मेरे मायके में ऐसा करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई? – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज सोनम को चाचा के यहां शादी में जाना था सुबह -सुबह ही वे लोग शामियाना पहुंच गए। सुबह दस पहुंच कर देखा तो मैदान खाली था । फिर वह वहां पर हाल के पास पहुंची तब चाचा जी ने बताया सब लोग घर  से आ रहे हैं। मेहमानों के लिए यहां बहुत से कमरे है,

सोनम तुम लोग भी अपना सामान  रखकर फ्रेश होकर नाश्ता करने आ जाओ। दामाद मनोज जी से पूछा- “लाला जी आप लोगों को यहां आने में कोई परेशानी तो नहीं हुई।”

तब उन्होंने कहा कि सोनम ने एड्रेस ले लिया था।तो कोई परेशानी नहीं हुई। फिर चाचा जी बताया कि दस बजे लगुन चालू होगी।आप लोग नाश्ता करके तैयार हो जाइएगा।  हम लोग फिर मिलते हैं।

थोड़ी देर बाद ••••

अब तैयार होकर मनोज जी मार्केट निकल गये।

उन्होंने सोचा कि यहां अच्छे कपड़े बच्चों को दिला देंगे। फिर जो मनोज जी बच्चों को लेकर  नाश्ता करके निकले।वो शाम को शामियाना में पहुंचे।पूरे दिन में जो मेहमान और रिश्तेदार सोनम से मिलता तो वह यही पूछता दामाद जी कहां गए?

तब वो जवाब देती कि मार्केट चले गए।

सोनम ने अकेले ही लगुन, रिंग सेरेमनी ,चीकट और निकासी का कार्यक्रम अटैंड किया। आखिर उसके चाचा के बेटे मिंटू की शादी थी। सब जीजा जी को पूछें तो उसे मनोज के ऊपर गुस्सा आ रहा था।फिर भी चेहरे पर झूठी मुस्कान ला रही थी।

फिर जैसे तैसे शाम को जब मनोज जी वापस पहुंचे तो उसने मनोज जी को सबसे मिलाया।

तब वो चाची की बहनें, भाभी ,भाई  और भी रिश्तेदारों से मिले।पर मनोज की नजर चाची की बहन की बेटी  सुहाना पर टिक गई।



अब सब  बारात के लिए तैयार हो गये। बारात के लिए मनोज जी ने अपने बीबी बच्चों का बहुत अच्छे से ख्याल रखा। उनकी पत्नी बहुत सुंदर लगे ऐसी उनकी सोच थी।वो हमेशा अच्छे से अच्छा सोनम को पहनने के लिए लाते थे। वो चाहते थे. 

मेरी पत्नी सबसे सुंदर दिखे।पर ऐसा कहां होता है।सोनम भी दो बच्चों की मां बन चुकी थी।उम्र का असर तो दिखता ही है। शादी के बाद अच्छे खानपान की वजह से मोटी भी हो गई थी।अब अठारह साल की लड़की की तरह नाजुक और कमसिन सी नहीं दिख सकती।खैर••••

अब बारात लग गई। जयमाला का समय था। चाची की बहन की बेटी सुहाना बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। उसने सुंदर सा लंहगा चुन्नी पहना था। बस फिर क्या था,मनोज जी सबसे नजर बचाकर सुहाना के पीछे- पीछे जाते।एक दो बार सुहाना ने नजरांदाज किया। फिर भी कोई व्यक्ति आसपास रहे तो नजर चली ही जाती है।

सुहाना  थोड़ी देर में यहां वहां चली जाती। फिर उसे लगने लगा जैसे  वो उनकी पिक तो वो नहीं ले रहे हैं।उनके हाथ में सुहाना ने मोबाईल भी देखा था इसलिए उसे संदेह हो रहा था।

और सोनम भी बहन और रिश्तेदारों के साथ थी।उसका उस बात पर ध्यान नही दिया। उसके पति साथ नहीं तो क्या कर रहे हैं। उसने सोचा जीजा जी के साथ होंगे।वह निश्चिंत थी।उसे क्या पता था, उसके पति क्या कर रहे हैं।अब जय माला होने लगी।तब  सब मनोज जीजा को ढूंढने लगे।वो नज़र नहीं आए।

लेकिन मनोज जी तो उस सुहाना का पीछा कर रहे थे।जिस तरफ जाती वो वहां पहुंच जाते।अब सुहाना भी काफी परेशान हो गयी थी। मम्मी और मौसी के सामने झूठी हंसी का दिखावा कर रही थी।

अब उसके चेहरे को उसकी मौसी और मम्मी भांप गई आखिर सुहाना को क्या हो गया।वो डरी हुई सी क्यों है। फिर उसे मौसी और मम्मी कमरे में ले गए। और पूछने लगे आखिर सुहाना बेटा ऐसा क्या हो गया हैं कि खुश नहीं लग रही हो?

