बहुरानी – खुशी : Moral Stories in Hindi

मालती देवी एक बड़ी समाजसेविका थी।उनके पति रतनलाल की बहुत बड़ी जेवरात की दुकान थी दो बेटे थे। राजन और राहुल राजन ने अपने पिताजी का कारोबार ज्वाइन कर लिया।राजन सीधा साधा था उसे घूमने का बड़ा शौक था।राहुल ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर का कोर्स किया और एक it कंपनी ज्वाइन कर ली ।

अब मालती देवी राजन की शादी करना चाहती थीं। उन्होंने अपने सर्किल में लड़कियां देखनी भी शुरू कर दी।पर राजन सीधा साधा था वो पत्नी भी ऐसी ही चाहता था उसे ये हाईफाई लड़कियां समझ नहीं आती थीं। मां के सामने उसकी चलती नहीं थी।पर वो रतनलाल जी को ये बात बता चुका था।रतन लाल जी ने मालती देवी से कहा कि राजन के लिए ये लड़कियां नहीं बनी है।

हमे कोई सीधी साधी लड़की देखनी चाहिए।मालती देवी बोली मै ऐसे किसी ग्वार को अपनी बहु नहीं बनूं।गी।रतनलाल जी ने राजन को बोला तुम कुछ दिन घूमने चले जाओ बाकी मै देखता हूं।  राजन अगले दिन चला गया और इधर रतनलाल जी अपने दोस्त नरेश जी से मिले को कॉलेज में प्राध्यापक थे उनकी बेटी मेघा जो phd थी और कॉलेज में हिंदी की लेक्चर थी।

उन्होंने राजन की बात उससे पक्की कर दी और मालती देवी को भी उनकी बात माननी पड़ी उन्होंने दिल से मेघा को नहीं अपनाया बस पति की मर्जी के कारण वो कुछ बोल नहीं पाई।पर घर आते ही उन्होंने सारी जिम्मेदारी मेघा पर डाल दी। मेघा घर का काम करती कॉलेज जाती सीधे साधे कपड़े पहनती पूजा पाठ करती तो मालती देवी उसे गवार ही कहती

एक बार उनके घर किट्टी पार्टी थी उनकी सब सहेलियां आई थी सब कुछ मेघा ने किया सबने तारीफ की पर मालती देवी को पसंद ना आया उन्होंने कहा ये काम तो नौकर भी कर लेते हैं पढ़ी लिखी हो मॉर्डन हो फर्राटेदार इंगलिश बोले झटपट घर का काम करे बाहर जाए गाड़ी चलाए और भी पता नहीं  क्या क्या उनकी अपेक्षाएं थी।

उनकी सहेली उर्मिला बोली अरे बहु चाहिए या रोबोट और सब हंसने लगी।मेघा को बहुत बुरा लगा उसने इस बात का जिक्र राजन से किया राजन बोला मां का स्वभाव ऐसा ही है मै कुछ सोचता हूं।

इसी बीच मालती देवी को राहुल की शादी की चिंता सताने लगी वो सोच रही थीं राहुल के लिए तो मै अपनी पसंद की लड़की लाऊंगी। पर राहुल ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया उसने अपनी कुलीग प्रिया से शादी की इच्छा जताई। प्रिया के पापा आर्मी से रिटायर्ड थे और मां का

बुटीक था। प्रिया का भाई भाभी कनाडा में थे और वो सॉफ्टवेयर इंजीनियर थी जिसे राहुल बहुत चाहता था। प्रिया के माता पिता शादी के लिए तैयार थे।लड़की का बैकग्राउंड सुन मालती देवी आई और साथ में अपनी शर्तों का पिटारा लेकर ।प्रिया सबको पसंद आई फिर मालती देवी बोली प्रिया तुम्हे सुबह जल्दी उठना होगा घर का काम करवा ऑफिस जाना होगा।

मेरे एक बुलाने पर दौड़ते हुए आना होगा।मेरा सर्किल है कभी कोई आता है कभी कोई उनके लिए मुस्तैद रहना होगा।तुम्हे ड्राइविंग आती है तो बाहर का सामान भी लाना होगा मैं इसलिए ये सब कह रही हूं ताकि बाद में कोई परेशानी ना हो। प्रिया बोली सारी आंटी पर आप दुल्हन देखने आई हैं या रोबोट देखने जब मै सारा दिन आपकी खिदमत करूंगी तो खुद का क्या ध्यान रखूंगी

