घमंडी चेहरा – माता प्रसाद दुबे : Short Hindi Kahani

सुबह के आठ बज रहे थे,काम वाली बाई की राह देखते हुए रागिनी गुस्से से लाल पीली हो रही थी,घर का सारा काम काम वाली बाई के देर से आने की वजह से काफी देर से होता था,रागिनी खुद कुछ भी नहीं करती थी,वह हमेशा अपने चेहरे की खूबसूरती निहारतीं रहती थी,वह खुद को किसी … Read more

एन, जी,ओ, –  माता प्रसाद दुबे

रात के बारह बज रहे थे। गीता कमरे में गुमसुम उदास बैठी बार-बार खिड़की से बाहर की ओर देख रही थी। उसका पति रवि अभी तक घर वापस नहीं आया था। उसे अपनी जिंदगी में सिर्फ घनघोर अंधेरा ही दिखाई दे रहा था।दो साल पहले ही उसकी और रवि की शादी हुई थी। एक साल … Read more

स्वार्थी बेटा – माता प्रसाद दुबे Moral Stories in Hindi

दो दिन गांव में बिताने के बाद रवि वापस घर आ रहा था। उसे अपनी अम्मा की चिंता हो रही थी। जिसे वह ईश्वर की तरह पूजता था। जो दमा की बीमारी से पीड़ित थी। उसके बड़े भाई किशन भाभी सीमा व पांच साल का भतीजा अंकित उसकी अम्मा पुष्पा देवी के पास घर पर … Read more

सौतेली माॅ॑ – माता प्रसाद दुबे

रमादेवी गुमसुम उदास बैठी कमरे की दीवार पर लगी तस्वीर को एकटक देख रही थी। एक साल पहले का,आज वही दिन था..जिस दिन रवि के पापा एक दुर्घटना में परलोक सिधार गए थे। पैंतीस वर्ष तक रेलवे में गार्ड के पद पर ईमानदारी से कार्य करते हुए कुछ महीनों बाद ही वे सेवानिवृत्त होने वाले … Read more

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