा कि आखिर बात क्या है, कोई मुझे कुछ बता क्यों नहीं रहा ,मेरा बच्चा तो ठीक है ना।

इतनी देर में उसकी सोनोग्राफी करने के लिए डॉक्टर महिमा वहां पहुंच गईं। सोनोग्राफी करने के बाद डॉक्टर महिमा ने डॉक्टर सुषमा को सारी बात बताई और वहां से चली गई ।सिया को बाहर बुलाया गया और राघव और उसकी मां तीनों को बैठाकर बताया गया कि किसी वजह से सिया के गर्भ में पल रहे बच्चे की धड़कन बंद हो गई है अर्थात उसका बच्चा इस दुनिया में आने से पहले ही इस दुनिया को छोड़ कर जा चुका है।

डॉ सुषमा के इतना कहते ही सिया बेहोश हो गई। होश में आने के बाद सिया की प्रीमेच्योर फोर्सीबल डिलीवरी करवाई गई और मृत शिशु को उसके गर्भ से बाहर निकाला गया। अपने बच्चे की मूंदी आंखों को देखकर सिया और राघव दोनों ने उसे अपने सीने से लगा लिया ।कुछ ही देर बाद उनसे मृतक शिशु को ले लिया गया और अब उनका अजन्मा बच्चा हमेशा हमेशा के लिए उनसे दूर रह गया।

 

बच्चे को गोद में लेने के सिया की प्रतीक्षा के पल शायद अभी और बाकी थे।

#दर्द 

 

पिंकी सिंघल

दिल्ली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!