और राहुल को टाइम कब दूंगी।आप मार्केट से एक रोबोट ले लीजिए क्योंकि आपको बहु नहीं रोबोट चाहिए।हर लड़की के अरमान होते हैं और वो अपना कर्तव्य सब काम करती हैं पर आप उसे नौकरानी समझने की गलती ना करें।।राहुल अगर तुम मुझसे शादी करना चाहते हो तो या तो अपनी मां की सोच बदलो या मुझे छोड़ दो।

मालती देवी बड़बड़ाते हुए घर आ गई बोली कितनी बेइज्जती कर दी उस लड़की ने  राहुल तेरी शादी नहीं होगी उस लड़की से।राहुल बोला शादी तो मै प्रिया से ही करूंगा।चाहे मुझे अलग होना पड़े।भाभी इतनी पढ़ी लिखी है जैसे आप उन पर हुकुम चलाती हो हर लड़की नहीं सहेगी।पापा आप कुछ बोले रतनलाल बोले बेटा तेरी शादी प्रिया से ही होगी

और शादी के बाद तुम दोनों अपने नए फ्लैट में शिफ्ट हो जाना।राजन बेटा माफ करना जरा देर  हो गई तुम और मेघा भी अपने फ्लैट में shif हो जाओ दोनो भाइयों के लिए एक ही सोसायटी में आमने सामने के फ्लैट बुक किए हैं। और मालती तुम्हारे लिए एक रोबोट बुक कर देता हूं उससे काम करवाना अपने मन मुताबिक चलवाना पर याद रखना मर्म और स्पर्श रिश्ते बच्चे देते है रोबोट नहीं सोने जैसी बहु है तुम्हारी

जिसकी तुमने कदर ना की अब दोनो बहुओं से हाथ धो। राहुल प्रिया के माता पिता को बता दे शादी होगी वो अच्छा सा मुहूर्त देखे परसो वो हमारे घर आए मंगनी कर देंगे। बच्चो अपनी तैयारी करो पैकिंग करो और फ्लैट देख लो सब कुछ है उसमें लगेज लेकर जाना है बस। राजन बोला पापा अपना इतना बड़ा घर है उसमें आप अकेले रहेंगे।

रतन लाल बोले जिसे कदर ना हो वो अकेला ही रहे और ये अकेली क्यों इसके पास तो रोबोट है। और मैं अपने बच्चों के पास आता रहूंगा।सुबह मेघा बेटी मेरा खाना भेज देगी शाम को मै राहुल के पास आ जाऊंगा। सब वहां से चले जाते है।मालती देवी हॉल में अकेली बैठी है सोच रही है ये सन्नाटा कितना भयावह है

मै अकेली नहीं रह सकती मुझे सब चाहिए और वो चिल्लाने लगी उसकी आवाज सुन मेघा दौड़ती हुई आई बोली मां क्या हुआ।मालती देवी बडबडा रही थी मुझे अकेला मत छोड़ो मुझे मेरे बच्चे चाहिए।रतन लाल जी आए बोले क्यों चिल्ला रही हो कर रहा हूं रोबोट ऑर्डर ।मेघा बेटा जा पैकिंग कर।मालती देवी बोली कोई कही नहीं जा रहा राहुल परसो तेरी सगाई होगी

मुझे लड़की पसंद है कोई कही नहीं जाएगा।सब तैयारियों में लग गए हंसी खुशी सगाई निपटी और 3 महीने बाद शादी का मुहूर्त।राहुल और राजन ने अपने पापा से पूछा पापा अब वो फ्लैट्स का क्या होगा।रतन लाल बोले कौन से फ्लैट वो तो तुम्हारी मां की अकल ठिकाने लगने का तरीका था।चुप रहना यही धमकी उसके लिए काफी है।

हसी खुशी शादी हुई अब मेघा को बड़ी बहु का मान मिला और प्रिया को छोटी मालती देवी को समझ आया बहुएं घर की रौनक है रोबोट नहीं हाड़ मास का पुतला है जो अपने मन से सब करती हैं पर जबरदस्ती से नहीं।

दोस्तो कहानी पसंद आई हो तो कमेंट में बताएगा।

आपकी सखी 

खुशी

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