समझदारी से स्नेह की बुनाई – सीमा गुप्ता : Moral Stories in Hindi
इस छोकरी को कितना समझाया कि इन किताबों को छोड़। थोड़ा घर का काम धंधा सीख। पर कोई अच्छी बात पल्ले पड़े तब ना। और जुबान तो कैंची की तरह चले है इसकी। न छोटे का पता है, न बड़े का। मेरे को पहले ही पता था कि सासरे में ये पक्का नाक कटवाएगी। पता … Read more