निम्मी और विम्मी दोनो देवरानी और जेठानी थे।निम्मी हर काम में निपुण जबकि विम्मी बड़बोली थी पर उसे कुछ आता जाता नहीं था।हर समय वो ये ही सोचती की कैसे निम्मी का काम बिग।ड़े।एक बार उनकी ननद का बेटा संजय जो १५ साल का था उनके घर रहने आया।
निम्मी उसका बड़ा ध्यान रखती और विम्मी उसे बाहर से मंगवा मंगवा कर खिलाती तो वो भी उसकी बोली बोलता एक दिन निम्मी की सास ने एक सोने का हार निम्मी को दिया बोली बहु इसे संभाल कर रखना ये तुम्हारी ननद का है उसके ससुराल में शादी है उसे वहां पहनना है
ये देख विम्मी को बड़ा गुस्सा आया जब निम्मी काम कर रही थी वो चुप चाप उसके कमरे में गई और वो हार निकाल लिया।दो चार दिन बाद उसकी ननद रीना अपने बेटे को लेने और हार ले जाने आई।सास बोली निम्मी बहु हार ले आओ।निम्मी।बोली जी मां छुट्टी थी सब नाश्ता कर रहे थे।निम्मी सब को नाश्ता दे
हार का डिब्बा उठा लाई और सास को दे दिया। रीना ने डिब्बा खोला तो हार नहीं था ।रीना बोली हार कहा है निम्मी बोली मां ने जैसा डिब्बा मुझे दिया था वैसे ही मैने आपको दे दिया मैने तो खोल कर भी नहीं देखा। सास बोली निम्मी बहु तुमसे ऐसी लापरवाही कैसे हो गई हार किसे दे दिया।निम्मी का पति मोहन चिल्लाने लगा
क्या खो दिया हार तुमने तुम कितनी बेवकूफ हो।तभी संजय वहां आया बोला क्या हुआ रीना बोली तेरी दादी का हार तेरी मामी ने खो दिया।संजय बोला वो हार तो विम्मी मामी के पास है।विम्मी बोली पागल है क्या बोल रहा है।संजय को वीडियो बनाने का बड़ा शौक था जिस समय विम्मी हार निकाल रही थी तब भी वो
वीडियो बना रहा था उसमें वो सब कैद हो गया ।वही वीडियो उसने सब को दिखा दिया।सब हैरान थे सब से ज्यादा निम्मी ।निम्मी बोली तुमने ऐसा क्यों किया? विम्मी के पास कोई जवाब नहीं था। संजय ने उसका कच्चा चिट्ठा खोल दिया था।उस वीडियो में कैसे वो निम्मी के कामों में गड़बड़ करती थी वो भी रिकॉर्ड था। विम्मी अपना सा मुंह ले खड़ी थी।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी