रिक्त स्थान (भाग 15) – गरिमा जैन

हेलो रूपा मैं विक्रम बोल रहा हूं । मैं जो भी कह रहा हूं वह ध्यान से सुनना। यह केस इस समय बहुत नाजुक मोड़ पर है। हमें स्वाति का पता किसी हाल में भी लगाना है ।मेरे खबरी ने हमें बताया है कि शायद स्वाति किसी रिहैब सेंटर में इस वक्त भर्ती है। उसने बहुत सारी ड्रग्स ली थी ।उसके मां-बाप शायद इसीलिए हम से यह बात छुपा रहे थे। वह नहीं चाहते यह बात सामने आए ।हमने रिहैब सेंटर से भी कांटेक्ट करने की कोशिश की लेकिन उनका कहना है कि उनकी पॉलिसी के तहत वह अपने किसी भी पेशेंट का नाम सार्वजनिक नहीं करते ।”

” मैं समझ नहीं रही जीजू मुझे क्या करना होगा? मैं किस तरह से आपकी मदद कर सकती हूं !”

“तुम्हें थोड़ा सा अपना गेटअप चेंज करना होगा । जिस तरह से एनजीओ में काम करने वाली महिलाएं होती हैं ।जैसे कॉटन की साड़ी ,बड़ा चश्मा लगाकर ,बालों का जुड़ा बांध के और शुद्ध हिंदी में बात करना ।तुम्हें स्वाति के घर जाना होगा ।मैं तुम्हें उस रिहैब सेंटर का नाम पता बता रहा हूं ।तुम्हें यह दिखाना होगा कि तुम उस रिहैब सेंटर की तरफ से कुछ जानकारी एकत्रित करने आई हो लेकिन तुम्हें अपनी पहचान छुपा कर रखनी होगी ।तुम्हें उन्हें अपना नाम नहीं बताना होगा ।

“जी जी  मैं समझ रही हूं  ।मैं यह काम कर लूंगी, आप चिंता ना करें ।”

“ठीक है रूपा तुम्हें आज दोपहर 12:00 बजे स्वाति के घर जाना होगा । हमारा एक आदमी तुम्हें उसके घर तक छोड़ देगा और तुम्हें व्हाट्सएप पर मैं रिहैब सेंटर की सारी डिटेल भेज रहा हूं ।ध्यान रखना काम बहुत होशियारी से होना चाहिए । जरा सी गलती से पूरा केस खराब हो जाएगा ।अगर स्वाति रिहैब सेंटर में नहीं है तो हमारे लिए खतरे की घंटी होगी।

उधर शहर से दूर सुनसान सड़क पर खड़ा एक मकान जिसमें शायद कोई नहीं रहता। घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा है ।ना कोई दरबान है ना कोई आदमी वहां दिखता है ।पूरा बगीचा भी अस्त-व्यस्त है। घर के पिछवाड़े में काले रंग की मर्सिडीज खड़ी है। अंधेरे कमरे में छोटा सा एक बल्ब अपना मध्यम प्रकाश फैला रहा है और उस मध्यम प्रकाश में कुर्सी पर बैठे दो लोग दिख रहे हैं ।जितेंद्र और रेखा!! जितेंद्र के पैर अब रस्सी से नहीं बंधे है। उसे खुला रखा गया है क्योंकि अब उसके शरीर में इतनी ताकत ही नहीं है कि वह अपने बल पर खड़ा भी हो सके ।हालांकि रेखा को अभी भी रस्सियों से बांधा गया है। हाथों में दस्ताने ,छोटी सी ड्रेस पहने ऊंची एड़ी की सैंडल  में एक लड़की आगे बढ़ रही है ।वह फ्रिज में से एक छोटी सी इंजेक्शन की बोतल निकालती है और उसे सुई में भर्ती है ।रेखा बेहोश है। रेखा की बाजू पर वह इंजेक्शन लगा देती है ।रेखा हल्का सा कराहती है और वापस बेहोशी की हालत में सो जाती है। जितेंद्र शायद होश में है ।वह कहता है

” नैना जो तुम कहोगी मैं वह करूंगा !प्लीज रेखा को छोड़ दो !तुम जैसा कहोगी वैसा ही होगा नैना ।”

