अब तू हमारा बेटा कम इसका पति ज्यादा हैं !! – स्वाती जैंन: Moral Stories in Hindi

क्या पता , डॉक्टर ने सचमुच बेडरेस्ट कहा भी हैं या सागर और सुहानी मुझसे झुठ बोल रहे हैं ?? आजकल की बहुएं प्रेंग्नेंट क्या होती हैं बेचारी सासो को ही कामवाली बना देती हैं , अब मुझे ही देख लो तीन दिन से महारानी तो बेड़ पर मजे से आराम कर रही हैं और मैं यहां चक्करघिन्नी की तरह सारा काम अकेले किए जा रही हुं सीमा जी आटा गूंथते हुए मन ही मन बुदबुदाए जा रही थी !!

दरहसल उनकी बहू सुहानी ने चार महिने पहले ही प्रेंग्नेसी की खबर सुनाई थी मगर प्रेंग्नेंसी के कुछ ही महिनों बाद उसके पेट में दर्द रहने लगा था , जब डॉक्टर से सारी रिपोर्ट करवाई तब डॉक्टर ने उसे कंपलीट बेडरेस्ट की हिदायत दी थी बस अब इसी बात पर सास सीमा जी का पारा चढ़ा हुआ था !! अब तक की सारी रसोई और घर का बाकी सब काम सुहानी अकेले ही संभालती आई थी , जब से सुहानी की शादी सागर से हुई थी सीमा जी ने घर के कामों का सारा भार अकेली सुहानी पर डाल दिया था , वे घर के कामों में बिल्कुल हाथ भी नहीं बंटाती थी मगर तीन दिन पहले बेटे सागर ने जब घर आकर बताया कि डॉक्टर ने सुहानी को बेडरेस्ट करने कहा है उन्हें सागर और सुहानी पर यह शक हो रहा था कि कहीं ये दोनों झूठ तो नहीं बोल रहे !!

मन में इसी उधड़बुन के चलते सीमा जी ने सारा खाना बना दिया और खाना बनने के बाद थाली में दो रोटी और सब्जी निकालकर वह सुहानी को देने उसके कमरे में चली गई !!

यह लो महारानी , खाना खा लो वर्ना तुम्हारा पति अभी ऑफिस से आकर मुझे ही चिल्लाएगा और कहेगा मां आपने अब तक सुहानी को खाना नहीं दिया , डॉक्टर ने सुहानी को अच्छा खाने पीने कहा हैं जैसे कि एक उसकी ही पत्नी है जो पहली बार बच्चा जन रही हैं , हमारे तो बच्चे पेड़ो से लटककर आए हैं ना , एक सास में बोल पड़ी सीमा जी !!

मांजी , आप कल से मुझे सिर्फ दो रोटी और थोड़ी सी सब्जी ही दे रही हैं , इससे मेरा पेट नहीं भरता हैं , जाने क्यूं जब से प्रेंग्नेंट हुई हुं , भूख ज्यादा लग रही हैं , अगर थोड़े से दाल चावल भी मिल जाते तो मेरा पेट भी अच्छे से भर जाता और जो बार बार भूख लगने की समस्या हो रही हैं वह भी नही होती सुहानी थोड़ा डरते हुए बोली !!

यह सुनते ही सीमा जी भड़कते हुए बोली वाह !! एक तो महारानी बेड़ पर पड़ी हैं और अब इसमें भी इनको पड़े पड़े चार पांच पकवान खाने हैं , यह नहीं सोचती कि मैं कैसे सारा काम अकेले मैनेज कर रही हुं और हां प्रेंग्नेंसी में ज्यादा खाना खाना अच्छी बात नहीं , ज्यादा खाना खाने से तुम्हारा पेट बहुत बड़ा हो जाएगा और बच्चा भी बड़ा पैदा होगा समझी इसलिए यह ज्यादा खाना खाने की जिद छोड़ और जो मिलता हैं उसे ही खुशनसीबी समझ कर खा लें , क्या पता दोनों पति पत्नी मिलकर बेडरेस्ट का बहाना बना रहे हैं या झूठ बोल रहे हैं ?? मुझसे तो इतना ही खाना बनेगा अब खाना हैं तो खाओ !!

