ये कैसी नौकरी है?-मुकेश कुमार

संध्या का एक कुरियर कंपनी में मार्केटिंग हेड का इंटरव्यू था उसके लिए जल्दी से तैयार होकर वह बस स्टॉप पर बस का इंतजार कर रही थी लेकिन काफी देर हो गया फिर भी बस नहीं आ रही थी और इंटरव्यू का टाइम 11:00 बजे निश्चित था.संध्या सोच रही थी कि अब अगर वह बस पकड़े ही तो इंटरव्यू नहीं  नहीं दे पाएगी इस वजह से उसने एक ऑटो वालों को हाथ दिया और नोएडा चलने के लिए बोला।

संध्या ने ऑटो वाले को ऑटो  थोड़ा तेज चलाने के लिए बोला क्योंकि 11:00 बजे तक उसको किसी भी हाल में पहुंचना था।  ऑटो वाला बोला मेम मैं कितना भी तेज चला लूँ लेकिन इतनी ट्रैफिक में मैं तेज कैसे चला सकता हूं।  अब मैं गाड़ी उड़ाकर तो ले नहीं जाऊंगा। संध्या को ऑफिस पहुंचते पहुंचते 11:30 बज गए थे।

जैसे ही कंपनी के दरवाजे पर पहुंची उसने सिक्योरिटी गार्ड को अपना रिज्यूमे दिखाया और बोला कि मेरा आज इंटरव्यू है.   गार्ड ने संध्या का इंटरव्यू लेटर देख कर अंदर जाने के लिए दरवाजा खोल दिया। सध्या जल्दी से लिफ्ट मे चढ़ कर बिल्डिंग के 10 वें माले पर पहुंची और वहां बैठी  रिसेप्शनिस्ट से बोली कि “मेरा नाम संध्या अग्रवाल है और मैं यहां के एमडी से मिलना चाहती हूं। 11:00 बजे मेरा इंटरव्यू के लिए एप्पोइंटमेंट था। मगर ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से मैं समय पर नहीं पहुंच पाई।  क्या आप मेरी मुलाकात उनसे करवा सकती हैं?”



रिसेप्शनिस्ट  ने एमडी सर को फोन लगाया और उसके बाद एमडी सर के कमरे में गई और वहां से एक लेटर लेकर आई और संध्या को पकड़ाते हुए बोला।  “बधाई हो मैडम आपका मार्केटिंग हेड के लिए सिलेक्शन हो गया है।”

लेकिन एमडी सर आज बहुत ही ज्यादा बिजी है इस वजह से आपकी मुलाकात उनसे नहीं हो सकती है।  संध्या बहुत ही आश्चर्यचकित थी कि बिना इंटरव्यू दिए उसकी नौकरी कैसे लग गई। रिसेप्शनिस्ट संध्या के चेहरे  को देखकर बोला आपको इसमें इतना आश्चर्यचकित होने की जरूरत नहीं है सर आपकी क्वालिफिकेशन देखकर बहुत ही प्रभावित हुए।  इस वजह से इस जॉब के लिए आपका सिलेक्शन कर लिया। यह रहा आपका नियुक्ति पत्र ।

रिसेप्शनिस्ट ने संध्या से बोला मैडम नौकरी ज्वाइन होने से पहले आपकी दो तीन शर्ते हैं  जो इस लेटर में लिखा हुआ है। कृपया करके आप इसे पढ़ लें और नीचे साइन करके हमें वापस कर दें।  संध्या बहुत ही खुश हो रही थी अंदर ही अंदर और अब आगे पढ़ रही थी।

लेटर मे लिखा था  कि आपको हमारी कंपनी आज से ही ज्वाइन करनी होगी और कम कम से कम कंपनी में 3 साल का सर्विस एग्रीमेंट करना होगा इसके बदले में कंपनी आपको हर साल 20% का इंक्रीमेंट बोनस भी हर साल देगी।

जब 3 साल का एग्रीमेंट वाला सेंटेंस संध्या पढ़ रही थी उसने रिसेप्शनिस्ट को बोला क्या यह एग्रीमेंटजररूरी है।  जी हां मैडम क्योंकि हम नहीं चाहते हैं कि रोज रोज कंपनी अपना एंप्लोई बदले इसलिए कंपनी चाहती है कि जो भी एंप्लोई रखें वो  कम से कम हमारे साथ 3 साल तो काम करें ही।



संध्या को अभी नौकरी की बहुत ही जरूरत थी इस वजह से कुछ नहीं बोली  इस बारे में और उसने उसी वक्त नीचे साइन कर कर लेटर रिसेप्शनिस्ट को वापस दे दिया।

