बहन – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

तुम एक बात आज कान खोल कर सुन लो, मुझे इस घर में तुम्हारी बहन का आना पसंद नहीं है, जब देखो आ जाती है , सपना लगभग चीखती हुई आदर्श से बोली।    उसकी ये बात सुनकर आदर्श भी चिल्लाते हुए बोला  “महिमा मेरी न सिर्फ बहन है बल्कि मेरी बेटी भी है , मैंने … Read more

क्या कहें हमारे तो करम ही फुट गए जो ऐसी संतान को जन्म दिया – शनाया अहम  : Moral Stories in Hindi

माँ,पापा , आप दोनों अच्छे से सुन लो मुझे अब आप लोगों की ज़रूरत नहीं है , मैं बड़ी हो गई हूँ , मेरी ख़ुद की एक पहचान है।  अगर एक मल्टीनेशनल कंपनी में एक ऊँची पोस्ट पर काम करने के बाद ,सारे स्टाफ को अपने अंडर काम करवाने के बाद भी अगर मुझे अपने … Read more

नाराज़ – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

गायत्री तुम शांत होने की बात कर रही हो, तुम ही बताओ कैसे शांत रहूं।  जिस बेटे के लिये मैंने दिन रात मेहनत की , पढ़ाया लिखाया , इस क़ाबिल बनाया,अपने सपनों को अपने बेटे के सपनों की बलि चढ़ा दिया, आज वो ही बेटा मुझसे एक लड़की की खातिर ज़बान लड़ा कर गया है।  … Read more

एक मुंह दो बात – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सीमा को आज अपना प्रोजेक्ट जमा करना था लेकिन अचानक से उसकी माँ की तबियत बहुत बिगड़ गई।  सीमा के अलावा उसकी माँ को देखने वाला और कोई नहीं था। आज सीमा के सामने बहुत उलझन थी लेकिन उसकी प्राथमिकता उसकी माँ थी।  सीमा ने देखा था कि किस तरह उसकी माँ ने उसे अकेले … Read more

बहु आँखों में आंसू भर अपने सास के पांव पर झुक गई – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

सुनो रजत, मैं अब और बर्दाश्त नहीं कर सकती , आखिर मैं अकेली क्या क्या करूँ।  मुझे घर दफ़्तर सब देखना पड़ता है और अभी कुछ टाइम में हमारे बीच एक बच्चे की ज़िम्मेदारी भी होगी , ऐसे में तुम्हारी माँ की ज़िम्मेदारी भी मुझे ही उठानी पड़ रही है , वो ख़ुद तो सारा … Read more

कड़वाहट – शनाया अहम्   : Moral Stories in Hindi

कभी कभी कुछ ऐसा हो जाता है कि मिठास से भरे रिश्तों में भी कड़वाहट आ जाती है और ये कड़वाहट रिश्तों को रिश्तों से दूर कर देती है।  ऐसा ही कुछ हुआ अंकिता और उसकी भाभी सुजाता के बीच।  अंकिता अपने माता पिता और बड़े भाई के साथ दिल्ली में रहती थी , परिवार … Read more

मनमुटाव – शनाया अहम   : Moral Stories in Hindi

निकिता और राज की शादी बहुत धूमधाम से सम्पन्न हुई , निकिता दुल्हन बनकर ससुराल आ गई , ससुराल में निकिता का भव्य स्वागत किया गया।  निकिता की खूबसूरती के चर्चे हर कोई कर रहा था , राज अपनी बीवी की तारीफ़ सुन फुले नहीं समां रहा था।  निकिता की ससुराल में सास ससुर नहीं … Read more

गाजर मूली समझना – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

रानी ओ रानी , कहाँ मर गई , अब घरवालों ने नाम रानी रख दिया तो क्या सच में ही ख़ुद को रानी समझने लगी , कबसे आवाज़ दे देकर मेरा गला सुख गया , ज़िंदा है या मर ही गई आज??? शांति देवी ने कामवाली रानी को बुलाने के लिए पूरा घर सर पर … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

आँखों में आंसू भर कर अपने घर को जाने के लिए गाड़ी में बैठ चुकी थी निर्जला , उस घर जहाँ की वो मेहमान नहीं बल्कि मालकिन थी।  जैसे जैसे गाड़ी आगे बढ़ रही थी , निर्जला से पीछे छूटता जा रहा था वो घर जहाँ अब वो सिर्फ मेहमान समझी जाती थी और नज़दीक … Read more

परिवार में चालाकियाँ बर्बाद कर देती हैं – शनाया अहम : Moral Stories in Hindi

माँ , बस करो , ये सब जो तुम कर रही हो ये परिवार में सही नहीं है।  अपना वर्चस्व क़ायम रखने के लिए तुम अपने ही परिवार में *फूट डालो राजनीती करो* की धारणा पर चल रही हो लेकिन आगे चलकर तुम्हारी ये चालाकियां तुम्हें कही का नहीं छोड़ेंगी ” अंजलि ने दुखी मन … Read more

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