क्यों न करूँ अपनी क़िस्मत पर नाज – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

माँ आप यह क्या कह रही हैं ? आप हमारी बात समझ क्यों नहीं रही हैं । प्लीज़ आप पापा को भी मेरी शादी में बुला लीजिए क्योंकि मेरा कन्यादान आप दोनों को ही करना है । यह सोनी मानिनी की बेटी थी जिसकी शादी होने वाली थी । मानिनी ने कहा -देख !सोनी तुम … Read more

अभागन – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

किरण मेरे जूते पालिश करने के लिए कहा था किया है कि नहीं ? यह किरण के पति अभिषेक की आवाज़ थी । किरण रसोई में पति के लिए ही लंचबॉक्स तैयार कर रही थी ।  उसकी तेज आवाज़ सुनते ही भागते हुए बाहर आते हुए कहती है मैंने पालिश कर दिया है । उस … Read more

रिश्तों के बीच विश्वास का एक पतला धागा होता है – के कामेश्वरी   : Moral Stories in Hindi

रोहणी बाज़ार से सब्ज़ी लाने के लिए गई हुई थी कि अचानक एक कार वाले ने उसे टक्कर मार दी थी । पैंसठ वर्ष की रोहिणी बीच बाज़ार में गिर कर बेहोश हो गई थी । पड़ोस में रहने वाले गिरीश जी ने उन्हें अस्पताल पहुँचाया और घर पर खबर भी कर दिया था । … Read more

मनमुटाव – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

जयराम सुबह बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे और सुवर्णा के हाथों की बनी चाय का इंतज़ार भी कर रहे थे । उसी समय उनकी छोटी बेटी मीरा धड़धड़ाते हुए अंदर घुस कर मम्मी मम्मी की रट लगाते हुए रसोई में घुस गई अंदर से दोनों माँ बेटी के बातें करने की आवाज़ें सुनाई … Read more

बेटी अब ससुराल ही तेरा घर है , अब तो तू यहां की मेहमान है – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सुनयना ग़ुस्से से राघव को घूरते हुए कहती है कि सुबह से लेकर रात को सोने तक नाश्ता लंच शाम को स्नेक्स रात को डिनर यही मेरा काम हो गया है ।  आप तो रिटायर होने के बाद आराम से पुस्तक पढ़ते हुए फोन पर बातें करते हुए गानों को सुनते हुए रेस्ट ले रहे … Read more

मेरे साथ ऐसा व्यवहार करोगे कभी सपने में भी नहीं सोचा था – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

सप्ताह में एक बार मुलाक़ात के दौरान सब क़ैदियों से मिलने के लिए कोई ना कोई आ ही जाते थे लेकिन अंजलि से मिलने के लिए आज तक कोई नहीं आया था । जेल की सुपरिटेंडेंट कमला देवी अंजलि को चाहती थी । वे पिछले तीन साल से अंजलि को देख रहे थे। वह कभी … Read more

गुरुर – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

भैया आप माँ को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रख सकते हैं क्या ? पल्लवी ने फोन पर राजीव से कहा । राजीव ने कहा कि क्या बात है बिटटो माँ को कुछ हुआ है क्या या फिर तुम्हारे पति ने कुछ कहा है ? नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है । … Read more

गुरूर. – के कामेश्वरी : Moral Stories in Hindi

भैया आप माँ को कुछ दिनों के लिए अपने घर में रख सकते हैं क्या ? पल्लवी ने फोन पर राजीव से कहा । राजीव ने कहा कि क्या बात है बिटटो माँ को कुछ हुआ है क्या या फिर तुम्हारे पति ने कुछ कहा है ? नहीं भाई ऐसी कोई बात नहीं है । … Read more

सासु माँ आप मुझे बेटी बनाकर लाई थीं लेकिन बहू का दर्जा भी नहीं दिया – के कामेश्वरी Moral Stories in Hindi

गौरीशंकर जी बैठक में बैठकर पेपर पढ़ रहे थे कि पत्नी सुगुणा चाय लेकर आई और उनके पास बैठकर कहने लगी कि देखिए ना कहने को तो दो बहुएँ हैं परंतु सारे काम मुझ अकेली को ही करने पड़ते हैं । छोटी बहू विद्या तो शादी होते ही अलग शहर में विजय की नौकरी के … Read more

रिश्तों की डोरी टूटे ना – के कामेश्वरी Moral Stories in Hindi

सौम्या के माता-पिता के गुजरते ही उनका घर रिश्तेदारों से भर गया था क्योंकि सौम्या के माता-पिता बहुत पैसे वाले थे और सौम्या उनकी इकलौती बेटी थी । सौम्या के मामा ने आखिर बाजी जीत ली और सौम्या को अपने घर ले जाने में कामयाब हो गए थे । वे ख़ुशी से अपने घर सौम्या … Read more

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