चार लोग…..? – मंजू तिवारी

चार लोग यह बड़े ही महत्वपूर्ण होते हैं। हर किसी के लिए लेकिन आज तक इन चार लोगों का नाम नहीं पता चल सका है ।लेकिन एक बात पक्की है। इन चार लोगों की,,, यह हर जगह मौजूद होते हैं। और सभी को इन चार लोगों का डर हमेशा सताता रहता है।

परंतु एक स्त्री के जीवन में यह चार लोग बड़े ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।,,,,,,

अगर घरेलू महिला गंभीर रूप से बीमार भी पड़ गई हो तो उसे इन चार लोगों का बड़ा डर लगता है कि मेरा घर गंदा पड़ा है चार लोग आकर देखेंगे तो क्या कहेंगे,,,,,,, ?बिचरी चैन से मर भी नहीं सकती,,,, 

इन चार लोगों के डर की वजह से,,,,,,,

बहुओं के लिए तो इन चार लोगों ने बंदिशों का लंबा चौड़ा ताना-बाना बुन रखा है।

बहू छत पर सही से जाया करो पर्दे में चार लोग बातें बनाएंगे कि उनकी बहू कायदे में नहीं रहती,,,,,

बहू घर में तो कोई बात नहीं जब घर से बाहर चला करो तो नव झुक कर धीरे धीरे चला करो चार लोग बातें करेंगे मोहल्ले में बैठकर,,,,,,

बहुत सुबह उठ जाया करो कोई आ गया तो देखेगा बहू कितने समय तक सोती रहती है और घर के बाहर बात होगी चार लोगों में,,,,,, बिचारी बहू,,,,

बेटे के लिए बहू गोरी चिट्टी सुंदर ही चाहिए चार लोगों में बैठे तो अच्छी लगनी चाहिए नहीं तो चार लोग बातें बनाए,,,,,

बेटे की शादी ऐसी होनी चाहिए कि चार लोग देखें तो देखते रह जाएं बारात का स्वागत ऐसा होना चाहिए कि चार लोग जाए तो आकर कहे ,,,,,,




बेटी की शादी तो ऐसी करनी है कि चार लोग देखते रह जाएं क्या बेटी शादी की है।

बेटी ज्यादा उछल कूद इधर-उधर मत खेला करो चार लोगों की नजर पड़ेगी तो कहेंगे बेटी को बड़ा बिगाड़ लिया है।,,,,

बेटा पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान दिया करो क्योंकि अब तुम्हारी उम्र हो गई जब तुम पढ़ लिखकर कामयाब हो जाओगे तो चार लोगों में मैं सीना चौड़ा करके चलूंगा,,,

तो यही चार लोग चर्चा बनाएंगे

बहु थोड़ा सा धीरे बोला करो बाहर आवाज जाएगी चार लोग कहेंगे बहू की आवाज बहुत तेज है बहू बिटिया की तरह बोला करो,,,,,,

चार लोग कोई अच्छा काम करें तब भी बुरा बोलते हैं कोई बुरा काम करे तब तो यह बुरा बोलेंगे ही,,,,, 

चार लोगों को कभी किसी का अच्छा काम अच्छा नहीं लगा,,,,,,,, यह जो चार लोग हैं। कभी भी किसी से खुश नहीं होते,,,,,, 

इनकी तो बस सभी में कमियां निकालने की आदत होती है।,,,,, 

जो पुराने समय से चली आ रही है। और यह लगातार उस में पारंगत होते चले जा रहे हैं।,,,,,, यह जो चार लोग हैं। जब कोई आगे बढ़ता है।आगे बढ़ने वाले का कभी भी उत्साहवर्धन नहीं कर सकते,,,,,,, 

यह चार लोग हैं। इनके बस का कुछ भी नहीं होता शिवाय दूसरों में कमियां निकालने का,,,,, 

यह जो चार लोग हैं हमेशा से अपने आप को श्रेष्ठ मानते आए हैं।,,,, 




हकीकत में यह कभी भी श्रेष्ठ नहीं है।,,,,,, 

लेकिन बातें बनाने में   ही चार लोगों को श्रेष्ठता हासिल है।,,,,,, 

यह जो चार लोग हैं ना, मुंह देख कर बात करते हैं। तुम्हारे मुंह पर तुम्हारी जैसी हमारे मुंह पर हमारी जैसी,,,,,, 

इन चार लोगों को अपने घर से मतलब कम होता है। बाहर वालों की जिंदगी में क्या चल रहा है इसमें यह दिलचस्पी अधिक रखते हैं।,,,,, 

अर्थात यह चार लोग अपना गिरेबान कभी भी नहीं झांकते,,,,, यह चार लोग प्रत्येक घर में आग लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते,,,,,,,