थोड़ी देर के बाद रिसेप्शनिस्ट ने संध्या से बोला की मैडम कल से सुबह 10:00 बजे टाइम से जरूर आ जाइएगा क्योंकि सर टाइम के बहुत पक्के हैं।

अगले दिन जैसे ही संध्या ऑफिस पहुंची वहां का पीउन  संध्या को उसका चेंबर दिखाने के लिए ले गया जब संध्या अपने चेंबर में घुसी चेंबर को देखकर हैरान ही हो गई इतना आलीशान चेंबर उसने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था। चेंबर में इटालियन फर्नीचर लगा हुआ था।  संध्या मन ही मन खुश हो रही थी कि क्या अच्छी जगह जॉब लगी है और सैलरी भी उसकी सोच से ज्यादा मिल रही है। उस दिन तो संध्या पूरे दिन ऑफिस में बैठी रहे लेकिन कोई काम नहीं बताया गया उसे करने के लिए।

दूसरे दिन ऑफिस पहुंची और पूरा दिन बीत गया आज भी ना कोई फोन कॉल आया और ना ही कंपनी की तरफ से उसे कोई काम बताया गया।

तीसरे दिन जब लंच टाइम हो गया और आज भी कोई काम नहीं बताया गया तो संध्या परेशान होकर नीचे जाकर रिसेप्शन पर बोली थी आज मेरा तीसरा दिन है लेकिन अभी तक मुझे कोई भी कम नहीं बताया गया कि मेरा काम क्या है।

रिसेप्शन पर बैठी लड़की ने संध्या को जवाब दिया मैडम आपको टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।  आपकी सैलरी टाइम पर आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगी। इससे अच्छी बात क्या है कि काम भी ना करना पड़े और सैलरी भी मिले।  मैडम आप टेंशन ना ले जैसे ही कोई काम आएगा आपको बता दिया जाएगा।



अब ऑफिस आते आते  संध्या को 10 दिन से भी ज्यादा हो चुका था लेकिन रोज ऑफिस आती थी और शाम को घर चली जाती वह परेशान हो चुकी थी यह क्या जॉब है जहां पर कुछ काम ही नहीं है ऐसे में तो वह पागल हो जाएगी।  

संध्या जिस ऑफिस के लिए वह खुश हो रही थी वह ऑफिस अब उसे जेल जैसा लगने लगा था। ग्यारहवें दिन  संध्या ऑफिस पहुंचते ही एमडी के कमरे के बाहर बैठी हुई सेक्रेट्री से एमडी से मिलने की बात कही।  सेक्रेटरी ने संध्या से यह कह कर मना कर दिया सॉरी मैडम आज एमडी सर किसी से नहीं मिल सकते हैं क्योंकि आज वह बहुत व्यस्त हैं।

इस बार संध्या सेक्रेट्री पर चिल्लाने लगी और बोलने लगी कि मुझे किसी भी हाल में आपके एमडी से मिलना है यह कैसा जॉब है आज मुझे 11 दिन होने वाले हैं इस कंपनी में अभी तक मुझे कोई काम तक नहीं बताया गया कि मुझे करना क्या है मुझे तो यह भी भरोसा नहीं हो रहा है कि आप लोग सैलरी भी देंगे या नहीं देंगे।  जब मैं कोई काम ही नहीं कर रही हूं तो सैलरी किस बात की लूंगी।

सेक्रेटरी ने संध्या से कहा मैडम शांत हो जाइए अंदर सर कोई अर्जेंट कॉल पर हैं उनको डिस्टर्ब हो रहा होगा।  संध्या ने बोला चाहे कुछ भी हो जाए आज मुझे आपके एमडी से मिलना ही मिलना है या तो मैं रिजाइन देकर जा रही हूं।    सेक्रेटरी ने बोला मैडम आप रिजाइन देकर नहीं जा सकती हैं क्योंकि आपने 3 साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। अगर आप इसको तोड़ती है तो आपको कहीं पर जॉब भी नहीं मिल सकता है और आगे से जुर्माना अलग भरना पड़ेगा।

सेक्रेटरी के पास एक फोन आया और फोन उठाने के बाद सेक्रेटरी ने बोला मैडम अंदर जाइए एमडी सर ने आपको अंदर बुलाया है।



संध्या दरवाजा  के पास जाकर बोली “मे आई कम इन सर”  अंदर से आवाज आई “यस कम इन” । संध्या जैसे ही एमडी के कमरे में प्रवेश किया जो अंदर शख्श बैठा हुआ था उसे देखकर संध्या आश्चर्य से बोली “अनिल तुम! तुम यहां कैसे ? क्या सच में कंपनी तुम्हारी है? और तुम इसके एमडी हो? “।  अनिल बोला हां संध्या मैं ही इस कंपनी का एमडी हूं और यह कंपनी हमारी है।

