बस, इतनी सी चाहत है – शाहीन खान

राहुल अभी तक ऑफिस से घर नहीं आए थे, आज कुछ ज़्यादा ही लेट हो गए, इंतजार करते-करते थक चुकी थी अपर्णा | घड़ी पर नज़र डाली तो 10:30 होने वाले थे, बोरियत से बचने के वह  टीवी ऑन कर सीरियल देखने लगी| सीरियल की कहानी में रोमांचक मोड़ आया ही था कि राहुल की कार का हॉर्न बजा, घर में घुसते ही सबसे पहले राहुल ने रिमोट लेकर चैनल चेंज कर दिया |

 “क्या बताऊं यार आज मीटिंग कुछ ज़्यादा ही लंबी चली बॉस ने हम सबके लिए बाहर से डिनर ऑर्डर कर दिया था मैं तो खाना खाऊंगा नहीं तुम खा लो”| राहुल ने वॉशरूम जाते हुए कहा..

अपर्णा का सारा मूड खराब हो गया अकेले खाने का मन भी नहीं हुआ, कितने मन से उसने आज पालक पनीर, पुलाव और खीर बनाई थी सोचा था खाना खाने के बाद अपने दिल की बात राहुल को बता कर उसे मना लेगी|

 यह राहुल की हमेशा की आदत थी अपने काम के आगे उसे किसी का भी ख़्याल नहीं रहता था,  अगर खाना खा भी लिया था तो कम से कम उसे फोन करके बता तो देते वह यहां इंतज़ार में तो नहीं बैठी रहती| दो साल होने वाले थे उसकी और राहुल की शादी को अब तो उसे इन सब बातों की आदत पड़ गई थी|

 खाना फ्रिज में रख वह नाइट सूट पहन  सोने के लिए अपने कमरे में आ गई| राहुल को चैनल बदलते देख चिढ़कर बोली…

 “अगर कुछ नहीं देखना है तो टीवी बंद कर दो इस तरह चैनल बदलने से ना ख़ुद कुछ देख सकते हो ना कोई दूसरा,वैसे भी कल सुबह ऑफिस के लिए ज़ल्दी उठना है|

 टीवी में देखने के लिए भी क्या है..? हर जगह बस वही तुम्हारे सास बहू वाले सीरियल आते रहते हैं, पता नहीं लोगों को इन में क्या पसंद आता है..? और ऑफिस में काम करने तो मैं जाता हूं तुम तो वैसे भी अपने स्कूल मज़ा करने और सहेलियों से गप्पे मारने जाती हो…. उसके टीचिंग के जॉब को राहुल कभी सीरियसली नहीं लेते…. उन्हें नहीं पता यह उसके लिए सिर्फ जॉब नहीं उसका काम है, पूजा है जिसे वह पूरी मेहनत और लगन से करती है|

 सुबह उठी तो कमज़ोरी की वज़ह से चक्कर आ गया…. जैसे तैसे हिम्मत करके राहुल के लिए नाश्ता बना कर कर बोली….



” मेरी तबीयत ठीक नहीं है, आज मैं घर पर ही आराम करूंगी|”

“ठीक है…!! वैसे भी एक दिन तुम्हारे स्कूल ना जाने से कौन सा तुम्हारा स्कूल बंद हो जाएगा दवाई खाकर आराम करो.. मेरा आज ऑफिस जाना बहुत जरूरी है यह प्रोजेक्ट हाथ से नहीं निकलना चाहिए इसके बाद मेरा प्रमोशन होना तय है|” कहते हुए राहुल अपनी कार की चाबी उठाकर ऑफिस के लिए निकल गए|

       

 वह कहना चाहती थी प्लीज रुक जाओ राहुल…!! आज मुझे तुम्हारे साथ की बहुत ज़रूरत है, पर कह ना सकी चुपचाप उन्हें जाता हुए देखते रही|

राहुल के जाने के बाद उसने अपनी फ्रेंड निकिता को फोन किया कि तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही है चक्कर आ रहे हैं आज वह स्कूल नहीं आ पाएगी प्लीज देख लेना|

  “तुमने अपनी प्रेगनेंसी के बारे में राहुल को बताया कि नहीं…?” निकिता उधर से बोली..

  “समझ में नहीं आता राहुल को कैसे बताऊं? पता नहीं वह कैसे रिएक्ट करेंगे…? वह अपने कैरियर में बहुत आगे जाना चाहते हैं एक बड़ा सा आलीशान घर,  बड़ी गाड़ी उनका सपना है वह कई बार कह चुके हैं कि अपने परिवार को इतनी जल्दी आगे बढ़ाने के बारे में अभी सोचना भी नहीं है…..

