एक कुटुंब ऐसा भी – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”Moral Stories in Hindi

“चाची..तुम तो रहने ही दो..! मैं कर देता हूंँ प्रथम बोला।” चाची की मदद करने के लिए साक्षी भी दौड़ती हुई आई। मुझे बताओ चाची मैं तुम्हारी मदद करती हूंँ। आज चाची ने रसोई के ऊपर चढ़कर साफ- सफाई का अभियान शुरू कर रखा था। दोनों बच्चे चाची से बहुत स्नेह करते थे।  “तुम लोग … Read more

बंदनीया – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुहाना एक व्यापारी की बेटी थी। पिताजी का अपना व्यापार था। तीन भाइयों के बीच अकेली बहन थी। पढ़ने लिखने में औसतन, फिर भी उसे कुछ कर दिखाने की चाहत थी।  एक दिन मां से बोली- मुझे अध्यापिका बनना है। मां ने सहमति में अपना सिर हिला दिया और कहा- बेटा,अपने कैरियर का बहुत सोच … Read more

शहर की चमक – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

संयोगिता बीए. फाइनल की छात्रा थी तभी पिता सतेंद्र को किसी ने शहर के एक खूबसूरत नौजवान लड़के का रिश्ता सुझाया। सतेंद्र शहर गए वहां शांतनु और उसके परिवार से मिले। शांतनु और उसका परिवार उन्हें एक नजर में ही पसंद आ गया।  इसी साल ही शांतनु की बैंक में क्लर्क की पोस्ट पर नौकरी … Read more

स्वाभिमान – सुनीता मुखर्जी “श्रुति”: Moral Stories in Hindi

प्रिया ने नौवीं कक्षा में लेट एडमिशन लिया। पाठ्यक्रम काफी निकल चुका था। क्लास टीचर ने आकाश से प्रिया का कोर्स कंप्लीट करवाने लिए के लिए कहा। आकाश अपने सेक्शन का मॉनिटर था। उसने अपनी नोट्स बुक्स देकर पिछड़ा हुआ काम पूरा करवाने में उसकी पूरी मदद की। प्रिया को अपने पढ़ाई में कोई भी … Read more

बन्धन नेह का – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

इति एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रही थी। कोरोना के बाद से लगातार उसका वर्क फ्रॉम होम चल रहा था। माता-पिता की इकलौती संतान होने के कारण बहुत ही नाजों से पली थी। बेटी विवाह योग्य होने पर  किसी भी माता-पिता का उसके विवाह के लिए चिंतित होना लाजिमी हैं। चाहे बेटी नौकरी करती … Read more

रास्ते बदल गए – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

कई दशक पहले की बात है जब आज की तरह नौकरी को इतना महत्व नहीं दिया जाता था। घर में बाग- बगीचा, खेती, कुआं, ट्यूबवेल,ट्रैक्टर जीप गाड़ी….इन सब से अमीरी  की पहचान होती थी। जयचंद्र एक पूंजीपति व्यक्ति थे।  उनकी लगभग 150 बीघा जमीन थी। कई बड़े-बड़े बाग, तालाब, बहुत बड़ी कोठी, घर में नौकर … Read more

यह रिश्ता मुझे मंजूर है। – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

उफ्फ!! दिनभर घर-घर काम करने के बाद गीतांजलि बहुत थक गई थी। घर आते ही उसका छोटा भाई दीपक दीदी! दीदी! करके लिपट गया। दीदी आज क्या लायी हो..??  गीतांजलि ने थैला से कुछ सामान निकाला और भाई को दे दिया। भाई बहुत चाव से खाने लगा। गीतांजलि जहां काम करती थी वहां की महिलाएं … Read more

एक फैसला आत्म सम्मान के लिए….. – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

सुरभि बारहवीं पास करने के बाद अपनी मांँ से बोली…. मांँ मुझे अब आगे नहीं पढ़ना, मुझे नौकरी करनी है। घर वालों ने बहुत समझाया कि वह अभी पढ़ाई कर ले नौकरी करने के लिए सारे जीवन पड़ा हुआ है।  सुरभि के दिमाग में नौकरी ही नौकरी चल रही थी। घर वालों के समझाने का … Read more

बड़ी बहू – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

निकिता..! तुम्हारे जेठ सलिल विवाह क्यों नहीं करना चाहते  हैं..?? अच्छी खासी उम्र है फिर भी कुंवारे बैठे हैं!! मेरे परिवार में एक लड़की है तुम कहो तो मैं बात चलाऊं?एक बार तुम अपने सास ससुर से बात करके देखो! सलिल मान जाते हैं तो मुझे बताना, चाची बोली। सच में..! सलिल भैया देखने में … Read more

छोटी माँ – सुनीता मुखर्जी “श्रुति” : Moral Stories in Hindi

राजीव जी राजकीय कॉलेज में प्रिंसिपल थे उनकी फिटनेस, हंसमुख स्वभाव एवं बहुत ही मिलनसार व्यक्तित्व था। उनकी प्रतिभा चारों ओर फैली हुई थी। वह अपने कार्य क्षेत्र में सख्त और अनुशासन प्रिय व्यक्ति थे।  उनकी पत्नी सुवर्णा कदम- कदम पर उनका साथ देती, जिस कारण राजीव जी अपने काम को बेहतर अंजाम देते हुए … Read more

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