संध्या ने कहा कि चलो मान लेती हूं कि ये कंपनी तुम्हारी है और इस कंपनी के तुम एमडी हो लेकिन मुझे यह बताओ कि मुझे जिस काम के लिए रखा है फिर मुझे कोई कम क्यो नहीं दिया जाता।

 

अनिल ने जवाब दिया संध्या तुम्हें याद है वह दिन जब हम कॉलेज में पढ़ा करते थे और एक दूसरे से बेहद प्यार करते थे.  मेरे पापा के पास इतने पैसे नहीं थे कि मेरे हॉस्टल की फीस भर सकें। इस वजह से मैं पार्ट टाइम कुरियर बॉय का जॉब करता था।  तभी अचानक एक दिन तुमने मुझसे आकर कहा कि सॉरी अनिल मेरी शादी एक अच्छे बिजनेसमैन से ठीक हो गई है मैं उसी से शादी करने जा रही हूं।  तुम्हें तो पता ही है कि मैं कितनी खर्चीली लड़की हूं और अगर मैं तुमसे शादी कर भी लूँ तो इस कुरियर के जॉब से हमारा खर्चा तो चलेगा नहीं।

मैंने उस दिन तुम्हें कुछ नहीं बोला। लेकिन ज़िंदगी में एक बहुत बड़ी सीख मिली कि अगर तुम्हें अपनी लाइफ सही से बितानी है तो तुम्हारे पास बहुत सारा पैसा होना चाहिए।

 धीरे धीरे  मैंने एक ऑनलाइन कंपनी के कूरियर डिलीवरी करने का कांटेक्ट ले लिया और धीरे-धीरे मेरा काम निकल पड़ा और आज मेरे साथ इंडिया के जाने-माने ऑनलाइन पोर्टल अपनी कूरियर सर्विसेज मुझसे लेते हैं।



 जब हमने मार्केटिंग हेड पोस्ट का विज्ञापन अखबार में दिया था तो हमारे पास बहुत सारे रिज्यूम आए थे।  उसमें से एक रिज्यूम तुम्हारा भी था। मुझे पता था कि तुम्हें मार्केटिंग का बिल्कुल भी अनुभव नहीं है लेकिन मैंने सोचा कि तुम्हारी शादी तो एक अमीर बिजनेसमैन से हुई थी आखिर तुम्हें नौकरी करने की क्या जरूरत पड़ गई।  इसलिए हमने तुम्हें नौकरी पर रख लिया और तुम्हें एक केबिन बनाकर दे दिया क्योंकि तुमसे काम कहां हो पाता तुम तो एक बड़े बाप की रईस लड़की हो। हमने ऑलरेडी एक मार्केटिंग हेड रखा हुआ है जो हमारी कंपनी के काम को बखूबी संभाल रहा है।

आज संध्या को अपने आप पर बहुत ही पछतावा हो रहा था कि जिस लड़के को उसने एक कुरियर बॉय समझ कर छोड़ दिया।  आज उसने उसके मुश्किल वक्त में बिना कोई मार्केटिंग एक्सपीरियंस के जॉब पर रख लिया। वह चाहता तो अपना बदला मुझसे ले सकता था और मुझे जॉब पर नहीं रखता।  लेकिन इसने ऐसा नहीं किया मैं अपने पैसे और अमीरी के नशे में चूर हो गई थी। सही कहा गया है जब जब पेड़ पर फल लगते हैं तो वह पेड़ ऊपर की तरफ नहीं बल्कि नीचे की तरफ झुकता है।

अनिल ने संध्या से पूछा कि आखिर तुम्हें  जॉब करने की जरूरत क्यों पड़ गई। तुम्हारी तो शादी एक अमीर बिजनेसमैन से हुई थी ना।  हां अनिल तुम सही कह रहे हो मेरी शादी तो एक अमीर बिजनेसमैन से हुई थी लेकिन उसे शराब और जुए की इतनी गंदी लत थी कि वह अपना सारा पैसा जुए और शराब में फूंक दिया. स्थिति यह आ गई है कि घर चलाने के लिए एक रुपये भी नहीं है।  आखिर मुझे अपने बच्चों के खातिर जॉब के लिए निकलना पड़ा।

संध्या ने अनिल से कहा “अनिल तुमसे बस इतनी सी गुजारिश है कि मुझे भी कोई काम दे दो मैं बिना काम के तुम्हारे पैसे नहीं ले सकती हूँ।”

दोस्तों वक्त कब किसका पूरा आ जाए कहा नहीं जा सकता इसलिए हमेशा याद रखें रिश्तो की कदर करें पैसे का क्या है यह तो आता जाता रहता है।  लक्ष्मी से किसकी यारी है यह तो कल किसी और के यहां तो कल किसी और के यहाँ बैठी नजर आती हैं।

 

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