मानसी को लोग देखकर यहां वहां भाग जाते थे लोग सोचते थे कि यह आएगी और बताने लगेगी की हमें कैसे रहना चाहिए क्या करना चाहिए
क्योंकि मानसी एनजीओ में काम करती थी और दिनभर उसे कई लोगों को समझाना पड़ता था कि हमें अच्छे से रहना चाहिए और हमें पढ़ लिखकर अच्छे संस्कार रखना चाहिए
पर किसी को यह सब बातें अच्छी नहीं लगती थी एक दिन पड़ोस में रहने वाली मीता देवी की बहुत तबीयत खराब हो गई तब वहां से मानसी गुजर रही थी
लोग देखकर उन्हें जा रहे थे तब मानसी ने कहा कि आप लोग इनको देखकर जा रहे हैं और इन्हें और हॉस्पिटल क्यों नहीं लेकर जा रहे हैं तब लोगों ने कहा कि
उनका बेटा कुछ देर बाद आने वाला है जबकि उनका बेटा 100 किलोमीटर की दूरी पर रहता था वह कार से आ रहा था लेकिन उसे बहुत वक्त लग रहा था
तब मानसी ने हिम्मत करके आंटी मीता को अस्पताल ले गई और उन्हें एडमिट कर दिया जब उनका बेटा रोहन अस्पताल पहुंचा तो
मानसी को बहुत धन्यवाद कहा क्योंकि डॉक्टर कह रहे थे यदि यह वक्त पर नहीं लाती तो उनके साथ कुछ भी हो सकता था
आज मानसी ने वक्त पर अपना काम किया और दूसरों की मदद करके उनके जीवन को बचा लिया यही सच्चा मानव धर्म है।
विधि जैन