नैना तीखी मुस्कान हंसती है ।अब बहुत देर हो गई है जितेंद्र! तुम मेरे किसी लायक नहीं रहे। मैंने तुम्हारे शरीर में इतना जहर भर दिया है कि तुम अब कुछ दिनों के ही मेहमान हो ।जब मैं तुम से विनती करती थी, तुम्हे अपनी मोहब्बत की दुहाई देती थी तब तो मुझे दुत्कार के  हटा देते थे ।पहले स्वाति और अब यह रेखा !स्वाति का शरीर तो मैं कब का खराब कर चुकी  ।उसे मैंने ड्रग्स की ऐसी लत लगाई की अच्छी भली लड़की आज मौत के कगार पर खड़ी है। रिहैब सेंटर में शायद अपनी अंतिम सांसे गिन रही है और एक है ये रेखा !इसका कसूर यह है कि तुम इससे प्यार करते हो !अब कुछ नहीं हो सकता जितेंद्र ,कुछ भी नहीं  ।मुझे कोई नहीं पकड़ पाएगा। मैं कोई सुराग अपने पीछे छोड़ती ही नहीं हूं ।सिर्फ 2 दिनों में मैं तुमसे और रेखा से हमेशा के लिए छुट्टी पा जाऊंगी ।ना यह घर मेरे नाम पर है, ना यह गाड़ी! किसी ने मुझे नहीं देखा है  ।मुझे कोई नहीं पकड़ पाएगा ।मैं कानून के शिकंजे से बहुत दूर  विदेश निकल जाऊंगी। फिर मेरे दिल में तसल्ली होगी कि जिसने मेरा दिल तोड़ा था मुझे खून के आंसू रुलाए थे ,मैंने उसकी जिंदगी खत्म कर दी और साथ में उसकी महबूबा की जिंदगी भी खत्म कर दी है!!!! कहकर नैना पागलों की तरह हंसने लगती है ।

रेखा कभी-कभी होश में आती थी और फिर से बेहोश हो जाती। जितेंद्र बिल्कुल बच्चे की तरह रोने लगता है, लेकिन नैना का दिल नहीं पसीजता क्योंकि उसने अपनी आत्मा को शैतान के हाथ बेच दी है ।शैतान उसे जीत तो दिलवा रहा है लेकिन उसके जमीर को खाता जा रहा है।

उधर रूपा घबराई हुई सी इंस्पेक्टर विक्रम को फोन करती है। हेलो जीजू बहुत जरूरी बात मुझे आपको बतानी है। हम सब गलत दिशा में जा रहे थे। मैं आज जब स्वाति के घर गई तो मुझे एक अलग ही बात मालूम पड़ी…. नैना नैना इसमें इंवॉल्व है!!

तुम किसकी बात कर रही हो नैना मल्होत्रा की !!मल्होत्रा ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की मालकिन !! वह तो बहुत बड़ी शख्सियत है वह ऐसा काम क्यों करेगी ?उसे भला जितेंद्र और  रेखा से क्या दुश्मनी हो सकती है?

मैं बिल्कुल ठीक कह रही हूं  ।स्वाति के मां बाप ने मुझे बड़ी अजीब सी बात बताई। उन्होंने कहा कि स्वाति ने जितेंद्र से शादी करके अपनी जिंदगी तबाह बर्बाद कर ली। जितेंद्र बुरा नहीं था ।उन दोनों की तो बहुत अच्छे से निभ रही थी लेकिन नैना ने दोनों की जिंदगी में जहर घोलना शुरू कर दिया। उसने स्वाति को ड्रग्स का लती बना दिया और उसने एक बार स्वाति से कहा था कि स्वाति की उससे कोई दुश्मनी नहीं वह तो जितेंद्र से बेपनाह मोहब्बत करती है और उसे पाने के लिए वह कुछ भी कर सकती है, किसी भी स्तर तक गिर सकती है। मुझे पूरा यकीन है कि नैना मल्होत्रा जब उस दिन रेखा को पार्टी में मिली थी तब उसने जानबूझकर रेखा की ड्रेस पर वाइन गिरा दी थी। हर समय वह रेखा को घूर रही थी और उससे कहा था कि वह उस से बच के रहें!!! अगर उसके रास्ते में आई तो उसका भी हाल स्वाति जैसा होगा !!

“लेकिन रूपा तुमने यह बात मुझे पहले क्यों नहीं बताई ?यह इतना इंपॉर्टेंट था केस के लिए। तुम मुझे बताना कैसे भूल गई नैना मल्होत्रा के बारे में।  वह हमारी प्राइम सस्पेक्ट हो सकती थी। हम अभी तक उसे गिरफ्तार कर चुके होते ।बल्कि हो सकता है वह रेखा को अगवा ही ना कर  पाती ।नैना को हमें जल्द से जल्द ढूंढना होगा। वह शातिर खिलाड़ी है ।हमें एक-एक कदम फूंक कर रखना होगा!!!

रिक्त स्थान (भाग 16)

रिक्त स्थान (भाग 16) – गरिमा जैन

रिक्त स्थान (भाग 14) – गरिमा जैन

गरिमा जैन 

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