अंधेरे में रखना – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

गीता के मां पापा ने उसकी शादी बहुत ही बड़े घराने में  तय कर दिया  | सभी परिवार वाले बहुत खुश थे | शादी की तारीख तय  करने गीता के पापा लड़के वाले के घर गए | वहा देखा की जिस लड़के से शादी तय हुई थी ,वो पूरी तरह से शराब के नशे में … Read more

आखिरी फैसला – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

कमल ने जैसे ही सुमन (बेटी) और कमला(पत्नी ) को घर के अंदर आते देखा ,गुस्से में बोला तुम दोनो का दिमाग खराब हो गया है ,बस गाना, गाना ,उसके अलावा कोई काम ही नहीं है | कमला ,क्यों बेटी की जिंदगी बर्दाद कर रही हो? उसको समझाने की जगह तुम खुद ही उसको ले … Read more

मां बाप की दुआओं में भगवान के आशीर्वाद से भी बड़ी शक्ति है! – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सीखा कहा हो ? जल्दी करो मंदिर जाना है ,लेट हो जायेगा | हा कर तो रही हो शिखर ,सुबह बहुत काम हो जाता है  | थोड़ा  बहुत तुम भी कर लेते तो टाइम से सब हो जाता |  शिखर मंदिर के लिए निकल गया | वहां पहुंच पूजा पाठ हवन सब  कुछ किया बहुत … Read more

भाग्यहीन – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोहन और सिया ने चैन की सांस ली | बहुत अच्छा हुआ , बड़ी मां चली गई, हम लोगों की जिन्दगी से | सारा दिन बड़बड़ करती रहती थी | जीना हराम कर रखा था |पूरे टाइम हम लोगों को बस उपदेश देती रहती थी |   ,शराब नहीं पियो , पढ़ो लिखो ,अच्छे इंसान … Read more

भगवान की लाठी में आवाज नहीं होती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

गीता मायके आई थी। उसका चेहरा मुरझाया हुआ था, आँखों में उदासी और चिंता की गहरी लकीरें खिंची हुई थीं। गीता की माँ, जो अपनी बेटी के स्वागत में पूरे मनोयोग से लगी हुई थी, उसकी ऐसी हालत देखकर घबरा गई। “आओ बेटा, बैठो। कैसी हो? घर में सब कैसे हैं?” माँ ने गीता को … Read more

कभी- कभी सेवा करवाने के लिए बीमार होने का दिखावा भी करना पड़ता है – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

विमला जी (६० बर्ष) अपने बेटी को बहुत बहुत ज्यादा मानती थी | हर बात पे मेरी बेटी ,मेरी बेटी करती रहती थी | विमला जी के पति राजेश जी, बहुत  समझदार और सुलझे हुए बुद्धि विचार वाले व्यक्ति थे | उन्ही के कारण उनके परिवार में  सब  हसी खुशी चल रहा था | उनका … Read more

किस्मत वाली – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

सोनम (४४  बर्ष ) बहुत ही अच्छी महिला थी | वह अपना होटल चलाती  थी | बहुत ही कम दाम में खाना खिलाती थी लोगो को  | और रात को १० बजे होटल बंद करती थी | जो कुछ भी खाने  का सामान बच जाता वो पैक कर के  रख लेती | रास्ते में  जो … Read more

एक हाथ से ताली नहीं बजती – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

रितु और मीतू दो बहने थी | दोनो की एक ही घर में शादी हुई थी | रितु बहुत खुश रहती थी ,लेकिन मीतू बहुत दुखी  रहती थी |दोनो अपनी मम्मी से मिलने आई थी | मीतू ने बहुत सारी शिकायत अपने सास  की ,अपने मम्मी से  किया | और बोला मम्मी, सास हमको बिल्कुल … Read more

जिस घर में बुज़ुर्ग हंसते मुस्कुराते हुए रहते है | उस घर में भगवान का वास होता है – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

दीपा और रवि  की शादी बहुत ही अच्छे से हो गई | दोनों का प्रेम विवाह हुआ था | एक ही कम्पनी में दोनो काम करते थे |रवि के मम्मी पापा , बहू के घर आने से बहुत खुश थे | दीपा सुबह जल्दी उठ जाती और  घर का काम करती | फिर ऑफिस जाती … Read more

बहुरानी – रंजीता पाण्डेय : Moral Stories in Hindi

द्दुल्हन बनी बैठी थी सुनीता | बहुत ही सुंदर लग रही थी | सारे रिश्तेदार सुनीता को देखने आते | सब बोलते कमला जी आपकी बहु तो बहुत ही सुंदर है | कमला जी बोलती मेरी बहुरानी को नजर नही लगाओ , और मन ही मन बहुत खुश होती |सारा दिन बहुरानी बहुरानी करती रहती … Read more

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