बेवजह – डा. मधु आंधीवाल :Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  रीना कमरे में थी अचानक नीचे से शोर की आवाजें आने लगी । लग रहा था जैसे किसी को कोई बहुत बुरी तरह पीट रहा हो । उसने नीचे झांक कर देखा सामने माथुर साहब का बेटा नकुल अपने ही ड्राइवर को बुरी तरह पीट रहा था । वह नीचे उतर कर गयी पूछने पर पता लगा कि नकुल की अलमारी में 2 लाख रु. रखे थे वह गायब हैं । उस कमरे में ड्राइवर के अलावा कोई नहीं जाता । वह रु किसी पार्टी को पेमेन्ट करने थे । माथुर साहब पूरे परिवार के साथ किसी शादी समारोह में गये थे ।

     वह नकुल से बोली पहले तुम शान्ति से सोचो कि रु. इधर उधर ना रख दिये हो कभी बेगुनाह भी शक के दायरे में आजाते हैं । रीना को अपने ही घर में घटी घटना याद आगयी । उसके बेटे की शादी तय हो गयी थी । मकान रिपेयरिं का काम चल रहा था । शादी की भी तैयारी चल रही थी ।

कपड़ा जेवर आदि की खरीददारी के लिये वह बैंक से 4 लाख रु. लाई थी और उसने अलमारी के लाकर में वह रु. बांध कर रख दिये । सब रंगाई पुताई वालों का काम खत्म हो चुका था इसलिए रू. रखे हुये थे । उसने सोचा अब एक दो दिन में जाकर कुछ गहने ले आती हूँ । दो दिन बाद लाकर खोला तो पता चला कि रु का लिफाफा ही नहीं है।

उसने दो तीन बार अलमारी खाली करके देख ली अपने पति रमन जी से पूछा कि आपने तो रु. नहीं उठाये वह झल्ला कर बोले मैं क्यों लूंगा तुम्हारे रु. । अब केवल काम वाली शक हो गया । दो दिन बीत गये रीना की तो खाना पीना सब छूट गया । काम वाली बहुत पुरानी थी उससे कैसे पूछे पर शक उसी पर था ।

सुबह काम करते करते वह बोली दीदी आप तीन दिन से बहुत परेशान हैं क्या बात है आपकी तबियत सही नहीं पर वह चुप रही बस उसकी हर गतिविधि पर नजर रखने लगी ।  जब वह काम करके चली गयी तब बैठे उसने सोचा चलो अब जो कुछ होगया मिल नहीं सकता यदि इस काम वाली को हटा दूं तब नयी पर भी क्या भरोसा कर सकती हूँ ।

उसने सोचा बैंक जाकर अपने पुराने गहने ही से नये गहने खरीद लेती हूँ और वह रमन के साथ बैंक पहुँची जब लाकर खोला तो रु. का लिफाफा कुछ और जेवर के डिब्बों के साथ दिखाई दिया । हफ्ते भर पहले उसने रमन से कहा था कि लाकर में से जेवर के डिब्बे बैंक लाकर में रख आओ । वह उनके साथ लिफाफा भी रख गये ।

दूसरे दिन जब उसने काम वाली को सच्चाई बताई तब वह बोली दीदी हम काम करते हैं तो सबसे पहले शक हम पर ही जाता है। यदि हम चोरी करेगे तब कौन विश्वास करेगा हम पर । मैने अपनी सोच पर उससे माफी मांगी आज वह सबसे अधिक करीब है। मेरे सुख दुख सब में साथ खड़ी रहती है।

       दूसरे दिन माथुर साहब लौट कर आये जैसे ही ड्राइवर को पता लगी वह आया और माथुर साहब के पैर पकड़ कर रोने लगा । माथुर साहब को कुछ समझ नहीं आया बोले क्या बात है तुम क्यों रि रहे हो वह बोला बड़े साहब मैने चोरी नहीं की छोटे साहब ने कल मुझे बहुत पीटा और पुलिस में मेरे नाम की रिपोर्ट लिखा देंगे ।

इतनी देर में नकुल आगया वह बोला पापा घर में कोई नहीं था मेरी अलमारी में से 2 लाख रु गायब हो गये घर में इसके अलावा कोई नहीं आया । माथुर साहब चिल्ला कर बोले बेवकूफ इसने नहीं रु. मैने लिये हैं जल्दी में था तुमसे बात नहीं हो पाई । जिस शादी में हम गये थे उनको बहुत जरूरत थी उन्होंने मुझसे फोन पर कहा मै रु. लेकर सबके साथ तुरन्त निकल लिया बेटा यह शक अच्छे अच्छे सम्बन्धों को तुड़वा देता है। नकुल बहुत शर्मिन्दा हुआ और सोच लिया बेवजह किसी पर शक नहीं करेगा ।

स्व रचित

डा. मधु आंधीवाल

अलीगढ़

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