पढ़ी लिखी सुहानी को सास की ऐसी बातें बिल्कुल समझ में नहीं आ रही थी , वह अच्छे से जानती थी कि उसको प्रेंग्नेंसी के इस समय में हेल्दी डाइट लेना बहुत जरूरी हैं जिससे वह और बच्चा स्वस्थ रह सकें मगर उसकी सास दो दिन से उसे खाना भी बराबर नहीं दे रही थी और उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा रही थी सौ अलग !!

रात को जब सागर ऑफिस से घर आया तो सुहानी ने सीमा जी की सारी बातें उसे बता दी !!

सागर बोला – सुहानी , मम्मी की आदत तो तुम जानती ही हो , उनको समझाना मतलब भैस के आगे बीन बजाना जैसा हैं !! एक काम करता हुं मैं ही इस समस्या का कुछ ऐसा समाधान निकालता हुं जिससे सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे !!

सुहानी बोली मतलब मैं कुछ समझी नहीं !!

सागर बोला कुछ नहीं मैं कल ही इस समस्या का समाधान निकाल लुंगा !!

दूसरे दिन सागर ऑफिस से आते हुए बहुत सारे डॉयफ्रूटस , फ्रूटस और हेल्दी डॉइट वाली चीजे ले आया !!

आधा सामान उसने सीमा जी को घर के लिए पकड़ाया और दूसरा आधा सामान वह सुहानी के लिए कमरे में ले आया और बोला – सुहानी अब जब भी तुम्हें भूख लगे तुम यह सब खा लेना !!

सुहानी काजू , बादाम , किशमिश और मेवे देखकर बहुत खुश हुई और बोली – थैंक यूं सागर !!

यह सब अभी इस हालत में मेरे बच्चे के लिए बहुत जरूरी था !!

सागर बोला – सुहानी यह बच्चा जितना तुम्हारा हैं उतना मेरा भी तो हैं , इसका ध्यान हम दोनों को मिलकर रखना हैं !!

दूसरे दिन जब सीमा जी ने सुहानी को रोज की तरह कम खाना पकड़ाया सुहानी ने खाने को लेकर कोई शिकायत नहीं की और चुपचाप कम खाना खाकर सो गई !!

सीमा जी को अचरज हुआ कि आज सुहानी ने खाने को लेकर क्यूं कोई शिकायत नही की , उनसे रहा ना गया यह जानने के लिए उन्होंने सुहानी के कमरे के बाहर तीन चार चक्कर लगा दिए और चुपके से उसके कमरे में झांकने लगी तभी उन्होंने देखा कि सुहानी पैकेट में से काजू और किशमिश खा रही हैं , वे तुरंत कमरा खोलकर अंदर घूस गई और बोली वाह !! तो तुम मिया बीवी मिलकर मुझे उल्लू बना रहे हो !!

उन्होंने ड्रॉयफूटस के सारे पैकेट सुहानी से छिन लिए और जाकर रसोई में रख आई फिर वापस सुहानी के कमरे में आकर बोली – यहां बेटा भर भरकर काजू , किशमिश , मेवे खिला रहा हैं उसकी पत्नी को और मैं रसोई में बस काम करने को हु !!

सुहानी एकदम रुआंसी हो गई जैसे किसी ने उसकी चोरी पकड़ ली हो मगर वह भी क्या करती भूख पर कैसे कंट्रोल करती वह भी इस अवस्था में !!

थोड़ी देर में सागर ऑफिस से आ गया , सीमा जी बोली तु भी बहू के बहकावे में आ गया , आज चुपके चुपके उसके लिए मेवे किशमिश ला रहा हैं , कल के दिन चुपके से यह घर , जायदाद भी उसके नाम कर देगा और हमें भी घर से निकाल देगा , यही दिन देखने के लिए बड़ा किया था क्या तुझे !!

सागर बोला – मां बात का बतंगड़ क्यूं बना रही हो ?? मैं घर के लिए भी तो ड्रॉयफ्रूटस लाया हु , अकेले सुहानी के लिए तो नहीं लाया ना और वह भी तुम इसे खाना देने में कंजुसी ना करती तो ऐसे चुपके से मुझे ड्रॉयफूटस उसके कमरे में ना रखना पड़ता !!