 कोई बेटी यदि अपने पिता के घर रह रही हो और उसके पति से कुछ कहासुनी हो गई हो,,, तो एसे मामले में इन चार लोगों की दिलचस्पी बहुत बढ़ जाती है।

देखो बेटी कैसे बेटा जैसे काम करती है चार लोग देखेंगे तो क्या कहेंगे बेटियों के लिए घर के ही काम सही रहते हैं।

इन चार लोगों को रसोई में काम करते हुए बेटे कभी भी अच्छे नहीं लगे ना ऑफिस जाती हुई स्त्री इन चार लोगों को अच्छी लगी,,,, 

 इन चार लोगों ने ना एक पुरुष को कभी छोडा,, न एक महिला  ही को कभी छोडा,,,

विचारे दोनों इनसे हमेशा प्रताड़ित होते रहते हैं।




इन चार लोगों को राजनीति में जाती हुई महिला भी कभी अच्छी नहीं लगी उसके चरित्र पर हमेशा कीचड़ उछाला इन चार लोगों ने,,,

चार लोगों ने पत्नी की परवाह करने वाले पति को जोरू का गुलाम,,,,,, पत्नी को मारने वाले पति को हमेशा आदर्श साबित किया उसकी हिंसा को बढ़ावा दिया,,,,,,

इन चार लोगो ने सभी के बेटा बेटी पर हमेशा कीचड़ ही उछालते हैं। यह भूल जाते हैं सबसे ज्यादा गंदगी तो यही अपने दिमाग में रखते हैं।

 इन चार लोगों को कभी भी कोई अच्छा नहीं लगता कोई ना कोई कमी हर एक में यह देख ही लेते हैं इतनी पारदर्शी नजर होती है इन चार लोगों की,,,

बिचारी महिलाएं तो इन चार लोगों से बहुत डरती है चाहे वह सास के रूप में हो या मां के रूप में,,,,, इन चार लोगों के ही डर से सास हमेशा अपनी बहू पर बंदिश से लगाती है। मां अपनी बेटी पर,,,,,,,

बिना देखे चार लोगों ने आज तक किसी का भला नहीं किया,,,,, सिर्फ डराया है।

चार लोगों के हिसाब से जो चला है उसको इन चार लोगों ने कहीं का भी ना छोड़ा क्योंकि यह चार लोग किसी के भी भले नहीं है।

इन चार लोगों का काम सिर्फ बातें करना होता है और कुछ नहीं,,,,, इन्हें सभी के हाल-चाल पता होते हैं।,,,,

चार लोगों से जो डर गया वह आगे नहीं बढ़ सकता,,,,

 यह चार लोग कुछ ना कुछ तो बात करते ही रहते हैं। चार लोगों का काम ही बात करना होता है कुछ ना कुछ तो यह चार लोग कहेंगे ही क्योंकि इनका काम है कुछ कहना,,,,,,




इन चार लोगों का डर जिसके दिल से निकल गया वह कुछ ना कुछ कर लेता ही है ।यह चार लोग आगे बढ़ते हुए लोगों की हमेशा टांग खींचते हैं। इसलिए इन चार लोगों से सावधान रहें और इन को नजरअंदाज करें आगे बढ़ जाए,,,,, 

इन चार लोगों से डरना नहीं है। यह सभी को डराने का काम करते हैं। कोई नाम भी नहीं होता फिर बिना नाम के लोगों से डरना कैसा,,,?

इन चार लोगों को जो कहना है कहने दीजिए अपने कानों को बंद करो और अपने काम में लगे रहो,,,,,,,

इन चार लोगों का नाम व पता मुझे आज तक  पता नहीं चला है यह कौन है।,,, बस इनका काम जानती हूं। चुगली करना बुराई करना,,, कमियां निकालना,,,,,

यह ग्रामीण क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।,,,

शहरी क्षेत्रों में भूमिका होती तो है लेकिन थोड़ी कम,,,,

 चार लोगों का नाम और पता खोज रही हूं। अगर आपको पता हो तो मुझे जरूर बताना क्योंकि इन चार लोगों ने सभी को डरा रखा है। सभी में इन चार लोगों का भय व्याप्त है मैं इस डर को निकालना चाहती हूं।

 यह किसी का कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं। इनका डर निरर्थक है।

 बस अपना काम मन लगाकर करिए अपने उद्देश्यों की प्राप्त करिए छोड़ो इन चार लोगों से डरना,,,

बिना नाम के इन चार लोगों की तलाश में

यदि आपको यह चार लोग मिले तो पकड़ ले छोड़े नहीं,,,,, क्योंकि इन चार लोगों ने समाज में बड़ी विकृतियां फैलाई है।

मंजू तिवारी गुड़गांव

मेरी तृतीय कहानी

बेटियां जन्मोत्सव प्रतियोगिता हेतु

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