दोस्ती  – डॉ रश्मि सक्सेना

 सुगंध को आज मॉल में कुछ जाना पहचाना सा चेहरा दिखा जिसे देखकर कर सुगंध बेचैन हो गई वो जब तक उसके पास पहुंचती वो जा चुकी थी। सुगंध को वो पुराने दिन याद आ गए जब वो और रेखा बहुत ही अच्छी दोस्त थीं।पूरे मोहल्ले में उनकी जोड़ी मशहूर थी, सुगंध कहां मिलेगी?रेखा के पास,और अगर रेखा को ढूढ़ना हो तो सुगंध के यहां देखो। दोनों बचपन से साथ पढ़ती और खेलती थीं कॉलेज आते आते मित्रता घनिष्ट होती गई।सभी यहां तक कहने लगे थे कि इन दोनों की तो एक ही घर में शादी करनी पड़ेगी।

         एक दिन कॉलेज से आते हुए दोनों को देर हो गई, अंधेरा हो गया था तभी 2 -3 लड़के उनके पीछे पड गये, सुगंध बहुत डरपोक थी वो डर के मारे रोने लगी, रेखा ने उससे कहा तुम डरों नही हम कराटे जानते हैं तुम दौड़ लगाओ घर की ओर हम इन्हें भगा के आते हैं. सुगंध वहां से भाग ली रेखा उन लड़कों से भिड़ गई।सुगंध ने घर जाके सबको बताया तो उसके माता-पिता ने उसे घर में अंदर किया और अगले दिन दूसरे शहर चले गए, सुगंध के माता-पिता उसे ननिहाल छोड़ दिए और खुद का भी वहां स्थानांतरण करा लिए वो लोग पुराने विचारों के थे कि बेटी की बदनामी होगी।सुगंध को रेखा के बारे में कुछ पता नहीं चला कि रेखा का क्या हुआ।

    कॉलेज की परीक्षा भी सुगंध ने अपने ननिहाल में दी और जल्द ही लड़का देख कर उसकी शादी कर दी।

शादी के बाद सुगंध मुंबई आ गई क्योंकि उसके पति वहां नौकरी कर रहे थे।आज दस साल बाद वो जाना पहचाना चेहरा दिखा तो सुगंध के दिल में तूफान उठने लगा।




     उधर रेखा को भी लगा उसने कोई जाना पहचाना चेहरा देखा है उसने गाड़ी में बैठकर देखा तो उसे सुगंध जैसी लगी।पर वो सभी सुगंध के अचानक जाने से व उसके पूरे परिवार के शहर छोड़कर बिना किसी से मिले और बिना अपना पता दिए जाने से हैरान थी कि ऐसा क्या हो गया जो वो लोग अचानक बिना किसी को कुछ बताये चले गए ।

        रेखा उन तीनों लड़कों को मार रहीं थी तभी पुलिस की गाड़ी आ गई, पुलिस इंस्पेक्टर राधा जी उस गाड़ी में थीं, वो रेखा की बहादुरी देखकर बहुत खुश हुईं और उन्होंने उन लड़कों को गिरफ्तार करके जैल भिजवा दिया।रेखा को उन्होंने पुलिस फोर्स में भर्ती होने के लिए प्रेरणा दी।रेखा के परिवार को उन्होंने रेखा की बहादुरी के बारे में बताया और उसे पुलिस फोर्स में भर्ती करने के लिए प्रोत्साहित किया।रेखा के माता-पिता अपनी बेटी की बहादुरी से प्रसन्न थे पर उसकी सुरक्षा के लिए चिंतित थे, पर पुलिस में नौकरी करने के बारे में सुनकर निश्चिंत हो गए उन्होंने रेखा को आगे बढ़ाने में पूरी मदद की।रेखा को बहादुरी के लिए सम्मान और पुरुस्कार मिला। आजकल रेखा भी नवीं मुंबई में इंस्पेक्टर के पद पर नियुक्त हैं और उसके पति भी इंस्पेक्टर अनुज अपनी पत्नि व बच्चों के साथ खुश हैं।

         एक दिन अचानक सुगंध का मोबाइल चोरी हो गया तो वो अपने पति सुरेश के साथ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची, वहाँ इंस्पेक्टर के रूप में रेखा को देखकर चौंक गई व बहुत खुश हुई, रेखा ने भी उसे पहचान लिया और सुगंध ने रेखा की बहादुरी का किस्सा जब अपने पति को सुनाया तो वो भी बहुत खुश हुआ कि ऐसी दोस्त बहुत मुश्किल से मिलती है जो अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी दोस्त को बचाती है।




मौलिक/ स्वरचित 

डॉ रश्मि सक्सेना 

विशाखापट्टनम

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