डॉक्टर ने उसे बेडरेस्ट और अच्छा खाना खाने की सलाह दी हैं मगर तुम तो बस इसे ताने अच्छे से दे रही हो , और हां मां यह सारी सुहानी की रिपोर्टस देख लो सागर कपबोर्ड में से सुहानी की रिपोर्टस निकालते हुए बोला – चाहे तो किसी प्रेग्नेंसी के डॉक्टर को दिखा दो , सुहानी को डॉक्टर ने कंपलीट बेडरेस्ट बोला हैं , हम घर में ऐसा झूठ क्यों बोलेंगे ?? आपसे सिर्फ आगे के बचे छः महिने नहीं निकाले जा रहे , सुहानी को कम खाना दोगी तो इस पर और बच्चे पर क्या असर पड़ेगा मां जानती भी है आप ??

सीमा जी बोली अब समझी तू यह बहू की भाषा बोल रहा हैं अब तू हमारा बेटा कम इसका पति ज्यादा हो गया हैं , तेरी पत्नी मां बनने वाली हैं मगर मैं तो एक मां हूं समझा !!

यह सब दृश्य सीमा जी के पति राजकिशोर जी गेट से देख रहे थे वे अंदर आए और बोले भाग्यवान !! यह सब क्या सुन रहा हुं मैं ?? हमारी बहू प्रेंग्नेंट हैं और तुम उसे कम खाना दे रही हो !! तुम्हें तुम्हारे आने वाले पोते या पोती के लिए कोई प्यार नहीं हैं , तुम्हें घर का काम क्या करना पड़ा कि तुम इतनी क्रूर हो गई अपने ही बेटे और उसकी पत्नी के लिए इतनी घटिया सोच रखने लगी ??

एक काम करो सागर मैं तुम्हें एक घर खरीद कर देता हु , तुम और तुम्हारी पत्नी अलग रहने चले जाओ , जहां शांति हो, सुकुन हो , यह रोज रोज की चिक चिक नहीं !!

सीमा जी बोली – यह क्या कह रहे हैं आप ?? एक ही तो बेटा हैं हमारा और आप उसे भी हमसे अलग कर रहे हैं !!

राजकिशोर जी बोले – यह बात तुम्हारा बेटा भी बोल सकता हैं , यदि तुमने उसके साथ और उसकी पत्नी के साथ ऐसा ही दुर्व्यवहार बरकरार रखा तो वह हमारे साथ क्यों रहेगा ??

इसलिए समय रहते संभल जाओ सीमा वर्ना पुरी जिंदगी अकेले बितानी होगी !!

सीमा जी नहीं चाहती थी कि उनका इकलौता बेटा उनसे हमेशा के लिए दूर चला जाए इसलिए उन्होंने इस बात को रफा दफा किया और थोडी देर बाद बहू के हाथ से जो किशमिश , मेवे छिनकर चली गई थी उसे वापस सुहानी को उसके कमरे में देकर चली गई , उन्होंने सुहानी के सामने नहीं देखा क्योंकि वे अपने किए पर बहुत शर्मिंदा थी !!

वे ओर शर्मिंदगी नहीं उठाना चाहती थी इसलिए बिना कुछ बोले अपने काम में लग गई !!

अब वे सुहानी को दोनों समय का बराबर खाना देती थी !! राजकिशोर जी कहीं फिर से सीमा जी को डांट फटकार ना लगा दे कुछ इस डर से तो कहीं बेटा बहू यह घर छोड़कर अलग ना रहने चले जाए कुछ इस डर से !!

दोस्तो , कुछ सासे ऐसी ही हरकते कर बेटे बहू को अपने से अलग रहने पर मजबूर कर देती है और फिर उनके अलग चले जाने के बाद भी सारा इल्जाम उन्हीं पर लगाती है और खुद बेचारी बनती हैं !!

यहां तो सीमा जी वक्त रहते संभल गई मगर आज भी ऐसी सासे मौजूद हैं जिन्हें वक्त रहते बदलने की जरूरत है !!

दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया जरूर बताइए तथा ऐसी ही अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए मुझे फॉलो अवश्य कीजिए !!

आपकी लेखिका

स्वाती जैंन

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!