तुम्हें पता है निकिता मुझे बच्चे बहुत पसंद हैं इसीलिए मैंने यह जॉब की.. पर राहुल को मेरा यह जॉब करना भी पसंद नहीं है.. मेरा शुरू से ही एक चाहत थी कि मेरा एक छोटा सा घर हो, प्यारे प्यारे बच्चे हों, प्यार करने वाला पति जब उसका मनपसंद खाना बनाऊं तो वह मेरी तारीफ़ करे,



मैं रूंठू तो वह मनाए.. जिंदगी की छोटी छोटी खुशियां मेरे लिए बहुत मायने रखती हैंं.. पर राहुल को यह सब मेरा बचपना लगता है….

मैं यह नहीं कह रही कि राहुल मुझे प्यार नहीं करते.. हां करते हैं, पर उनका तरीका बिल्कुल अलग है.. हमारी पहली एनिवर्सरी पर राहुल ने होटल में एक बहुत बड़ी पार्टी दी थी मुझे डायमंड का ब्रेसलेट गिफ्ट किया था.. राहुल अपने दोस्तों के साथ पार्टी इंजॉय कर रहे थे पर उस भीड़ और शोरगुल में मैं अपने आप को बहुत अकेला महसूस कर रही थी.. एनिवर्सरी तो दो लोगों का निजी मामला होता है जिसे वे एक दूसरे के साथ दोबारा जीते हैं पर मुझे लग रहा था कि हम दोनों साथ होकर भी साथ नहीं हैं…..

 मैं चाहती हूं कभी वह कुछ कहे तो मैं सुनूँ,कभी मैं अपने दिल की बात कहूँ तो वह सिर्फ़ मुझे सुने….. पर उसके पास तो इन सब के लिए टाइम ही नहीं होता है… जब भी कुछ कहना चाहती हूं वह अपने फोन में बिजी होते हैं अब तुम ही बताओ मैं उन्हें कैसे बताऊं..?”

दोपहर में शांताबाई के बनाए थोड़े से दाल चावल खा कर वह आराम कर रही थी कि डोर बेल बजी इस टाइम कौन हो सकता है? सोचकर वह दरवाजा खोलने आई तो देखा राहुल खड़े थे|

“अब कैसी तबीयत है तुम्हारी….?? उन की आवाज़ में चिंता साफ झलक रही थी

निकिता ने आपको फोन किया था….??

 “मेरे अलावा सारी दुनिया को पता है कि मैं बाप बनने वाला हूं, अपर्णा क्या तुमने मुझे इस लायक भी नहीं समझा कि अपने दिल की बात मुझे बताओ…?? इतनी बड़ी बात तुमने मुझसे क्यों छुपाई..?? वह तो तुम्हारी रिपोर्ट बताने के लिए हॉस्पिटल से फोन आ गया और मुझे सब पता चल गया…

तुम बहुत कमज़ोर हो डॉक्टर ने तुम्हारा खास ध्यान रखने के लिए बोला है…. मैं जानता हूँ कि तुम्हें स्कूल जाना बहुत पसंद है पर आज से तुम्हारा स्कूल जाना बंद…. शांताबाई को बोल दूंगा वह सारे दिन तुम्हारे साथ रहेगी|” राहुल उसे अपनी बाहों का सहारा देकर बिस्तर पर लिटाते हुए बोले|

 उसे लग रहा था जैसे वह कोई सपना देख रही हो राहुल की तरफ हैरानी से देखते हुए उसने पूछा|

 “क्या आप खुश हैं राहुल!! आपका वह प्रोजेक्ट, आज तो कोई जरूरी मीटिंग भी थी….??”

 “खुश नहीं, मैं बहुत ज़्यादा खुश हूँ, अब तुम्हें खुश रखने से ज्यादा ज़रूरी प्रोजेक्ट क्या हो सकता है?? मेरा प्रमोशन हो गया मैं बाप बनने वाला हूं”| राहुल उसे प्यार से देखते तो बोले|

आज राहुल ने उसके दिल तक का रास्ता तय कर लिया था बस! इतनी सी ही तो चाहत थी उसकी जो पूरी हो गई आज वह बहुत खुश थी|

#चाहत 

शाहीन खान (लुधियाना)

स्वरचित एवं मौलिक

 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!