तो वो सिसकते हुए बोली- मम्मी मौसी के दामाद जो मनोज जी मेरा बहुत देर से पीछा कर रहे हैं।

अब क्या था••••



स बात की भनक चाचा जी को लग गई। आखिर उनकी घर की लड़की की बात है।अब वो यहां वहां काम निपटा कर सीधे उनके पास  पहुंच कर उन्होंने पूछा कि लाला जी आप  हमारी घर की बेटी सुहाना का पीछा क्यों कर रहे थे। वो एकदम से सहम गई है। कृपया आप पद की गरिमा बनाए रखें। अगर आपने कोई फोटो की सुहाना ली है तो दिखाएं।

फिर उन्होंने कहा -नहीं मैं कोई पीछा नहीं कर रहा था।आप चाहें तो मोबाइल चैक कर लें। मैंने कोई फोटो नहीं खींची। फिर चाचा जी ने चैन की सांस ली। सुहाना की मम्मी और सुहाना से कहा – “बेटा मैंने बात कर ली है।अब तुम निश्चिन्त रहो।”

फिर दूसरे दिन जब विदाई हो गयी। तब चाचाजी के पास आखिरी बार मिलने  मनोज जी और सोनम पहुंचे।तब चाचा ने सुहाना से सामना कराया, सुहाना से पूछा क्यों रात में इन्होंने ही परेशान किया।तब तो उन्हें देखकर और जोर से रोने लगी।सब  सकपका गये।

तब चाची और उसकी मम्मी ने कहा –मेरी बेटी को इस तरह परेशान करने की हिम्मत कैसे हुई? मेरी बेटी क्यों झूठ बोलेगी।

तब सोनम ने बात संभालते  हुए कहा कि हमारे जेठ का लड़का नवीन है, उसके लिए उसे पसंद कर रहे थे।



तब चाचा जी ने कहा-” लड़का लड़की को पसंद करने के पहले माता पिता से बात करनी पड़ती है।न कि उसका पीछा करते हुए परेशान किया जाता है ।फिर मनोज ने कहा- हां हां मेरी ग़लती है। मुझे उसके पीछे पीछे नहीं जाना चाहिए था।कि वह घबरा जाए।

अब जैसे तैसे मायके में सोनम ने बात संभाल ली।पर उसने मम्मी पापा को बुलाकर ससुराल में सबके सामने ये बात रखी कि किसी के यहां पहुंच कर ऐसी हरकत करना शोभा देता है। मेरे मायके में ऐसा करने की आपकी हिम्मत कैसे हुई?

अगर मैं वहां बात न संभालती तो आपने तो मेरी और इस परिवार की किरकिरी ही कर दी थी। मेरे मायके व रिश्तेदारों के बीच आपकी क्या इज्जत रह जाती। कैसा है सोनम का पति जो‌ दूसरे पर नजर रखता है। तब  सब ने उन्हें समझाया कि ऐसी हरकतें शोभा नहीं देती। बेटा तुम्हारी इस घर के  प्रति भी जिम्मेदारी है तुम्हारे बीबी बच्चे हैं।कम से कम इतना तो सोच लेते!

ये सब अपने पिता जी और सास ससुर के मुंह सुन कर मनोज जी ने अपनी ग़लती मानी। कहा कि अब ऐसा दोबारा नहीं होगा।

दोस्तों -लड़के शादी में ऐसी हरकत क्यों करते हैं कि उन्हें और उनके परिवार को शर्मिन्दा होना पड़े। अगर शादी के बाद लड़की ऐसा करें तो क्या पति माफ़ करेगा।और ससुराल वाले लड़की के चरित्र पर सवाल नहीं उठाएंगे। क्या शादीशुदा पुरुष को ऐसी हरकतें करनी चाहिए!आज भी पुरुष समाज में ऐसी हरकतें क्यों करते हैं।

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आपकी अपनी दोस्त ✍️

अमिता कुचया

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