मित्र – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

 बरसों बाद इस शहर में आना हुआ। पुराने मित्र के बेटे की शादी थी… बड़ी मनुहार से बुलाया था,” तुम्हें बेटे के विवाह में सपरिवार आमंत्रित कर रहा हूं…भाभी जी और बच्चों के साथ आओ।”    मैं भी भावुक हो गया,” कोशिश करता हूं… बच्चे बाहर हैं… पत्नी की तबीयत ठीक नहीं रहती “। ” कोशिश … Read more

ननद-भौजाई – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

रेखा टेबल पर नाश्ते का प्लेट  लगाकर एक ओर खड़ी हो गई। सास-ससुर दोनों ननदें और पति खाने बैठे। ” यह क्या नाश्ते में आलू परांठा , चटनी, दही… मैं इतना भारी नाश्ता नहीं कर सकती… मैं उपमा खाऊंगी ” बड़ी ननद माया तुनककर बोली। ” क्यों तुम्हें तो आलू परांठा बहुत पसंद है “सास-ससुर … Read more

error: Content is Copyright protected !!